May 1, 2024

सामान एवं सुविधाओं से निरंतर सम्मान एवं सुख असंभव -अजय जैन

भीलवाड़ा में पहली बार युवा व परिवार हेतु खुशहाली कार्यशाला आयोजित

भीलवाड़ा ,28 फरवरी (इ खबरटुडे)। रूप, बल, धन व पद मानव के ऐश्वर्य हैं यह समय के साथ परिवर्तनशील है मानव को सम्मान और सुख तो निरंतर चाहिए लेकिन चारों ही परिवर्तनशील ऐश्वर्य है इसीलिए मानव दुखी है, ज्यादा समझदार आदमी ज्यादा परेशान होता है फिर भी हर मां बाप अपने बच्चों को ज्यादा समझदार बनाना चाहता है यह भी दुख का कारण बनता है आदमी सामान से सम्मान पाना चाह रहा है उसे सम्मान हमेशा चाहिए इसलिए हर आदमी असीम सामान इकट्ठा करने के लिए दौड़ रहा है यही आर्थिक अपराधों के बढ़ने की मूल जड़ है यह बात देहली से 1992 में मैकेनिकल इंजीनियर में आईआईटी पासआउट, खुशहाली कार्यशाला के मुख्यवक्ता अजय जैन प्रबोधक जीवन सेवा संस्थान ने कही।

उन्होंने बताया कि आदमी चांद पर पहुंच गया लेकिन अपनों से दूर हो गया .. उम्र बढ़ने के साथ बच्चों की माता-पिता से बातचीत कम होती जा रही है.. उम्र बढ़ने के साथ पति पत्नी का आपस में संवाद भी कम होता जा रहा है.. पिछली पीढ़ी तक चाचा मामा के घर रह कर कुछ साल पढ़ना या व्यवसाय करना आम बात थी लेकिन अब एक ही शहर में होकर भी साथ रहना बहुत दूर की बात..पिछले 20 सालों में दुनिया के हर घर में सुविधाएं बढ़ी है लेकिन सुख नहीं.. इसी सुख को पाने के लिए युवाओं , महिलाओं सहित परिवार जन व संस्थाओं को भीलवाड़ा में पहली बार आयोजित जीवन जीने की श्रेष्ठ विधा पर परिचर्चा के लिए खुशहाली कार्यशाला का आयोजन कर जीवन में खुशहाली बनाए रखने के राज जान पाएं आज सूर्य महल शास्त्री नगर में 2 सेशन में कार्यशाला आयोजित हुई उनके साथ अनुसंधानकर्ता वीनू भाई मांडविया उपस्थित थे । कार्यशाला प्रवक्ता महावीर समदानी ने बताया कि रविवार को प्रातः 9:30 से दोपहर 1बजे तक प्रारंभ में माहेश्वरी प्रोफेशनल फोरम, जैन प्रोफेशनल फोरम, जिला माहेश्वरी युवा संगठन, सीए इंस्टीट्यूट भीलवाड़ा के पदाधिकारियों ने मुख्य वक्ता को दुपट्टा पहना कर पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया, उन्होंने ‘युवाओं के बौद्धिक विकास एवं भौतिक समृद्धि के रास्ते’ विषय पर विस्तृत चर्चा की ,इसी दिन रविवार को ही दोपहर 3:30 से सायं 6 बजे तक भारत विकास परिषद की पांचों शाखाएं भीलवाड़ा द्वारा आयोजित रिश्तो में शिकायत मुक्त व समृद्धि युक्त जीने का स्वरूप विषय पर परिचर्चा आपसी संवाद से हुई।दोनों सत्रों का संचालन अनिल चौधरी ने किया । मुख्य वक्ता श्री जैन ने बोर्ड पर मार्कर पेन से कई उदाहरण देकर काफी बेहतर ढंग से श्रोताओं को समझाया सभी श्रोताओं को कार्यशाला में प्रवेश पर फार्म , पेन , डायरी दी गई बौद्धिक कार्यशाला में युवाओं एवं महिलाओं ने काफी रूचि दिखाते हुए समाज में अन्य विषय पर जागरूकता को देखते हुए प्रश्न पूछे जिसका पूर्ण रूप से तार्किक उत्तर दिये गये।

कार्यक्रम में प्रमुख समाज सेवी अशोक कोठारी, देवीलाल गुर्जर , रिखबचंद्र लोढ़ा ,विनोद मेलाणा, श्याम सोमानी, देवेंद्र सोमानी, सुनील आगीवाल ,हनुमान अग्रवाल ,गोविंद राठी, कैलाश अजमेरा, मुकनसिंह राठौड़ ,संदीप बाल्दि, पारस बोहरा ,रजनीकांत आचार्य ,दलपत सिंह राठौड़, श्रीमती मंजू पोखरना, श्रीमती अर्चना सोनी, श्रीमती सुमन सोनी सहित कई बुद्धिजीवी एवँ बड़ी संख्या में युवक युवतियाँ उपस्थित थे।1 मार्च को कार्यशाला राजसमंद में और 2 मार्च मंगलवार को रात्रि 7.30 बजे सूर्यमहल में आयोजित होगी।

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