वसुंधरा राजे को झटका, राजस्थान विधानसभा चुनाव में मोदी ही होंगे चेहरा; अमित शाह ने दे दी नसीहत
जयपुर,10जुलाई(इ खबर टुडे)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जयपुर के अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान चंद पल की मुलाकात में राजस्थान भाजपा नेताओं को गुटबाजी से दूर रहकर एकजुट रहने की नसीहत दी है।सीएम फेस के लिए जारी खींचतान के बीच अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश के चेहरों के आधार पर चुनाव नहीं लड़ा जाएगा।विधानसभा चुनाव 2023 में पीएम मोदी ही चेहरा होंगे।
शनिवार को जयपुर में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 30 वीं बैठक में शामिल होने के बाद अमित शाह पार्टी कार्यालय गए और भाजपा नेताओं संग बैठक की। मीटिंग में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और चंद्रशेखर मौजूद रहे। प्रदेश भाजपा में चल रही अंतर्कलह को थामने के लिए अमित शाह ने एकजुटता का संदेश दिया। सूत्रों के अनुसार अमित शाह ने सभी नेताओं को अनुशासन मे रहकर काम करने के लिए कहा। पार्टी विरोधी गतिविधि किसी भी कीमत पर बर्दास्त नही जाएगी।
अमित शाह ने दिया एकजुटता का संदेश
अमित शाह ने किसी नेता का नाम लिए बगैर गुटबाजी पर लगाम लगाने और पार्टी के कार्यक्रमों-आंदोलनों में कांग्रेस के खिलाफ एकजुट होकर काम करने के निर्देश दिए। अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार की जन नीतियों को राजस्थान की जनता के बीच ले जाना होगा।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के अंत में होने वाले हैं, लेकिन चुनाव से पहले सीएम फेस को लेकर प्रदेश भाजपा नेताओं के बीच खींचतान चल रही है। पार्टी विभिन्न धड़ों में बंटी हुई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी पर लगाम नहीं लग पा रही है। हालांकि, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया किसी तरह की गुटबाजी से इंकार करते हैं।
राजस्थान बीजेपी में आंतरिक कलह
राजस्थान बीजेपी में आंतरिक कलह ने जोर पकड़ रखा है। पार्टी का एक धड़ा वसुंधरा राजे के सीएम बनाने की मांग को लेकर केंद्रीय नेतृत्व पर लगातार दबाव बना रहा है। राष्ट्रीय नेतृत्व सीएम फेस को लेकर अपना नजरिया साफ कर चुका है कि चुनाव पीएम मोदी के चेहरे और पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल के निशान पर ही लड़ा जाएगा।
हाल ही में कोटा में आयोजित हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पार्टी की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई थी। वसुंधरा समर्थक पूर्व विधायक को बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई। जबकि वसुंधरा राजे के पर्सनल स्टाफ के साथ भी धक्का मुक्की हुई। इससे नाराज पूर्व सीएम बैठक बीच में ही छोड़कर चली गई थी।