December 24, 2024

Cyber Fraud : अंग्रेजों के जमाने की भैरवगढ जेल से सायबर ठगी,स्पायवेयर से ब्लेकमेल का कारनामा,सायबर सेल ने जेलर लडिया से की 12 घंटे पूछताछ

cyber attack

उज्जैन,11 नवंबर (इ खबर टुडे /ब्रजेश परमार )। भैरवगढ केंद्रीय जेल में 3 साल बंद रहे महाराष्ट्र के कैदी अनंत अमर अग्रवाल के खुलासे से हडकंप मचा हुआ है। राज्य सायबर सेल ने प्रकरण दर्ज कर जेलर संतोष लडिया से भोपाल मुख्यालय से आए सायबर के 5 अधिकारियों ने 12 घंटे पूछताछ की है। उसके साथ ही अन्य कुछ अधिकारियों कर्मचारियों से भी पूछताछ हुई है।कैदी को लेपटाप जेलर ने दिया बताया जा रहा है जिसे कैदी बनाम हैकर अग्रवाल एकांत कमरे में संचालित करने की बात कह रहा है।

केंद्रीय जेल भैरवगढ जेल अधीक्षक उषा राजे के अनुसार कैदी अग्रवाल मूलत: महाराष्ट्र का रहने वाला है।उसे उज्जैन सत्र न्यायालय के आदेश पर प्रकरण क्रमांक 353/18 के वारंट के तहत भादवि की धारा 420 में 15 फरवरी 2018 को दाखिल जेल किया गया था।जेल महानिदेशक के आदेश पर उसे 6 अक्टुबर 2021 को भोपाल जेल ट्रांसफर किया गया । 01 नवंबर को भोपाल सायबर सेल के एसपी सायबर रियाज इकबाल एवं उनके सह करीब 5 अधिकारी उज्जैन जेल पहुंचे थे। सायबर सेल के इस दल ने भैरवगढ जेल के जेलर संतोष लडिया एवं करीब 4 अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों एवं कैदियों से पूर्वान्ह 11 बजे से रात 11 बजे तक लगातार पूछताछ की थी। भैरवगढ जेल से जुडे सुत्रों का कहना है कि अग्रवाल के उज्जैन जेल में रहने के दौरान जेलर लडिया उसे एक एकांत कमरे में बैठा कर लेपटाप, पेन ड्राईव एवं आईडी उपलब्ध करवाकर आपरेट करवाता था।उस कमरे में किसी को जाने की इजाजत नहीं रहती थी।लडिया के भोपाल अटैच्ड होने के दौरान अग्रवाल पर सख्ती के समय उसने संतरियों एवं प्रहरियों को पूछने पर बताया था कि वह लडिया उससे विदेशों से टीपू सुल्तान के लिटरेचर मंगवाता था और वह लिटरेचर का ट्रांसलेशन कर लडिया को देता था।लडिया के जेलर रहते जेल में अग्रवाल का आलम यह रहा है कि उसके कहने पर बेवजह ही कुछ संतरी निलंबित किए गए।सितंबर अंत में नई जेल अधीक्षक उषा राजे के आने के कुछ दिनों बाद ही कैदी अग्रवाल को भोपाल स्थानांतरित कर दिया गया । यह बात भी सामने आ रही है कि अग्रवाल को जेलर लडिया ने अलग अलग आईडी उपलब्ध करवाई जिसका उपयोग उसने किया। जेल में चर्चा है कि लडिया के नजदीक रहे एक पुरूष सिपाही एवं एक महिला संतरी के खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया।

20 दिन में लडिया को 4 नोटिस-

जेल अधीक्षक उषा राजे के अनुसार वर्तमान में जेलर संतोष लडिया को जेल की बाहरी दिवारों के काम सौंपे गए हैं। उनका जेल में अंदर जाना और केदियों बंदियों से संपर्क पुरी तरह रोक दिया गया है।उनको दिए गए कामों के तहत ही पिछले 20 दिनों में ही उनकी गलतियों पर 4 कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए हैं।इनका जवाब संतुष्टि पूर्ण नहीं मिलने पर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

