May 20, 2024

ujjain/श्री महाकालेश्वर मंदिर में संध्या आरती पश्चात होलिका दहन की परंपरा निर्वहन

उज्जैन ,28 मार्च (इ खबरटुडे/ब्रजेश परमार )।कोरोना के चलते रविवार को लाकडाउन का असर श्री महाकालेश्वर मंदिर पर भी रहा।परंपरा निर्वहन के तहत संध्या आरती पश्चात मंदिर प्रांगण में होलिका दहन किया गया। सोमवार तडके भस्मार्ती में भगवान को गुलाल अर्पित किया जाएगा। लाकडाउन के कारण पुजारी एवं पुरोहित परिवार ही इसमें उपस्थित थे।

मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक एसके तिवारी के अनुसार रविवार शाम संध्या पूजन व आरती के बाद मन्दिर परिसर में पुजारी घनश्याम गुरु ने विधिवत पूजन अर्चन किया व होलिका दहन की परंपरा निर्वहन की गई।. होलिका दहन विधिवत पूजन-अर्चन एवं गुलाल अर्पित किया गया। सोमवार को धुलें‍डी की परंपरा निर्वहन के तहत भगवान को भस्मार्ती में गुलाल अर्पित किया जावेगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में लॉक डाउन के चलते दर्शनार्थी प्रवेश पुर्णतः बंद रहा।परंपरा निर्वहन पुजारी एवं पुरोहित परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में किया गया।

श्री महाकालेश्वर मंदिर में कोविड – 19 महामारी के संक्रमण से बचाव हेतु परम्परा का सम्यक निर्वाह करते हुए सीमित मात्रा में हर्बल रंग ही भगवान श्री महाकालेश्वर जी को अर्पण किए जाएंगे। गर्भगृह में व्यक्तिगत रूप से आपस में रंग लगाना पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है।

बढते कोरोना संक्रमण को देखते हुए समस्त पुजारी, पुरोहित प्रतिनिधियों को प्रशासक ने आदेशित किया है कि, होलिका पर्व पर होने वाली समस्त आरतियों के दौरान केवल 16 पुजारी 02 सहायक पुजारी, 21 पुरोहित अथवा अनुपस्थिति में केवल एक अधिकृत प्रतिनिधि ही गर्भगृह में उपस्थित होकर पूजन-आरती कर सकेंगे।

आरतीयों के समय में परिवर्तन-
श्री महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक नरेन्द्र सूर्यवंशी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि, सोमवार 29 मार्च (चैत्र कृष्ण प्रतिपदा) से परम्परानुसार ज्योर्तिलिंग श्री महाकालेश्वेर भगवान की आरतियों के समय में परिवर्तन होगा, चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से अश्विन पूर्णिमा तक :- प्रथम भस्मार्ती प्रात: 04:00 से 06:00 बजे तक

द्वितीय दद्योदक आरती प्रात: 07:00 से 07:45 बजे तक
तृतीय भोग आरती प्रात: 10:00 से 10:45 बजे तक
चतुर्थ संध्याकालीन पूजन सायं 05:00 से 05:45 बजे तक
पंचम संध्या आरती सायं 07:00 से 07:45 बजे तक एवम
शयन आरती रात्रि 10:30 से 11:00 बजे तक

उपरोक्तानुसार भस्मार्ती एवं शयन आरती अपने निर्धारित समय पर ही होगी।

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