मंदसौर की डॉक्टर बेटी ने कोविड वार्ड में निशुल्क सेवा देने का लिया फैसला, सीएम शिवराज ने किया ट्वीट
मंदसौर,26 अप्रैल (इ खबरटुडे)। कोरोना महामारी के भयावह दौर में चिकित्सकों की बड़ी कमी देखी जा रही है। इस आपदा के समय शहर की एक बेटी ने अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। एमबीबीएस करने के बाद हाल ही इंटर्नशिप पूरी करने वाली शहर की श्याम नगर निवासी डाक्टर बिपाशा पुत्री नरेंद्र गर्ग ने जिला चिकित्सालय के कोविड-19 वार्ड में निशुल्क सेवाएं देने का निर्णय लिया है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डाक्टर बिपाशा गर्ग के इस प्रेरणादायी कार्य पर ट्वीट किया है।
सीएम ने लिखा है कि मंदसौर की बेटी बिपाशा के इस मानवीय पहल पर हमें गर्व है। मानव सेवा ही ईश्वर की सेवा है। बेटी अपने पवित्र लक्ष्य के ध्येय को पूर्ण करे, मेरी शुभकामनाएं!
अग्रवाल समाज देसी पंचायत अध्यक्ष नरेंद्र अग्रवाल एवं महासचिव ओम अग्रवाल ने बताया कि डा. बिपाशा गर्ग ने एमबीबीएस करके इंटर्नशिप कर ली है। उनके मन में विचार आया कि कोरोना के इस भयावह दौर में चिकित्सकों की बड़ी कमी है और आमजन परेशान हैं।
उन्होंने अपने मन की बात पिता नरेंद्र गर्ग, मां व भाई को बताई और इच्छा जाहिर कि उनका मन है कि संकट के दौर में वे जिला चिकित्सालय मंदसौर में सेवा करें। पिता नरेंद्र गर्ग ने यह बात विधायक यशपालसिंह सिसोदिया को बताया। विधायक ने तत्काल कलेक्टर मनोज पुष्प एवं सीएमएचओ डा. केएल राठौड़ से बात कर डा. बिपाशा गर्ग के अस्पताल में काम करने की इच्छा पूरी की।
उल्लेखनीय है कि मंदसौर जिले में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुंचने की आशंका बढ़ने लगी है। जिले में 1852 मरीज मिले हैं इनमें लगभग 315 ग्रामीण क्षेत्रों के हैं । संक्रमण लगभग 50 गांवों में फैला है। अधिकांश गांव नगरीय क्षेत्रों से लगे हुए हैं। मंदसौर जिले में प्रतिदिन मिल रहे कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। शनिवार रात में भी 135 मरीज मिले हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि 122 मरीज ठीक होकर घर भी गए है। जिस तेजी से मरीज बढ़ रहे हैं उतनी अस्पताल में व्यवस्था नहीं बची है।
अप्रैल के 25 दिन में ही 1852 मरीज मिल चुके हैं जो मार्च में मिले कुल 417 मरीजों से चार गुना के ज्योदा हो गए है। मंदसौर जिले में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 5279 हो गई है। वहीं ठीक होकर घर जाने वाले 4325 हो गए है। तेजी से बढ़ रहे मरीजों की संख्या का अंदाजा इससे ही लगा सकते हैं कि महज 29 दिन में मरीजों का आकड़ा 1983 पर पहुंच गया है।