सायबर क्राईम को अंजाम दिलवाया गया-

जेल से बाहर आ रही खबरों के अनुसार केन्द्रीय जेल भेरवगढ़ में धोखाधड़ी के आरोप में बंद अमर पिताअनंत निवासी हिवरापहाड़ी थाना पिंपलनेर जिला बीड़ महाराष्ट्र 15-02-2018 से निरुद्ध रहा है। जेल में कार्यरत जेलर लड़िया एवं उसके सहयोगी इससे सायबर क्राइम करके देश-विदेश के लोगों के क्रेडिट कार्ड हेक करवाकर मोटी रकम की ठगी करते थे। इस दौरान इन दोनों ने अमर से लड़िया के लेपटॉप से करोड़ों की हेराफेरी करवाई। ये मोटी रकम गोवा, मुम्बई, उदयपुर की होटलों में एक रशियन हवाला ऐजेन्ट एड्रिन आयवोनेक्स के नाम से हेक क्रेडिट कार्ड की रकम जमा करवाकर लड़िया और अन्य अधिकारी उन होटलों में बेनामी रुककर बाकी भुगतान नकद करवा लेते थे। अमर ने इसकी शिकायत प्रदेश के बड़े पदों पर पदस्थ लोगों को की है। अमर का स्थानान्तर भोपाल जेल में कर दिया गया। लड़िया को एक देहशोषण की शिकायत के मामले में उज्जैन से भोपाल भेजा गया था। किंतु वह फिर से उज्जैन में पदस्थ हो गया। लड़िया के फिर उज्जैन आने के बाद वर्तमान जेल अधीक्षक राजे ने उसका जेल में घुसना बंद करवाकर उसे जेल की बाहरी सुरक्षा का जिम्मा सौंप दिया। केन्द्रीय जेल भेरवगढ़ में वर्चुअल नेटवर्क का मास्टर अमर पिता अनंत निवासी-हिवरापहाड़ी, थाना पिंपनेरे, जिला बीड़ महाराष्ट्र जो कभी एयरपोर्ट पर कार्यरत था वह 15 फरवरी 2018 से भेरवगढ़ जेल में दफा 420 में निरुद्ध था। जेलर लड़िया के दबाव में यह हेकर देश-विदेश में सायबर हेकिंग करता था। इसके लिए जेलर लड़िया अपने साथ लेपटॉप जेल में लेकर आता था, और फेक्ट्री शाखा में स्थित कम्प्यूटर को अपने मोबाइल से इंटरनेट जोड़कर डार्क वेब से खरीदे गये क्रेडिट कार्ड से एक करोड़ साठ लाख अड़तीस हजार रुपयों की ठगी करके उसका भुगतान होटल ओबेराय और होटल उदय विलास उदयपुर में एक रशियन हवाला ऐजेन्ट एड्रिन आयवोनेक्स के नाम से जमा करवाता। बुकिंग कंर्फमेशन नम्बर 5261513003138 एवं इन्टीनेररी क्रमांक 24188130208962 था। यह रशियन ऐजेन्ट 40 प्रतिशत रकम काटकर 60 प्रतिशत रकम हवाला के जरिये उपलब्ध कराता था। www.tramsferurist. com नाम से वेबसाइट पर अमर के खाते से एक हजार अमेरिकी डॉलर जेल के ही एक अधिकारी ने अपने जावरा में स्थित मित्र के नाम से भेजे। यह एक ई-मेल आय.डी. था अमर अग्रवाल जीमेल डॉट.कॉम। अमर ने श्यामराव विठ्ठल कोऑपरेटिव (एसवीसी) बैंक विआननगर पुणे के खाते से बीस लाख का चेक अमर के परिवारजनों से यह कह कर ले लिया की वह राजीनामा करवाकर अमर को छुड़वा देंगे। यह चेक जेल के एक अन्य अधिकारी ने अपने जावरा वाले मित्र के खाते में जमा करवाया, किंतु खाता सीज होने के कारण चेक रिटर्न हो गया।सेन प्रैन्सिको में स्थित ताज केम्पटन होटल चालीस हजार अमेरिकी डॉलर का भुगतान ठगी से किसी क्रेडिट कार्ड से जमा करवाया और उसी रशियन एजेन्ट के द्वारा लड़िया और अन्य अधिकारी ने हवाला के जरिये पैसे प्राप्त कर लिये। इसकी जानकारी अमर अग्रवाल 1508@gmail.com कॉम पर उपलब्ध है।