December 24, 2024

Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन में शांति की बात करने आए रूसी अरबपति पर केमिकल अटैक, रोमन अब्रामोविच के चेहरे की स्किन निकलने लगी, दिखना भी बंद हो गया था

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वाशिंगटन,29मार्च(इ खबर टुडे)। रूसी अरबपति रोमन अब्रामोविच को जहर दिए जाने की खबर है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, कथित तौर पर कुछ हफ्ते पहले रोमन अब्रामोविच को यूक्रेन की राजधानी कीव में एक बैठक के बाद जहर दिया गया था। वे यूक्रेन में जारी रूसी जंग के बीच एक ‘पीसमेकर’ के रूप में काम कर रहे थे।

दरअसल, एक प्रतिनिधिमंडल यूक्रेन पर रूस के हमले को खत्म करने के लिए मार्च महीने की शुरुआत में कीव पहुंचा था। इस प्रतिनिधिमंडल में रूसी अरबपति रोमन अब्रामोविच और यूक्रेनी सांसद रुस्तम उमेरोव समेत दो अन्य अधिकारी शामिल थे। यहां हुई बैठक के बाद इन लोगों में कुछ अजीब से लक्षण दिखाई दिए थे।

रोमन समेत अन्य अधिकारियों में दिखे अजीब लक्षण
बैठक खत्म होने के बाद सभी कीव के एक अपार्टमेंट में चले गए थे। लेकिन जब वे सुबह उठे तो उनकी आंखें सूजी हुई थीं और लाल हो गई थीं, शरीर में दर्द हो रहा था साथ ही उनके चेहरे और हाथों की स्किन (त्वचा) निकलने लगी थी। इतना ही नहीं रोमन को कुछ देर तक दिखना भी बंद हो गया था। इसके बाद उन्हें तुर्की के एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था। खबरों के मुताबिक, उन्हें जहर दिया गया था।

बताया जा रहा है कि रोमन अब्रामोविच और रुस्तम उमेरोव की हालत में सुधार और उनकी जान खतरे से बाहर है। जांच करने वालों का मानना है कि केमिकल को हथियार बनाकर जहर दिया गया। उन्होंने कहा कि जहर कम मात्रा में दिया गया जिससे जान को कोई खतरा नहीं हो। उनका कहना है कि यह सिर्फ डराने के लिए दिया गया।

बातचीत रोकने के उद्देश्य से दिया गया जहर
मामले से जुड़े लोगों के हवाले से वॉल स्ट्रीट जर्नल में कहा गया कि मॉस्को में बैठे कट्टरपंथियों ने बातचीत रोकने के लिए रोमन, रुस्तम उमेरोव समेत अन्य अधिकारियों को जहर दिया होगा।

कौन हैं रोमन अब्रामोविच
रोमन अब्रामोविच को व्लादीमिर पुतिन के बेहद करीबी दोस्तों में से एक माना जाता है। उनके यूक्रेन और रूस में यहूदी समुदायों के साथ करीबी रिश्ते हैं। दुनिया के मशहूर फुटबॉल क्लब चेल्सी एफसी में भी उनकी हिस्सेदारी थी। 20 साल वो इसके मालिक भी रहे। पिछले दिनों उन्होंने इस क्लब से नाता तोड़ लिया क्योंकि ब्रिटेन ने रूसी कंपनियों और रूस से संबंध रखने वाले लोगों पर तमाम तरह की पाबंदियां लगा दी थीं।

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