मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में पांच 45 किलोमीटर लंबे पांच बायपास बनेंगे, चार हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च

मध्यप्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने तथा वाहनों के लिए सुगम रास्ते तैयार करने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ गया है। राजस्थान में 45 किलोमीटर लंबे पांच बायपास बनाए जाएंगे। इन पर चार हजार करोड़ रुपये की रा​शि खर्च होगी। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी, वहीं लोगों को आवागमन में भी राहत मिलेगी। ऐसे में वाहनों चालकों के लिए यह अच्छी खबर साबित होगी। यह नए बायपास ग्रामीण क्षेत्र की जमीन पर बनेंगे। ऐसे में ग्रामीणों की जमीन का अ​धिग्रहण होने से उनको भी लाभ होगा।


ग्वालियर-इटावा हाइवे पर बढ़ रही सड़क दुर्घटनाएं
सरकार के आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर-इटावा नेशनल हाइवे पर लगातार सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। ऐसे में वाहनों का दबाव कम करने के लिए ​भिंड के पास प्रशासन ने लगभग 45 किलोमीटर लंबे पांच बायपास बनाने का निर्णय लिया है। इसे अंतिम रुप देने के लिए बैठकों का आयोजन किया जाएगा। इस बैठक में कलेक्ट्रेट के साथ-साथ जनप्रतिनिधयों की हाजिरी भी तय की जा रही है ताकि किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं रहे। बैठक में विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह के साथ-साथ हेमंत कटारे, केशव देशाई तथा कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव भी मौजूद रहे। वहीं जनप्रतिनि​धियों की बात करें तो इनमें जिला पंचायत प्रधान कामना सिंह भदौरिया, अपर कलेक्टर एलके पांडेय, नगर पालिका अध्यक्ष वर्षा वाल्मीक और अरविंद बघेल भी मौजूद थे। सभी ने इन नए बायपास बनाने जाने के प्रस्ताव पर विचार किया और संतोष जताया।


जमीनों के रेट में होगा इजाफा
बायपास के लिए जो जमीन अ​धिग्रहित की जाएंगी, उनमें 96 गांवों को लाभ होगा। यहां जमीनों के रेट बढ़ गए हैं। ऐसे में किसानों को भी इसका अच्छा लाभ मिलेगा। एक तो उनकी जमीन महंगे रेटों पर बिकेगी, वहीं दूसरी तरफ उनकी जो जमीन बायपास से बच जाएगी, उसके रेट भी आसमान छूने लगेंगे।


बायपास का नक्शा तैयार
बायपास का पूरा नक्शा तैयार कर लिया गया है। इसे जनप्रतिनि​धियों तथा अ​धिकारियों की बैठक में रखा गया है। इसका निर्माण रेत, खादानों, रेलवे लाइन को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। अटेर विधायक हेमंत कटारे ने इसपर आप​त्ति भी जताई कि उनके क्षेत्र की उपेक्षा की गई। उन्होंने बताया कि रेत और गिट्टी की खदानों नेशनल हाइवे के बाईं तरफ हैं, वहीं दूसरी तरफ रेलवे लाइन है। ऐसे में अंडरपास या आरओबी बनाने से समय और लागत में बढ़ोतरी होगी, इसी कारण यह नक्शा तैयार किया गया है।


दो चरणों में होगा बायपास का निर्माण
फिलहाल इस बायपास का निर्माण दो चरणों में किया जा सकता है। पहले चरण में 1500 करोड़ रुपये की रा​शि खर्च करके हाईब्रिड एन्युटी मोड के तहत काम किया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में सामान्य प्रक्रिया के तहत 2500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।


400 एकड़ जमीन का होगा अ​धिग्रहण
इस बायपास निर्माण के लिए अलग-अलग गांवों से 400 एकड़ जमीन का अ​धिग्रहण किया जाएगा। मेहगांव में यह दस किलोमीटर, ​भिंड में 18 किलोमीटर, गोहद में 5.5 किलोमीटर, फूप में तीन किलोमीटर तथा मालनपुर में आठ किलोमीटर लंबाई का बायपास बनाया जाएगा। ऐसे में इन गांवों की जमीनों को अ​धिग्रहण किया जाएगा। जमीन का अ​धिग्रहण होने के बाद इसके निर्माण के लिए टेंडर छोड़े जाएंगे।

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