PM’s tough stand: मोदी ने सांसदों से कहा, अपने आप में परिवर्तन लाइए नहीं तो परिवर्तन वैसे भी हो जाता है,बच्चों की तरह बार-बार समझाना मेरे लिए अच्छा नहीं
नई दिल्ली,07 दिसंबर (इ खबर टुडे)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद सत्र के दौरान सांसदों की गैरहाजिरी पर सख्त रुख अख्तियार किया है। बीजेपी संसदीय दल की बैठक में उन्होंने कहा कि सदन में सभी सांसदों को रहना चाहिए। चाहे कोई बिल हो या ना हो।
पीएम ने सख़्ती से कहा कि सांसद अपने में परिवर्तन लाएं नहीं तो परिवर्तन अपने आप हो जाएगा। पीएम ने बीजेपी सांसदों से कहा, ‘कृपया संसद और बैठकों में नियमित रूप से उपस्थित रहे। बच्चों की तरह इस बारे में लगातार जोर देना मेरे लिए अच्छा नहीं है। अगर आप खुद को नहीं बदलते हैं तो आने वाले समय में बदलाव होंगे। ‘
पीएम का यह सख्त रुख ऐसे समय सामने आया है जब संसद के शीत सत्र में विपक्ष एकजुटता दिखाते हुए सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है। विपक्ष की ओर से नगालैंड फायरिंग और सांसदों के निलंबन सहित विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरा जा रहा है।
गौरतलब है कि इससे पहले, संसद के मॉनसून सेशन के दौरान भी राज्यसभा में बीजेपी सांसदों की गैरहाजिरी के मसले पर पीएम ने नाराजगी जताई थी। सूत्रों ने यह जानकारी दी थी। मॉनसून सत्र के दौरान उच्च सदन में बिल पारित होते समय कई सांसद मौजूद नहीं थे, इसे लेकर पीएम ने सख्त रुख अपनाया था। यही नहीं, उन्होंने संसदीय दल की बैठक में राज्यसभा से गैरमौजूद रहे सांसदों के नाम भी मांगे थे।
संसद के शीतकालीन सत्र में यह भाजपा संसदीय दल की पहली बैठक थी। आम तौर पर भाजपा संसदीय दल की बैठक संसद परिसर स्थित लाइब्रेरी बिल्डिंग में होती है लेकिन वहां जारी मरम्मत कार्य के चलते पहले हफ्ते संसदीय दल की बैठक नहीं हो सकी थी। आज की बैठक आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित अन्य नेता उपस्थित थे।
बैठक के बाद संवाददाताओं को संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि राज्यसभा के 12 निलंबित सदस्य अगर आज माफी मांग लेते हैं तो उनका निलंबन वापस ले लिया जाएगा। इन सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर विपक्षी सदस्य संसद के दोनों सदनों में हंगामा कर रहे हैं और इसकी वजह से कामकाज बाधित हुआ है।
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।