सायबर हेकर जब भी इस तरह की हेराफेरी करने से मना करता तो सुरेश गोयल अमर को पेरोल फरारी बंदी संतोष पिता मांगीलाल से धौंस-दपट करवाता था। इसकी शिकायत लड़िया बाहर नहीं जाने देता और उसने अमर का स्थानान्तर खण्ड अ से खण्ड ब में करवा दिया। अमर इन दोनों के इतना मुँह लग गया था कि एक बार उसने एक सिपाही पर हमला कर दिया तो लड़िया ने अमर के विरुद्ध कोई कार्यवाही न करके सिपाही को ही निलंबित कर दिया। लड़िया लोगों को यह बताता था मैं सात सौ पृष्ठों की पुस्तक टीपू सुल्तान लिख रहा हूँ। उसका ट्रांसलेशन अमर से करवाकर जेल में लड़िया और अन्य अधिकारी इससे हेकिंग करवाते थे। अगस्त 2021 में तत्कालीन जेल अधीक्षक व संतोष कुमार लड़िया का स्थानांतर हो गया। संतोष लड़िया जेलर व अन्य अधिकारी ने डार्क वेब से क्रेडिट कार्ड खरीदकर क्रेडिट कार्ड धारकों से करोड़ों की हेराफेरी की क्रेडिट वीसा 4029850341213376 एवं मास्टर 5321020206578646 का उपयोग करके गोयल ने नो लाख रुपयों की ऑनलाइन बुकिंग स्वयं के नाम से करवाई। ओबेरॉय होटल आगरा और ताज होटल से उसी रशियन हवाला ऐजेन्ट एड्रिन के मार्फत पैसे प्राप्त कर लिये। यह सब 22 सितम्बर से 25 सितम्बर 2021 के बीच हुआ। इन्होंने विदेशों में ही नहीं रेन्समवेयर के जरिये जिले के शासकीय कम्यूटरों पर सायबर अटेक करवाया। रेन्समवेयर से फाइलें लॉक हो जाती है। इन लॉक फाइलों को खोलने के लिये ऑनलाइन फिरौती देना पड़ती है। फिरौती लेने के लिए अन्य अधिकारी ने पीएएल/पीएएल और बिटकॉईन का उपयोग किया।इन अधिकारियों ने जेल में बंद उनके गुण्डे कुछ लोगों के मोबाइल को M-spy जैसे साफ्टवेयर के जरिये स्पाय कर म.प्र. शासन के आयएएस, आयपीएस, जेल डीजी, जेल अधीक्षक, पत्रकार कुछ बड़े नेताओं और नाबालिग बच्चियों के मोबाइल में स्पायवेयर डालकर उनकी जानकारी चोरी करके उनसे ब्लेकमेल कर रहा है। इन तमाम कार्यों के लिये लड़िया का लेपटॉप और लडिया व अन्य अधिकारी का मोबाइल व जेल के कम्प्यूटर का उपयोग हुआ। आयपी एड्रेस से इन तमाम अपराधों का पता लगाया जा सकता है और कई जानकारियाँ अमर पिता अनंत के ई-मेल एवं क्लाउड पर मौजूद है। इन सब कुकर्मों की शिकायत विस्तृत रुप से पुलिस अधीक्षक उज्जैन, आयजी उज्जैन, डीजी जेल, मुख्यमंत्री कार्यालय, जेल मंत्री और अधीक्षक केन्द्रीय जेल भेरवगढ़ को भेजी गई, किंतु लड़िया पून: उज्जैन पदस्थ किया गया। अन्य अधिकारी उसके सहयोगी अधिकारी को उसका प्रभार दे दिया गया। हेकर अमर का स्थानांतर भोपाल करके मामले को दफन कर दिया गया।अमर के जबान खोलने और शिकायत के बाद मामला तुल पकड गया है और सायबर सेल ने मामला दर्ज कर उसकी जांच की शुरूआत की है।

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