CAG रिपोर्ट के बाद हरकत में रेलवे, बताया बेहतर फूड क्वॉलिटी के लिए क्या है नई पॉलिसी
नई दिल्ली,23 जुलाई (इ खबर टुडे )।रेलवे के खाने को लेकर सीएजी की रिपोर्ट के बाद रेल मंत्रालय हरकत में आ गया है। मंत्रालय की तरफ से रविवार को बताया गया कि अपनी नई पॉलिसी में रेलवे ने खाने की क्वॉलिटी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। मंत्रालय का कहना है कि इसका मकसद लोगों को अच्छा खाना मुहैया कराना है। बीते दिनों रेलवे के खाने को लेकर सीएजी की रिपार्ट में कहा गया था कि खाने का सामान बनाने के लिए गंदे पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है, पैंट्री में चूहे और तिलचट्टे घूम रहे थे, खाने का सामान अन्य सामान के साथ खुले में पड़ा था। सीएजी ने तो यहां तक कहा था, ‘ रेलवे स्टेशनों पर जो खाने-पीने की चीजें परोसी जा रही हैं, वो इंसानी इस्तेमाल के लायक ही नहीं हैं।’
रेलमंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि मंत्रालय की तरफ से कैटरिंग सर्विस को और बेहतर बनाने के लिए कई तरह की शुरुआत की गई है। मंत्रालय का कहना है कि खाना बनाने और खाना वितरण करने की व्यवस्था को अलग किया जा रहा है। नई कैटरिंग पॉलिसी में यह भी तय किया गया कि किचन और खाने की क्वॉलिटी से संबंधित मामलों के लिए आईआरसीटीसी जिम्मेदार है। इसके अलावा यह भी तय किया गया कि ट्रेनों में जाने वाला खाना आईआरसीटीसी के किचन के अलावा कहीं और से नहीं जाएगा। मंत्रालय ने कहा, ‘सभी मोबाइल यूनिट्स पर आईआरसीटीसी ही कैटरिंग सर्विस करेगा। सभी ट्रेनों के लिए खाना सिर्फ तय किए गए किचन से लिया जाएगा। इसकी पूरी व्यवस्था आईआरसीटीसी की तरफ से की जाएगी।’ इसके अलावा ऑन डिमांड ऑर्डर के लिए 357 स्टेशनों पर ई-कैटरिंग की व्यवस्था भी की गई है।
बता दें कि रेलवे ने नई पॉलिसी 27 फरवरी को जारी की थी, लेकिन सीएजी की रिपोर्ट के बाद रेलवे ने फिर से ट्वीट कर इस पॉलिसी के बारे में बताया। इसके अलावा रेलवे स्टेशनों पर चलने वाले फूड प्लाजा, फूड कोर्ट और फास्टफूड यूनिट्स का काम भी आईआरसीटीसी के तहत ही आएगा। इस कैटरिंग पॉलिसी में मंत्रालय की तरफ से खाने की क्वॉलिटी को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात कही गई है। मंत्रालय ने कहा इस दिशा में कार्रवाई करते हुए पिछले 6 महीने में 7 कॉन्ट्रैक्ट कैंसल किए गए, 16 कॉन्ट्रैक्टर्स को ब्लैकलिस्टेड किया गया, 21 अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई गई और साढ़े चार करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
शुक्रवार को सीएजी की तरफ से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि रेलवे स्टेशनों पर जो खाने-पीने की चीजें परोसी जा रही हैं, वो इंसानी इस्तेमाल के लायक ही नहीं हैं। जांच में यह भी पाया गया कि रेलवे परिसरों और ट्रेनों में साफ-सफाई का बिलकुल ध्यान नहीं रखा जा रहा। इसके अलावा, ट्रेन में बिक रहीं चीजों का बिल न दिए जाने और फूड क्वॉलिटी में कई तरह की खामियों की भी शिकायतें हैं। सीएजी और रेलवे की जॉइंट टीम ने 74 स्टेशनों और 80 ट्रेनों का मुआयना किया। ऑडिट में पाया गया कि ट्रेनों और स्टेशनों, कहीं भी साफ-सफाई नहीं रखी जा रही। ऑडिट रिपोर्ट में लिखा है, ‘पेय पदार्थों को तैयार करने के लिए नल से सीधे अशुद्ध पानी लेकर इस्तेमाल किया जा रहा था। कूड़ेदान ढके नहीं हुए थे और उनकी नियमित अंतराल पर सफाई नहीं हो रही थी। खाने की चीजों को मक्खी, कीड़ों और धूल से बचाने के लिए उन्हें ढककर नहीं रखा जा रहा था। इसके अलावा, ट्रेनों में चूहे, कॉकरोच पाए गए।’