November 16, 2024

Election : नाम निर्देशन पत्र लेने के लिए कलेक्टर ने दिशा निर्देश जारी किए

रतलाम,11 अक्टूबर(इ खबर टुडे)। विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2023 के अन्तर्गत अभ्यर्थियों से नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करने के सम्बन्ध में आयोग के निर्देशों के प्रकाश में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी द्वारा जिले के सभी रिटर्निंग अधिकारियों को बिन्दुवार दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।

निर्देशों में बताया गया है कि नाम निर्देशन पत्र, सूचना जारी होने की दिनांक से निर्धारित अंतिम दिनांक तक जिसमें लोक अवकाश शामिल न हो प्राप्त किये जायेंगे। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 2 (एच) में सार्वजनिक अवकाश को परिभाषित किया गया है। जिसका अर्थ एक ऐसा दिन है जो सार्वजनिक अवकाश है। परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 के तहत दूसरे एवं चौथे शनिवार को अवकाश के रूप में घोषित किया गया है। राज्य में मनाये जाने वाले स्थानीय अवकाश सार्वजनिक अवकाश नहीं है।

नाम निर्देशन पत्र, अभ्यर्थी या उसके प्रस्तावक द्वारा विनिर्दिष्ट समय पूर्वान्ह 11.00 बजे से अपरान्ह 03.00 बजे के बीच प्रस्तुत किया जावेगा। निर्धारित समय से पूर्व या बाद में कोई नाम निर्देशन पत्र स्वीकार नहीं किया जाना चाहिये। कुछ अभ्यर्थी या उनके प्रस्तावक नाम निर्देशन पत्रों को प्रस्तुत करने के लिये आर.ओ. के कार्यालय में अपरान्ह 03.00 बजे उपस्थित हैं, किंतु उनकी संख्या अधिक होने के कारण नाम निर्देशन पत्र को एक के बाद एक करके आर.ओ. द्वारा प्राप्त किया जाना संभव नहीं हो सकेगा ऐसे मामले में आर.ओ. उन सभी उम्मीदवारों के, जो निर्धारित समय 03.00 बजे आर.ओ. के कार्यालय में उपस्थित हों उन्हें पर्चियां देकर ठीक 03.00 बजे अपने कार्यालय का प्रवेश द्वार बंद कर दें और भीतर उपस्थित उम्मीदवार, प्रस्तावक से नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करें।

यह स्पष्ट किया जाता है कि उम्मीदवार जो आर.ओ. के कमरें में 03.00 बजे या 03.00 बजे के आसपास प्रवेश करें उसे सभी प्रासंगिक तथा जरूरी कागजात जैसे सुरक्षा निधि का प्रमाण, फार्म ए और बी, शपथ-पत्र आदि के साथ आना चाहिये। आर.ओ. के कक्ष में 03.00 बजे के बाद प्रत्याशी को ऐसा कोई कागज देने के लिये कोई भी अन्य व्यक्ति प्रवेश नहीं करेगा। आयोग के प्रेक्षक उपस्थित हो तो आर.ओ. के कक्ष के अंदर सारी कार्यवाही से संबंधित वीडियोग्राफी इस प्रकार हो कि, उसमें दिनांक व समय अंकित होने की सुविधा हो। यदि अभ्यर्थी किसी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल या उस राज्य अथवा उन राज्यों के जिसमें वह राज्यीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त है के किसी मान्यता प्राप्त राज्यीय दल द्वारा खड़ा किया गया है तो प्रस्तावक के रूप में संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के एक निर्वाचक के हस्ताक्षर अपेक्षित हैं। यदि अभ्यर्थी किसी राष्ट्रीयकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल द्वारा खड़ा किया गया है या वह निर्दलीय है तो प्रस्तावक के रूप में संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के 10 निर्वाचक के हस्ताक्षर अपेक्षित है।

नामांकन पत्रों को जमा करते समय प्रस्ताव करने वाला प्रस्तावक अपने पहचान-पत्र के साथ में नामांकन के समय उपस्थित रहे। प्रस्ताव करने वाले व्यक्तियों की आप फोटो पहचान पत्र एवं फोटो सूची से पहचान करेंगे। नामांकन पत्र प्रस्तुत करते समय आर.ओ./ए.आर.ओ. के कार्यालय में अभ्यर्थी सहित 05 व्यक्तियों (उम्मीदवार सहित ) को आने के लिये अनुमति दी गई है। एक ही निर्वाचन क्षेत्र में निर्वाचन के लिये किसी अभ्यर्थी द्वारा उसकी ओर से अधिकतम 04 नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किये जा सकते हैं आर.ओ. को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिये कि वह एक ही निर्वाचन क्षेत्र के लिये 04 नाम निर्देशन पत्रों से अधिक नाम निर्देशन पत्र प्राप्त न करें।

