मध्यप्रदेश में अधिग्रहण के बदले किसानों को मिलेगी विकसित भूमि, सरकार ने दिया तोहफा

मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार की तरफ से किसानों के हित में लगातार फैसल लिए जा रहे है। मध्यप्रदेश में उद्योग विकसित करने के साथ किसानों के लिए भी अलग-अलग योजना लगाई जा रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री मोहन यादव की तरफ से घोषणा की गई है कि जिन किसानों को भूमि उद्योग लगाने के लिए अधिग्रहण की गई है, उसके बदले में सरकार की तरफ से 60 प्रतिशत विकसित भूमि दी जाएगी।
जहां पर किसान अपनी फसल उगा सकेंगे और स्वजरोजगार भी स्थापित कर सकेंगे। सरकार के इस फैसले के बाद किसानों में खुशी जाहिर की है और सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। किसानों ने इस योजना को लागू करने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिले और उनका आभार जताया।
सरकार की तरफ से घोषणा की गई है कि इंदौर-पीथमपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर में प्रदेश के किसानों को विकसित भूमि का 60 प्रतिशत हिस्सा दिया जाएगा। इंदौर-पीथमपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर में विकसित भूमि मिलने के फैसले से किसानों के चेहरे खिल गए है।
1290.74 हेक्टेयर भूमि का किया जाएगा विकास
मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से इंदौर-पीथमपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इसमें सरकार की तरफ से यह मध्यप्रदेश के कोडियाबर्डी, नैनोद, सिन्दोड़ा, सिन्दोड़ी, शिवखेड़ा, नरलाय, मोकलाय, रिंजलाय, बिसनावदा, नावदा पंथ, श्रीराम तलावली, डेहरी, सोनवाय, भैंसलाय, बागोदा, टीही और धन्नड़ को शामिल किया गया है।
इन गांवों में लगभग 1290.74 हेक्टेयर भूमि को विकसित किया जाएगा। जहां पर किसानों को मुआवजे के तौर पर इस जमीन पर 60 प्रतिशत हिस्सेदारी दी जाएगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव की इस घोषणा के बाद इन गांवों के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई और सरकार के फैसले का स्वागत किया। इसके लिए किसानों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से एयरपोर्ट पर मिलकर उनके इस फैसले का स्वागत किया और आभार जताया।