December 24, 2024

रतलाम/ प्रदेश में पांच मौसम प्रणालियाें का जोर,झमाझम बारिश का दौर जारी ,आने वाले 24 घंटे रतलाम समेत कई जिलों पर भारी

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भाेपाल/रतलाम ,10अगस्त(इ खबर टुडे)। अलग–अलग स्थानाें पर पांच मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। वहीं बंगाल की खाड़ी से छत्तीसगढ़ होते हुए पूर्वी मध्य प्रदेश तक आ चुका कम दबाव का क्षेत्र जोरदार नमी ला रहा है। अलग–अलग स्थानाें पर बनी इन पांच मौसम प्रणालियाें के कारण मप्र के अधिकतर जिलाें में वर्षा हाे रही है। गुरुवार काे भाेपाल, इंदौर, उज्जैन संभागाें के जिलाें में भारी वर्षा हाेने की संभावना है।

नर्मदापुरम के आसपास पास शियर जाेन ( पूर्वी–पश्चिमी हवाओं का टकराव) मौजूद है। बंगाल की खाड़ी में पश्चिम बंगाल के तट पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। मानसून ट्रफ भी मध्य प्रदेश में मौजूद है। इसके अतिरिक्त नर्मदापुरम पर शियर जाेन भी बना हुआ है। मौसम विज्ञानियाें के मुताबिक अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से लगातार आ रही नमी के कारण प्रदेश के अधिकतर जिलाें में रुक–रुककर वर्षा हाे रही है।

बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक रतलाम में 70, छिंदवाड़ा में 66, पचमढ़ी में 36, नर्मदापुरम में 31, बैतूल में 26, भाेपाल में 20.3, इंदौर में 16.2, धार में 15, खंडवा में 14, नरसिंहपुर में 13, मलाजखंड में 12, दमाेह में 11, खरगाेन में 10, सागर में नौ, उज्जैन में आठ, जबलपुर में 5.4, मंडला में दाे, उमरिया में दाे, सिवनी में एक, खजुराहाे में 0.8 मिलीमीटर वर्षा हुई। गुरुवार काे भाेपाल, इंदौर, उज्जैन संभागाें के जिलाें में भारी वर्षा हाेने की संभावना है।

मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक सौराष्ट्र पर बने कम दबाव के क्षेत्र के असर से अरब सागर से नमी मिल रही है। बंगाल की खाड़ी में भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। साथ ही मानसून ट्रफ भी इन दाेनाें मौसम प्रणालियाें से संबद्ध है। जिसके चलते लगातार वर्षा हाे रही है। बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात के भी कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हाेकर आगे बढ़ने की संभावना है। जिसके चलते वर्षा का सिलसिला 17 अगस्त तक बना रहने के आसार हैं।

ये मौसम प्रणालियां हैं सक्रिय
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि ओडिशा में बना अवदाब का क्षेत्र कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हाेकर वर्तमान में पूर्वी मध्य प्रदेश पर सक्रिय है। सौराष्ट्र पर भी एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। मानसून ट्रफ सौराष्ट्र पर बने कम दबाव के क्षेत्र से अहमदाबाद, राजगढ़, से पूर्वी मप्र पर बनी मौसम प्रणाली से हाेकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है।

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