Writers’ Conference : पूर्वोत्तर साहित्य अकादमी द्वारा भारत- नेपाल साहित्यिक, सांस्कृतिक यात्रा एवं साहित्यकार सम्मेलन नेपाल के चितवन पोखरा और भक्तपुर काठमांडू में संपन्न
तेजपुर(असम),30 नवम्बर(इ खबर टुडे)। पूर्वोत्तर हिंदी साहित्य अकादमी पूर्वोत्तर क्षेत्र का एक अग्रणी संस्था हैं जिसने अपने स्थापना काल से ही हिंदी भाषा का प्रचार प्रसार के साथ- साथ इस क्षेत्र के भाषा- संस्कृति के विकास में एक बहुमूल्य भूमिका ग्रहण करते हुए बहुत से साहित्यकारों को जन्म देने में सफलता प्राप्त की हैँ। इसी बात को एकबार फिर प्रमाणित करते हुए पूर्वोत्तर हिंदी साहित्य अकादमी के सौजन्य से पहली बार भारत नेपाल साहित्यिक, सांस्कृतिक यात्रा एवं साहित्यकार सम्मेलन का आयोजन 12 नवंबर से 17 नवंबर तक नेपाल के तीन जगह चितवन,पोखरा तथा काठमांडू में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
इस यात्रा में पूर्वोत्तर भारत से रीता सिंह ‘सर्जना’ के नेतृत्व में अरुणाचल से गुम्पी ङूसो लोम्बि, बाल सहयात्री लिदिन, असम के कोकराझार (बीटिआर)से पूजा सुनुवार,रतलाम मध्यप्रदेश से वैदेही कोठारी, तुषार कोठारी और भोपाल से तुमुल सिन्हा शामिल थे।अकादमी की संस्थापक एवं अध्यक्ष रीता सिंह सर्जना ने बताया कि मित्र देश नेपाल में यह पहला अवसर है कि हम साहित्यिक एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान करने तथा भाई चारे का संदेश लेकर वहाँ पहुँचे, जहाँ इस यात्रा का सुखद अंत हुआ।
इस यात्रा का पहला पड़ाव चितवन में साहित्य संगम चितवन की ओर से रञ्जना भन्डारी ‘रञ्जु’ के संयोजन में प्रकाश चापागाईं, साहित्य सङ्गम , भरतपुर महानगर प्रज्ञा प्रतिष्ठान भरतपुर महानगरपालिका, चितवन, के अध्यक्षता में तथा प्राज्ञ तथा भाषा साहित्य प्रमुख प्राज्ञ सदस्य तथा कलासंस्कृति प्रमुख उषा तिवारी ने इस कार्यक्रम का सफल संचालन में काव्य गोष्ठी का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपकुलपति (भरतपुर महानगर प्रज्ञा प्रतिष्ठान, भरतपुर, महानगरपालिका, चितवन, नेपाल के इन्दप्रसाद रेग्मी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इससे पहले भारत से गए अतिथियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर चितवन के विभिन्न संस्थाओं के प्रमुख तथा साहित्यकारों से भेंट हुई।
यात्रा का दूसरा पड़ाव पोखरा में दिलीप दोशी ,संस्थापक अध्यक्ष गजल संध्या पोखरा, नेपाल के संयोजन में स्थानीय साहित्यकारों से भेंट कर साहित्यिक आदान-प्रदान तथा काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। गौर तलब है कि इस काव्य संध्या में युवा रचनाकारों की उपस्थिति ने चार चांद लगा दिए । युवा
कवि तारानाथ पराजुली ने संस्कृत व नेपाली में मिश्रित शिव तांडव गाकर सबका मन मोह लिया तो वही भारत से गुम्पी, पूजा,वैदेही तथा रीता सिंह ने अपनी प्रस्तुति दी। इस अवसर में युवा कवि, प्रांजल, रोशन तल्कोटे,विष्णु सुवेदी,रोशन तिमल्सेना, नितु पौडेल सहित वरिष्ठ रचनाकार लक्षमण थापा,ईश्वर मणि अधिकारी, दीपक समीप एवं दिलीप दोषी ने काव्य पाठ किया ।
यात्रा का अंतिम पड़ाव काठमांडू में विशेष रूप से इस यात्रा का समापन हुआ। हाम्रो लघुकथा केन्द्र काठमांडू नेपाल, सृजना अभियान तथा पूर्वोत्तर हिंदी साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में भारत से गए पूर्वोत्तर हिंदी साहित्य अकादमी के रचनाकारों के सम्मान में भक्तपुर दरबार स्कवायर में लघुकथा गोष्ठी का आयोजन किया गया । सिर्जना अभियान,भक्तपुर नेपाल के अध्यक्ष धनमान श्रेष्ठ की अध्यक्षता तथा भाषा आयोग, नेपाल के माननीय सदस्य डा. पुष्करराज भट्ट की उपस्थिति में कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम का संचालन दिलीप हाडा ने किया। सिर्जना अभियान के सचिव ध्रुव मधिकर्मी ने अपना स्वागत मंतव्य प्रस्तुत किया ।
कार्यक्रम की शुरुआत लघुकथा गीत से हुई। इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर हिंदी साहित्य अकादमी की संस्थापिका रीता सिंह ‘सर्जना’ को नेपाल की ओर से अभिनन्दन पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया ।अकादमी की तरफ से रीता सिंह ‘सर्जना’ तथा हाम्रो लघुकथा केन्द्र नेपाल की अध्यक्ष लता के सी जी का सम्मान किया तत्पश्चात दोनों ने अपनी अपनी संस्थाओं का परिचय, कार्यक्रम का उद्देश्य तथा नेपाल-भारत संबंध के बारे में अपना विचार व्यक्त किया । इस अवसर पर भारत और नेपाल के रचनाकारों ने लघुकथा का वाचन किया।
भारतीय रचनाकार पूजा सुनुवार ने अपनी गीत और कविता प्रस्तुत की वहीं गुम्पो डुबो लोम्बी ने अरुणाचल प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री येसे दरजे थोंगछी के साहित्य में सामाजिक एवं सांस्कृतिक मूल्य- एक सेतु का निर्माण” विषय पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए उनकी लघुकथा पर प्रकाश डाला ,रतलाम मध्यप्रदेश के वैदेही कोठारी ने लघुकथा लेखन पर अपना वक्तव्य रखते हुए अपनी लघुकथा तस्वीर का वाचन किया तुमुल सिन्हा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कविता की कुछ पंक्तियाँ सुनाई ।
नेपाल के रचनाकारों में सत्या अधिकारी, मनिषा कुमार शर्मा, अंबिका धिताल , रमेश सुवेदी, निर्मला बराल, इंदिरा चापागाई , श्याम श्रेष्ठ, राजेशमान केसी, रोशन पराजुली, मिसु श्रेष्ठ तथा प्रार्थना खनाल ने लघुकथा का वाचन किया । भाषा आयोग के माननीय सदस्य डा. पुष्करराज भट्ट ने नेपाली और हिंदी लघुकथा के क्षेत्र में हो रहे कार्य के साथ ही नेपाल- भारत के बीच सहभागिता का भी उल्लेख किया तो वही सिर्जना अभियान भक्तपुर के अध्यक्ष धनमान श्रेष्ठ ने अपने उद्बोधन में कहा भारत नेपाल के साहित्यिक आदान-प्रदान से दोनों देशो के बीच का संबंध और मजबूत होगा।