प्रत्येक नामांकन पत्र जैसे ही प्राप्त हो बिना विलंब के उसे क्रमांकित किया जाये उसकी प्राप्ति का समय व दिनांक अंकित किया जावे। यदि नाम निर्देशन पत्र इकट्ठे एक साथ दिये जाते हैं तो उन पर क्रम संख्या उसी क्रम में अंकित की जावे जिस क्रम में आप उन पर एक एक करके कार्यवाही करेंगे। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 36 के अधीन नाम निर्देशन पत्रों की सवीक्षा करने के लिये ए.आर.ओ. उस समय तक सक्षम नहीं है जब तक कि आर.ओ. अपरिहार्य कारणों से स्वयं सवीक्षा नहीं कर सकते हैं। ए.आर.ओ. को कागज पत्रों पर अपने हस्ताक्षर ए.आर.ओ. के रूप में न कि कृते आर.ओ. के रूप में करने चाहिये।

जैसे ही नामांकन पत्र प्रस्तुत होता है वैसे ही आर.ओ. को उसका निरीक्षण करना चाहिये। यदि उम्मीदवार उस क्षेत्र से मतदाता है तो निर्वाचक नामावली में वर्णित प्रविष्टि जो कि मतदाता क्र. नंबर एवं अभ्यर्थी तथा प्रस्तावक के नाम से संबंधित है का मिलान करना चाहिये। यदि उम्मीदवार दूसरे क्षेत्र से आता है तो नामांकन पत्र में वर्णित प्रविष्टि का मिलान करना चाहिये। क्षेत्र की मतदाता सूची अभ्यर्थी का नाम उससे संबंधित हिस्से में अथवा ऐसी प्रविष्टि की प्रमाणित प्रति अभ्यर्थी द्वारा प्रस्तुत की जायेगी। यह सुनिश्चित करें कि जिस निर्वाचक नामावली से आप मिलान कर रहे हैं वह इस समय उस निर्वाचन क्षेत्र के लिये प्रवर्तन में है।

यदि नामांकन के संलग्न शपथ-पत्र फार्म- 1-26 संलग्न नहीं है और यदि इस शपथ-पत्र के प्रत्येक कॉलम की पूर्ति नहीं है तो अभ्यर्थी के संज्ञान में यह तथ्य लाना चाहिये। नामांकन के संलग्न शपथ-पत्र फार्म 26 संलग्न करना अनिवार्य है। इस शपथ पत्र के प्रत्येक कॉलम की पूर्ति आवश्यक है यदि किसी कॉलम की जानकारी अभ्यर्थी से संबंधित नहीं है तो उस कॉलम में “निरंक“, “निल“, “लागू नहीं होता“, “संबंधित नही“ लिखा जाना अनिवार्य है।

प्रत्येक प्रत्याशी को शपथ पत्र प्ररूप- 26 प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट या नोटरी या लोक नोटरी या शपथ आयुक्त जो कि राज्य के उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त हो के द्वारा शपथ पत्र के अंतिम पृष्ठ पर सत्यापित किया जाना चाहिये। उम्मीदवार से संविधान के अनुच्छेद 84 (क) और 173 (क), संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम 1963 की धारा 4 (1) के अधीन विहित प्ररूप में निर्वाचन आयोग द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किसी व्यक्ति के समक्ष शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने और उस पर हस्ताक्षर करने की अपेक्षा की गई है। आयोग ने उम्मीदवारों को नामांकन पत्र में व्यक्तिगत विवरण की ऑनलाईन डेटा प्रविष्टि के लिये एक वैकल्पिक सुविधा प्रदान की है। यह सुविधा निर्वाचन आयोग के सुविधा पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध होगी। इस पोर्टल के माध्यम से उम्मीदवार अपना नामांकन फार्म और शपथ पत्र में अपने व्यक्तिगत विवरण की डेटा प्रविष्टि कर सकते है। प्रत्येक अभ्यर्थी के संबंध में आर.ओ. को निर्धारित मिलान सूची (चैक लिस्ट) दो प्रतियों में तैयार की जाना है जिसे अभ्यर्थी से उनको भरवायेंगे (चैक लिस्ट नमूना आर.ओ. की हैण्डबुक में उल्लेखित है) और मौलिक प्रति नामांकन पत्र के साथ संलग्न करते हुए द्वितीय प्रति अभ्यर्थी को दी जाये।

