बजट में भाजपा का दिल्ली सुधारने का दावा : पहली बार एक लाख करोड़ रुपये का बजट

विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद भाजपा की रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री के रुप में अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री रेखा गुप्ता ने पहली बार बजट पेश किया। उन्होंने एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। इसमें अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग-अलग सुविधाएं देने का दावा किया गया है। अब देखना होगा कि भाजपा दिल्ली के लोगों पर कितना प्रभाव छोड़ती है और विकास के लिए क्या-क्या परियोजनाएं शुरू करवाती है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि महिला समृद्धि योजना के लिए 5100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस बजट में से दिल्ली की महिलाओं को प्रति महीना 2500 रुपये की पेंशन या प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अलावा यमुना और सीवेज सफाई पर भी फोकस किया गया है। इसके लिए नौ हजार करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना को प्रभावी तरीके से और लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए 2144 हजार करोड़ रुपये का बजट है। इस योजना के तहत लोगों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज दिया जाता है। केंद्र सरकार के अलावा दिल्ली सरकार अपनी तरफ से पांच लाख और जोड़ रही है। इसलिए दिल्ली में अब यह योजना दस लाख रुपये सालाना हो गई है।
गरीबों के लिए बनाए जाएंगे घर
अपने बजट भाषण में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपने लिए शीशमहल बनवाया है। भाजपा गरीब लोगों के लिए घर बनाएगी। इसके अलावा झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले लोगों के लिए शौचालय बनवाए जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने बताया कि मातृत्व वंदन परियोजना के लिए 210 करोड़ रुपये रखे गए हैं। इस परियोजना के तहत गर्भवति महिलाओं को एकमुश्कत 21 हजार रुपये की राशि दी जाएगी। महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिल्ली में 50 हजार सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे।
विधानसभा में रखी सीएजी की रिपोर्ट
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सदन में सीएजी रिपोर्ट पेश की। यह रिपोर्ट दिल्ली ट्रांसपोर्ट को-ऑपरेशन के कामकाज पर रखी गई। इसके बाद भाजपा नेताओं ने पूर्व सरकार तथा डीटीसी के कुप्रबंधन के आरोप लगाए हैं। भाजपा नेताओं ने कहा कि डीटीसी पर लगातार कर्ज बढ़ता जा रहा है। 2015-16 में यह कर्ज 28 हजार 263 करोड़ रुपये था जो 2021-22 में बढ़कर 65 हजार 274 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान डीटीसी को 14 हजार करोड़ रुपये घाटे में दिखाया गया। इसके अलावा 2015 में डीटीसी की बसों की संख्या 4344 थी, जो इस समय घटकर 3937 रह गई है। यह सब आम आदर्मी पार्टी की सरकार में हुआ है। इसका मतलब आम आदमी पार्टी की सरकार लाेगों को सुविधाएं देने तथा सार्वजनिक विभागों का सही प्रबंधन नहीं कर सकी।