Dogs killed : उज्जैन में रोड़ किलिंग में कुत्तों की मौत:35 दिनों में 176 कुत्ते मृत मिले
उज्जैन,09 सितम्बर (इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार)। कुत्तों के साथ पशु क्रुरता के मामलों के साथ ही धर्मनगरी उज्जैन में रोड़ किलिंग के दौरान मरने वाले कुत्तों की संख्या में बराबर बढोतरी होती जा रही है। पिछले एक माह में ही गली के 176 कुत्ते नगर निगम ने गली मोहल्लों से मृत स्थिति में सूचनाओं पर उठवाएं हैं। इनमें से अधिकांश गली मोहल्लों में ही रोड़ किलिंग का शिकार हुए हैं।
माधवनगर थाना क्षेत्र का कुत्ते को टांगों से बांधकर विक्रम वाटिका के तालाब में फेंकने का मामला हो या फिर कोतवाली थाना क्षेत्र में पडोसी के कुत्ते को लठ्ठ से पीटकर घायल करने का मामला पुलिस ने दर्ज कर न्यायालय में पशु क्रुरता अधिनियम में आरोपियों के विरूद्ध पेश किया है। इसके इतर उज्जैन शहर के 54 वार्ड अंतर्गत कुछ वार्डों में कुत्तों के रोड़ किलिंग के मामले बराबर सामने आ रहे हैं।
पिछले एक माह में नगर निगम कंट्रोल रूम पर 176 सूचनाओं के तहत गली मोहल्ले के कुत्तों के मरे होने की सूचना पर मृत कुत्ते उठवाए गए हैं। नगर निगम के कंट्रोल रूम प्रभारी जितेन्द्र श्रीवास्तव के मुताबिक हमें मृत कुत्ते की जानकारी संबंधित क्षेत्र के नागरिक एवं हमारे सफाई कर्मचारियों से मिलती है।कुत्ता कैसे मरा इसकी कोई जानकारी नहीं रखी जाती है। खास बात तो यह है कि इनमें से इक्का दुक्का ही कुत्ता रोड़ किलिंग में किसी चौडे और बडे रोड पर मरे हैं अधिकांश कम चौड़ाई की 12 से 20 फीट की गली मोहल्लों की सड़कों में चौपहिया वाहन से मरे हैं।
उज्जैन नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत जीव संरक्षण के लिए एक समिति भी बनी हुई है। उसमें अशासकीय सदस्यों के साथ ही एनजीओ एवं शासकीय सदस्य भी हैं। नगर निगम के स्वास्थ्य निरीक्षक संजय कुलश्रेष्ठ के अनुसार समिति की बैठक भी होती है और जीव संरक्षण को लेकर उसमें कार्य किए जाते हैं। समिति में उपसंचालक पशु चिकित्सा भी सदस्य हैं।
समिति के सदस्य महंत डा.रामेश्वरदास बताते हैं कि सभी पशुओं के संरक्षण के लिए यह समिति हैं। 3 माह पूर्व बैठक में मुझे सदस्य के बतौर बुलाया गया था। वहां सुझाव लिए गए थे। कोई जानकारी नहीं दी गई। पशुओं के संरक्षण को लेकर जनजागरूकता जैसा कुछ किया गया हो ऐसा मेंरी जानकारी में नहीं है। न ही गली मोहल्लों में रोड़ किलिंग में कुत्तों के मरने की संख्या बढने जैसी कोई जानकारी मुझे समिति सचिव ने दी है। उज्जैन में रोड़ किलिंग में मारे जा रहे कुतो की संख्या पर पशु चिकित्सा विभाग की डा.प्रिती जैन ने चिंता जताते हुए कहा कि इसके लिए बराबर कार्रवाई होना चाहिए,जिससे की पशुओं का संरक्षण किया जा सके।
वार्ड 01 से एक भी सूचना नहीं
नगर निगम के कंट्रोल रूम के रेकार्ड के अनुसार 01 अगस्त से 5 सितम्बर के बीच कुल 176 कुत्ते मृत स्थिति में उठाए गए हैं।कंट्रोल रूम से मिली सूची में इतने दिनों में वार्ड क्रमांक 01 में एक भी मृत कुत्ते की सूचना दर्ज का कोई रेकार्ड नहीं है।जबकि यह वार्ड शहर के 54 वार्ड में से बडे वार्डों में गिना जाता है। इस क्षेत्र में कुत्तों की तादात बहुतायत बताई जाती है।क्षेत्र में काल भैरव एवं अन्य प्रमुख मंदिर के आसपास कुत्ते बडी संख्या में हैं। साथ ही क्षेत्र में चौडी सडकें और बाहरी श्रद्धालुओं का आवागमन क्षेत्र भी है।
…और एक मां अपने बच्चे की मौत पर आक्रामक हो गई
गुरूवार को ऋषिनगर के ई डब्ल्यू एस सेक्टर में एक बार फिर से एक कुत्ते के बच्चे को 12 फीट गली नूमा मार्ग पर अंध गति से वाहन चालन से कुचल कर चला गया। मृत कुत्ते के पिल्ले के पास उसकी मां करीब दो घंटे तक बैठ कर आवाजें निकाल कर रोती रही। घटना से मृत बच्चे को देखकर वह आक्रामक हो गई और इस दौरान गली से निकलने वाले वाहन और राहगिरों के पीछे भी वह कई बार भागी। कुत्ते के सूचना पर पहुंची नगर निगम की मृत पशु उठाने वाले वाहन के कर्मचारियों को भी मृत पिल्ले को उठाने में मशक्कत करना पडी।
नगर निगम कंट्रोल रूम के आंकडों के अनुसार पिछले 35 दिनों में 176 स्ट्रीट डाग मृत मिले हैं। कैसे स्ट्रीट डाग मरा इसकी जानकारी नहीं रखी जाती है।मृत की सूचना पर कार्रवाई की जाती है। पंचनामा तो बनता नहीं की रोड़ किलिंग का कहा जा सके। हाल ही में मेनका गांधी जी ने स्ट्रीट डाग के मामले में मुझसे चर्चाकर हमें गाईड लाईन एवं निर्णय का हवाला दिया था।
-आदित्य नागर,अपर आयुक्त (स्वास्थ्य) नगर निगम,उज्जैन