December 25, 2024

lockdown in Delhi : दिल्ली में अब प्रदूषण वाला ‘लॉकडाउन’, एक सप्ताह तक सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई और वर्क फ्रॉम होम

pollusion

नई दिल्ली,13 नवंबर (इ खबरटुडे)। दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार ‘गंभीर’ श्रेणी में बने रहने से सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद हरकत में आई दिल्ली सरकार ने सोमवार से दिल्ली में 1 सप्ताह के लिए सभी स्कूल बंद कर दिए हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में 1 सप्ताह के लिए वर्क फ्राम होम लागू होगा। सरकार की ओर से निजी कार्यालयों के लिए भी वर्क फ्राम होम को बढ़ावा देने के लिए अपील जारी की जाएगी। इसके साथ ही सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर भी 17 नवंबर तक रोक लगा दी गई है।

दिल्ली में वायु गुणवत्ता शनिवार को भी गंभीर श्रेणी में है और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 499 पर पहुंच गया है। हालात को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आज शाम एक आपात बैठक बुलाई थी। बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और दिल्ली के मुख्य सचिव ने हिस्सा लिया। इसमें प्रदूषण को काबू करने के लिए कई ठोस कदम उठाने पर चर्चा हुई

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में सोमवार से एक हफ्ते के लिए सभी स्कूल बंद रहेंगे। सिर्फ वर्चुअल क्लास चलेंगी। 14-17 नवंबर तक कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी का काम भी बंद किया जाएगा। सरकारी दफ्तरों को 100 फीसदी वर्क फ्रॉम होम किया जा रहा है तो दफ्तर भी बंद रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर में भी एडवाइजरी जारी की जाएगी कि वहां भी ज्यादा से ज्यादा लोगों को वर्क फ्रॉम दिया जाए। केजरीवाल ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के अनुसार अगर दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बदतर होती है हम लॉकडाउन लगाने के प्रस्ताव पर भी काम कर रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही इसको लेकर एक प्लान पेश करेंगे, जिस पर अलग-अलग एजेंसियों और केंद्र के साथ भी चर्चा की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को बताया आपात स्थिति

बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी को ‘आपात’ स्थिति करार देते हुए और केंद्र एवं दिल्ली सरकार को वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए आपात कदम उठाने के आदेश दिए हैं। चीफ जस्टिस एन.वी. रमण की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि प्रदूषण की स्थिति इतनी खराब है कि लोग अपने घरों के भीतर मास्क पहन रहे हैं। इस बेंच में जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल थे।

बेंच ने कहा कि हर किसी पर किसानों को जिम्मेदार ठहराने की धुन सवार है। क्या आपने देखा कि दिल्ली में पिछले सात दिनों में कैसे पटाखे जलाए गए हैं? यह आपात स्थिति है, जमीनी स्तर पर कई कदम उठाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सोमवार को जवाब मांगा है। कोर्ट ने इसका भी संज्ञान लिया कि राजधानी में स्कूल खुल गए हैं और प्रशासन से कहा कि वाहनों को रोकने या लॉकडाउन लगाने जैसे कदम तत्काल उठाए जाएं।

केंद्र सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब में पराली जलाई जा रही है। बेंच ने कहा कि आपका मतलब यह लगता है कि सिर्फ किसान जिम्मेदार हैं। दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने से जुड़े कदमों का क्या है? मेहता ने स्पष्ट किया कि उनका कहने का मतलब यह नहीं है कि सिर्फ किसान जिम्मेदार हैं।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds