January 31, 2025

Center Approval / हबीबगंज स्टेशन का नाम होगा रानी कमलापति स्टेशन , केंद्र से मिली मंजूरी

Rani Kamalapati Station

भोपाल,13 नवम्बर(इ खबर टुडे)।सौ करोड़ की लागत से हबीबगंज स्टेशन को विश्वस्तरीय बना दिया गया लेकिन दशकों बाद आज भी स्टेशन के नाम को लेकर इतिहास से जुड़ा कुछ भी नहीं था। यहां तक कि स्टेशन का नाम हबीबगंज क्यों रखा गया, इस पर कोई स्पष्ट राय नहीं है।

लिहाजा लंबे समय से स्टेशन का नाम बदलने की मांग शहरवासियों द्वारा उठाई जाती रही है। अब 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस स्‍टेशन के लोकार्पण के साथ इसेे नया नाम भी मिलेगा। अब इस स्‍टेशन को रानी कमलापति के नाम से जाना जाएगा।

मप्र शासन के परिवहन विभाग की ओर से शुक्रवार को इस आशय का प्रस्‍ताव केंद्रीय मंत्रालय को भेजा गया था। इस पर अब केंद्र की मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गए जवाब में कहा गया है कि इस स्‍टेशन का नामकरण रानी कमलापति के नाम पर किए जाने को लेकर कोई आपत्‍ति नहीं है।

सूत्रों के मुताबिक लोकार्पण के साथ ही स्टेशन को नया नाम देने की कवायद लंबे समय से चल रही है। सबसे पहले भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर स्टेशन का नाम रखने का प्रस्ताव आया था। जिस पर सभी की सहमति थी।

हबीबगंज ने ऐसेे तय किया दो प्लेटफार्म से विश्व स्तरीय सुविधा वाले स्टेशन बनने तक का सफर

1868 तक उत्तर भारत में आगरा तक और दक्षिण की तरफ खंडवा तक रेलवे ट्रैक था। बीच में रेलवे ट्रैक नहीं था, सड़क मार्ग से आवागमन होता था। ब्रिटिश अधिकारी हेनरी डेली ने भोपाल की नवाब शाहजहां बेगम से ट्रेन चलाने को लेकर समझौता किया था तब बेगम ने 34 लाख रुपये दान दिए थे और 1882 में भोपाल से इटारसी के बीच ट्रेन चली थी।

भोपाल को स्टेशन बनाया था। इतिहासकार बताते हैं कि इसके काफी वर्षों बाद भोपाल के पास हबीबगंज क्षेत्र में एक छोटा स्टेशन बनाया गया। यहां दो प्लेटफार्म थे।

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