BJP की जीत नोटबंदी की कामयाबी? मोदी अब लेंगे ये 6 कड़े फैसले
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नई दिल्ली,12 मार्च(इ खबरटुडे)।चार महीने पहले नरेंद्र मोदी ने जब नोटबंदी का फैसला लिया था तो विरोधियों को एक मुद्दा मिला था. अधिकतर पार्टियों ने इसे मुद्दा बनाया, संसद की कार्यवाही नहीं चल पाई. इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में इसका असर पड़ेगा.कांग्रेस, सपा और बसपा ने अपने प्रचार में नोटबंदी से हुई दिक्कतों को हाईलाइट करते नजर आए. पर यूपी का फैसला बीजेपी के सपोर्ट में आए. ऐसे में मोदी सरकार नोटबंदी को अब कामयाबी के तौर पर पेश कर सकती है. अगर ये हुआ तो मोदी कुछ और कड़े और सख्त कदम उठा सकते हैं.
क्यों मोदी लेंगे और सख्त फैसले
मोदी ने नोटबंदी के बाद 50 दिन तक अपने कई भाषणों में आर्थिक और करप्शन फ्री सिस्टम के लिए सुधार की बात की थी. इसके लिए उन्होंने कई मौकों पर कहा था- हम यही नहीं रुकेंगे, नोटबंदी से भी कड़े फैसले लिए जाएंगे.
कड़े फैसले
मोदी सरकार नोटबंदी की तरह बेनामी प्रॉपर्टी को लेकर सरकार बड़ा कदम उठा सकती है. कानून पहले से पास है और जल्द ही उसे लागू करने की योजना है.
सब्सिडी में कटौती
मोदी कई मौकों पर जनता को सब्सिडी छोड़ने के लिए कह चुके हैं. उनकी अपील पर पिछले तीन साल में लाखों लोगों ने एलपीजी सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ी है.
गोल्ड मोनेटाइजेशन में सख्ती
सरकार गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम को सख्त कर सकती है.
GST लागू करना
GST लागू होने के बाद राज्यों में महंगाई बढ़ेगी. इससे पार पाने के लिए शायद ही केंद्र सरकार कोई कदम उठाए. महंगाई बढ़ने का सबसे बड़ा कारण ये हो सकता है कि वन टैक्स पॉलिसी के लागू होने से छोटे और मध्यम कारोबारियों को नुकसान होगा.
बैंक रिफॉर्म
बैंक डिफॉल्टर के खिलाफ सख्त होगी सरकार मोदी सरकार बैंकों का पैसा मारकर बैठे लोगों के खिलाफ सख्त हो सकती है. स्टेट बैंक का मर्जर इसी लिए चल रहा है. कुछ ऐसी एजेंसियां भी खुद को सामने ला रही हैं जो बैंकों से उनको मिलने वाला कर्ज खरीद सकती हैं और फिर उसे वे अपने ढंग और मनमानी तरीके से वसूलेंगी. नोटबंदी में गड़बड़ी करने वालों पर गिरेगी गाज नोटबंदी के दौरान कई प्राइवेट बैंकों ने गड़बड़ी की थी. सरकार ने उनसे सीसीटीवी फुटेज रखने के लिए कहा था. कई खातों में पैसे डाले गए थे, उनकी जांच शुरू होगी.
मोदी ने जब लिया था नोटबंदी का फैसला?
8 नवंबर को प्रधानमंत्री ने देश में सर्वाधिक प्रचलित 500 और 1000 रुपये की लगभग 86 फीसदी करेंसी को प्रतिबंधित कर दिया था. इस फैसले का पूरे देश पर व्यापक असर पड़ा. आम आदमी बैंक और एटीएम की लाइनों में खड़ा हो गया. तो देशभर में कैश पर आधारित कारोबार ठप पड़ गया. कैश की तंगी और गिरते आर्थिक आंकड़ों से केन्द्र सरकार भी सकते में आ गई.