जब कोई अभ्यर्थी नामांकन पत्र जमा करता है, तो मिलान सुची के अनुसार आपको यह मिलान करना है, कि संबंधित चाहे गये दस्तावेज पूरी तरह से भरे है या नहीं। यदि चाहे गये दस्तावेज प्रस्तुत नही किये गये है, तो मिलान सूची में उसे उल्लेखित करते हुए उन दस्तावेजो को जमा करने की समय सीमा तय की जाये। दोनो जाँच मिलान सूची आर.ओ. एवं अभ्यर्थी के द्वारा हस्ताक्षरित की जाये। चुनाव खर्च की निगरानी करने के लिये प्रत्येक उम्मीदवार को पूरी तरह से चुनाव खर्च के लिये प्रथक से बैंक खाता खोलना आवश्यक है। यह खाता उसके द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने की दिनांक से एक दिन पूर्व खोला जायेगा, और उसके द्वारा खोले गये बैंक खाते का नम्बर नामांकन भरते समय प्रस्तुत किया जावेगा।

उम्मीद्वार के द्वारा चुनाव का खर्चा इसी बैंक खाते से किया जावेगा। सभी नाम निर्देशन पत्र और उनके साथ संलग्न दस्तावेज आर.ओ./ए.आर.ओ. की देखरेख में रखे जावे, किसी दूसरे व्यक्ति की पहुँच से दूर रखा जाये। अभ्यर्थी या उसका प्रस्तावक से अपने हस्ताक्षर करते समय अपना पूरा नाम लिखने की अपेक्षा नहीं की जाय। यह आवश्यक नहीं है कि नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर नामावली मे उस व्यक्ति के मुद्रित पूरे नाम से मिलते हो। वह अपने हस्ताक्षर उसी प्रकार से कर सकता है, जैसा कि वह आमतौर पर करता है। एक प्रस्तावक एक ही अभ्यर्थी के या भिन्न-भिन्न उम्मीद्वारो के एक से अधिक नाम निर्देशन पत्रो पर हस्ताक्षर कर सकता है। उम्मीदवारो को नामांकन पत्रों के साथ आवश्यक्ताओं और विशिष्टताओं के अनुरूप अपनी स्पष्ट छवी के 2 फोटोग्राफ प्रस्तुत करना है। फोटो पर उम्मीदवार के हस्ताक्षर होना चाहिये।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 1951 की धारा 34 अन्तर्गत सुरक्षा निधि रू 10000/- निर्धारित है। तद्नुसार अनुसुचित जाति, अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार को निर्धारित राशि का 50 प्रतिशत हिस्सा ही सुरक्षा निधि के रूप में जमा करना है। यदि अनारक्षित विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से कोई अ.जा. एवं अजजा वर्ग का अभ्यर्थी नामांकन पेश करता है तो, रिटर्निंग ऑफिसर को यह संतुष्टि करना होगी कि वह अजा/अजजा वर्ग का ही उम्मीदवार है। राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्राधिकृत अधिकारी की ओर से प्रस्तुत होने वाला फार्म ए और बी नाम निर्देशन पत्र दाखिल किये जाने की अंतिम दिनांक में निर्धारित समय दोपहर 03.00 बजे तक रिटर्निंग ऑफिसर को स्वीकार करना चाहिये।

नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा के दौरान अभ्यर्थी स्वयं, उसका निर्वाचन अभिकर्ता, प्रत्येक अभ्यर्थी का एक प्रस्तावक और प्रत्येक अभ्यर्थी द्वारा लिखित रूप में सम्यक रूप से प्राधिकृत कोई अन्य व्यक्ति (ऐसा व्यक्ति अगर अभ्यर्थी चाहे तो कोई वकील भी हो सकता है) उपस्थित रह सकते हैं। रजिस्ट्रीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों और निर्दलीय अभ्यर्थियों के मामले में भी प्रतिस्थापकों में से केवल एक को संवीक्षा के समय प्रवेश की अनुमति होगी। नामांकन प्रस्तुत करते समय रिटर्निंग ऑफिसर, सहायक रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय से 100 मीटर की परिधि पर केवल तीन वाहनों की संख्या सीमित है।

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