May 5, 2024

विधायक निधि का दुरूपयोग कर निजी जमीन पर बाउंड्रीवाल बनवाई, पूर्व विधायक पारस जैन एवं 7अधिकारियों पर लोकायुक्त प्रकरण दर्ज

उज्जैन,06फरवरी(इ खबर टुडे)। लोकायुक्त ने पूर्व विधायक पारसजैन एवं 7 अधिकारियों पर छल पूर्वक विधायक निधी के दुरूपयोग एवं निजी भूमि की बाउंड्रीवाल बनाने के मामले में प्रकरण दर्ज किया है। शहर के पिंग्लेश्वर मार्ग पर स्थित पिल्याखाल नाले पर सुरक्षा दीवाल के नाम पर तत्कालीनं विधायक की निजी जमीन की सुरक्षा के लिये इस बाउण्ड्री वॉल का निर्माण किया गया। शासन को लगभग 153.72 लाख रूपये का कार्य निजी हित में किया जाकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचायी जा चुकी हैं एवं शेष निर्माण कार्य हेतु 44.76 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति योजना एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी की जा चुकी हैं।

शिकायतकर्ता दिनेश चौहान निवासी, देवास ने लोकायुक्त भोपाल को शिकायत करते हुए बताया था कि पूर्व विधायक पारस जैन द्वारा लगभग 2 वर्ष पूर्व पांड्याखेड़ी गांव में स्थित सिलिंग की जमीन को पद का दुरूपयोग कर लगभग 15 बीघा जमीन अपनी पत्नि श्रीमती अंगूरबाला जैन के नाम से कॉटन मर्चेंट शैक्षणिक एवं पारमार्थिक न्यास के नाम से लगभग 80 लाख रूपये में क्रय की है। इसके साथ ही करीबन 2 बीघा नाले से लगी हुई शासकीय भूमि पर भी अवैध कब्जा कर लिया है। उक्त भूमि पर अनावेदक पारस जैन विधायक ने पद का दुरूपयोग कर शासकीय विधायक निधि से लगभग 81 लाख रूपये में नाले की तरफ से लेकर अपनी पूरी कृषि भूमि के चारो और बाउण्ड्री वाल बनवा ली है। इस प्रकार अनावेदक द्वारा शासकीय विधायक निधि की राशि लगभग 81 लाख रूपये अपने निजी कार्य में उपयोग शासन का आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। शिकायत का सत्यापन उज्जैन लोकायुक्त इकाई निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव, निरीक्षक ने किया।

शिकायत सत्यापन में सामने आया कि निजी कृषि भूमि पूर्व विधायक की पत्नी अंगुरबाला एवं उनके भाई विमल कुमार जैन की पत्नी संगीता जैन के नाम से शासकीय राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है, जो कि खसरा नंबर 9 में स्थित है, उक्त नाले की सुरक्षा दीवाल बनाया जाना पाया गया है एवं उक्त भूमि से लगी हुई निर्मित नाले मि खसरा नंबर 10 में होकर शासकीय भूमि है एवं उक्त नाले से लगी हुई कृषि भूमि खसरा नंबर नाले की सुरक्षा दीवार नाले के तटबंध की ऊंचाई से भी कहीं 10 फिट अधिक और कहीं पर 6 के लगभग अधिक बॉउण्ड्री वॉल / सुरक्षा दीवार का निर्माण किया गया है। इस प्रकार 153.72 लाख रूपये की आर्थिक क्षति शासन को पहुंचाना जाना प्रथम दृष्ट्या प्रमाणित पाया गया है एवं 44.76 लाख रूपये का कार्य किया जाना शेष है। इस प्रकार तत्कालीन विधायक श्री जैन निजी पारिवारिक भूमि के हितों को साधने में छल व षड़यन्त्रपूर्वक कार्य किया गया है। निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग एवं संभागीय योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय उज्जैन के अधिकारीगणों की भूमिका भी परिलक्षित हुई है।

तत्कालीन विधायक श्री जैन द्वारा विधायक निधि वर्ष 2020-2021 से 89.18 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की गई थी, पुल की सुरक्षा दीवाल की कुल लंबाई 230 मीटर है, जिसमें से 0–75 मीटर सुरक्षा दीवाल का निर्माण हो चुका है, आगे शेष 80 मीटर दीवाल के निर्माण कार्य हेतु वर्ष 2021-2022 से 99.90 लाख रूपये स्वीकृत कर निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग उज्जैन को बनाये जाने हेतु अनुशंसा कलेक्टर, जिला उज्जैन को की गई थी। प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत जिला योजना अधिकारी, संभागीय योजना एवं सांख्यिकी उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा कलेक्टर के माध्यम से दिनांक 31.03.2022 को कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग (भ / प ) उज्जैन को निर्माण एजेन्सी बनाया था।

तत्कालीन विधायक पारसचन्द्र जैन द्वारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना वर्ष 2023-2024 में प्राप्त आवंटन में से उज्जैन शहर के वार्ड क्रमांक 4 पिंग्लेश्वर मार्ग पर स्थित पिल्याखाल नाले पर पुल की सुरक्षा स्थाई पक्की दीवार चैनेज 174.20 से 204.70 मीटर कुल लम्बाई 30.50 मीटर का निर्माण कार्य लागत राशि 44.76 लाख रूपये स्वीकृत कर निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग को बनाये जाने हेतु अनुशंसा कलेक्टर, जिला उज्जैन को की गई थी। उक्त अनुशंसा अनुसार कार्यालय कलेक्टर (योजना एवं सांख्यिकी) सम्राट विक्रमादित्य प्रशासनिक संकुल भवन, उज्जैन के आदेश द्वारा प्रशासकीय आदेश जारी कर लोक निर्माण विभाग को निर्माण एजेन्सी बनाया गया था, वर्तमान में निर्माण प्रारंभ नहीं हुआ है।

इस प्रकार 153.72 लाख रूपये की आर्थिक क्षति शासन को पहुंचाने संबंधी प्रतिवेदन पर निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यालय के आदेशानुसार प्रथम दृष्ट्या प्रमाणित पाये जाने पर पूर्व विधायक पारस चंद्र जैन, सहित लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन अधीक्षण यंत्री राजेन्द्र कुमार जैन ,कार्यपालन यंत्री जी.पी. पटेल , कार्यपालन यंत्री गौतम अहिरवार एसडीओ सीमा सागर, एसडीओ संदीप बेनीवाल, उपयंत्री शरद त्रिपाठी, जिला सांख्यिकी अधिकारी, योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय उज्जैन डॉ. राजश्री सांकले के विरूद्ध धारा – 7, 13 ( 1 ) ए, 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018 ) एवं 420, 120 बी भारतीय दण्ड विधान के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया है। विवेचना के दौरान इसमें और आरोपी बढने की संभावना है। शिकायतकर्ता की उल्लेखित 2 बीघा नाले से लगी हुई शासकीय जमीन पर कब्जे की जांच विवेचना में की जावेगी।

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