December 24, 2024

elections/मध्‍य प्रदेश में जनता नहीं अब पार्षद चुनेंगे महापौर व निगम अध्यक्ष

25_07_2020-cm_shivraj_singh_chauhan_coronavirus_positive_2020725_121258

भोपाल ,06 जून (इ खबरटुडे)। शिवराज सरकार ने महापौर, अध्यक्षों के पद का चुनाव सीधे जनता से कराने की बजाय पार्षदों से कराने का निर्णय लिया है। यह जानकारी देते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मप्र में आगामी नगरीय निकाय चुनाव में महापौर का चुनाव सीधे जनता द्वारा न होकर चुने हुए पार्षदों द्वारा होगा। इस आशय का निर्णय पिछले विधानसभा सत्र के दौरान ही शासन द्वारा लिया जा चुका है।

अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव होंगे। हालांकि पार्षद जनता के बीच से चुना जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछले डेढ़ साल से एमपी में नगरीय निकाय चुनाव अटके हैं। मौजूदा कोरोना काल को देखते हुए सम्भावना अभी कम है। इस संबंध में नगरीय प्रशासन मंत्री सिंह का कहना है कि कोरोना नियंत्रण पहले है। उसके बाद निर्वाचन प्रक्रिया शुरू होगी।

भाजपा सरकार ने किसी भी निकाय में आवादी के अनुपात के हिसाब से पद आरक्षित किए थे। अभी तक सरकार ने यह तय नहीं किया है कि हाइकोर्ट का निर्णय ही स्वीकार किया जाएगा या उस निर्णय के खिलाफ अपील करेंगे। इस संबंध में राज्य सरकार शीघ्र ही फैसला करेगी।

पहली प्राथमिकता तीसरी लहर से निपटना
उन्होंने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता कोरोना की तीसरी लहर से निपटना है और इसके बाद ही निकाय चुनाव के बारे में फैसला लेंगे। यहां बता दें इसी साल मार्च के महीने में हाइकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने महापौर और अध्यक्षों के आरक्षण पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद अब शिवराज सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। इसके लिए शिवराज सरकार जल्दी विशेष अनुमति याचिका दायर करेगी।

14 मार्च 2021 को साग़र में पत्रकारों से चर्चा में नगरीय प्रशासन और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया था कि इसके लिए प्रशासनिक स्वीकृति दी है। अब हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ के फैसले को शिवराज सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। विशेष अनुमति याचिका दायर करेगी। उल्लेखनीय है कि कमलनाथ सरकार ने जनता की बजाय पार्षद के जरिए चुनाव कराना तय किया था।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds