Insolvency and Bankruptcy Code/लोकसभा में पारित हुआ ऋण शोधन और दिवाला संहिता (संशोधन) विधेयक,छोटे उद्यमियों को राहत
नई दिल्ली,28 जुलाई (इ खबरटुडे)। बुधवार को लोकसभा में ऋण शोधन और दिवाला संहिता (संशोधन) विधेयक, 2021 (Insolvency and Bankruptcy Code (Amendment) Bill, 2021) पारित कर दिया गया। इसे 26 जुलाई को सदन में पेश किया था और बुधवार को इस पर चर्चा होनी थी। लेकिन विपक्ष के विरोध के कारण बिना किसी चर्चा के पास कर दिया गया।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने दिवालिया कानून में संशोधन करने वाले अध्यादेश को बदलने के लिए इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया था। इसकी घोषणा 4 अप्रैल को की गई थी और इसके पारित होने से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) के लिए दिवाला प्रक्रिया आसान हो जाएगी। विधेयक के लागू होने से Covid-19 महामारी के दौरान बंद हुए या प्रभावित हुए MSME Sector को काफी मदद मिलेगी।
कानून में क्या है?
इसमें दिवालिया होने की स्थिति में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए एक प्री-पैकेज्ड इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (PIRP) शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया है।
प्री-पैकेज्ड इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (PIRP) के लिए डिफॉल्ट की सीमा 1 करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं होगी।
एक PIRP के तहत, मुख्य स्टेक होल्डर्स (लेनदार और शेयर होल्डर) एक संभावित खरीदार की पहचान करने के लिए एक साथ आएंगे और राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) में जाने से पहले एक समाधान योजना पर बातचीत करेंगे। NCLT ही IBC के तहत सभी समाधान योजनाओं को मंजूरी देता है।
वित्त मंत्री ने सदन में बताया कि IBC जैसे सुधारों को शुरू करने से बैंकों को करीब 5.5 लाख करोड़ रुपये के डूबे कर्ज की वसूली में मदद मिली है। उदागरण के लिए इसकी मदद से भूषण स्टील, भूषण पावर एंड स्टील और एस्सार स्टील सहित कई कंपनियों के लोन अकाउंट्स से 99,996 करोड़ रुपए की वसूली की गई।