M P elections : पंचायत चुनाव बैलेट पेपर और नगरीय निकाय ईवीएम से होंगे, आयुक्त बोले- हम चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार
भोपाल,12 मई (इ खबरटुडे)। मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव दोनों साथ होंगे। दो से तीन दिन में तारीख भी घोषित हो जाएगी।राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कलेक्टर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद कहा कि आयोग चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है।
सुप्रीम कोर्ट के नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव कराने के आदेश जारी करने के बाद राज्य निवार्चन आयोग ने भी तैयारी तेज कर दी है। राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव को लेकर लगातार बैठकें कर रहा है। गुरुवार को आयोग ने सभी जिला कलेक्टर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की। आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कहा कि आयोग चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव दोनों के एक साथ होंगे। पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से होंगे। बता दें अभी तक जिला और जनपद पंचायत जनप्रतिनिधियों के चुनाव होते थे।
आयुक्त ने कहा कि पंचायत चुनाव के हिसाब से प्रदेश में ईवीएम नहीं है। इसलिए पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से होंगे। नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम से होंगे। अभी नगरीय निकाय चुनाव के लिए आरक्षण और परिसीमन का काम भी पूरा हो गया है। पंचायत चुनाव 3 चरण और नगरीय निकाय चुनाव 2 चरण में होंगे। महापौर और अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे। यानी नगर निगमों में महापौर और नगर पालिकाओं में अध्यक्ष को पार्षद चुनेंगे।
आयुक्त ने कलेक्टर्स से कहा कि मतदान केंद्रों का सत्यान कराएं। आयोग को संवेदनशील और अति संवेदनशील केंद्रो की समीक्षा कर जानकारी दें। इस बार पार्षदों को भी निर्वाचन व्यय लेखा देना है, इसके लिए तैयारी कर लें। आरक्षित ईवीएम को सुरक्षित तरीके से निर्धारित स्थानों पर ही रखवाएं। मतपत्र मुद्रण की तैयारी अभी से करके रखे लें और मतपेटियों की जांच करवा लें। रिटर्निंग और सहायक रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति करें। जिला, नगरीय निकाए एवं ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षण के लिए मास्टर ट्रेनकर का चयन करें। आयुक्त ने पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना से भी बात की। उन्होंने कानून व्यवस्था और चुनाव के लिए बल की उपलब्धता पर चर्चा की। आयुक्त ने कहा कि दोनों चुनाव एक साथ कराए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिनों में चुनाव की अधिसूचना जारी करने और बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। इसके बाद राजनीतिक दलों में ओबीसी वर्ग का हितेषी बनने के आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए। साथ ही राज्य निवार्चन आयोग ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई करने बैठकें शुरू कर दीं। बुधवार को राज्य निर्वाचन आयाेग ने 24 मई तक दोनों चुनाव की तारीखें घोषित करने और हर हाल में जून में दोनों चुनाव कराने की बात कही थी। इसके बाद गुरुवार को आयुक्त ने सभी जिलों के कलेक्टर्स के साथ बैठक बुलाई थी।
वहीं, सरकार कोर्ट के फैसले को लेकर मोडिफिकेशन ऑफ ऑर्डर का आवेदन लगाने जा रहा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट कोई नया आदेश जारी नहीं करता है तो निर्वाचन आयोग बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करेगा। हालांकि राजनीतिक पार्टियों ने ओबीसी वर्ग को साधने के लिए निकाय चुनाव में 27% सीटें देने का ऐलान किया है।