Demolish the temple : हिंदू संगठनों का बड़ा विरोध प्रदर्शन, मांगा मुख्यमंत्री का इस्तीफा
अलवर,27अप्रैल(इ खबर टुडे)। राजस्थान के अलवर जिले में पिछले सप्ताह तीन मंदिरों और 86 दुकानों और घरों को ध्वस्त कर दिया गया था। अधिकारियों ने कार्रवाई को राजगढ़ शहर में एक सड़क को चौड़ा करने के लिए एक अतिक्रमण विरोधी अभियान के हिस्से के रूप में वर्णित किया। तोड़े गए मंदिरों में 300 साल पुराना शिव मंदिर भी शामिल है।
मंदिरों को तोड़े जाने को लेकर बीजेपी और सत्तारूढ़ कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने जहां कांग्रेस पर विध्वंस के पीछे होने का आरोप लगाया, वहीं राज्य कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि यह शहर की नगर पालिका का निर्णय था, जिसका नेतृत्व भगवा पार्टी कर रही थी।
शहीद स्मारक (शहीद स्मारक) से समाहरणालय तक मार्च कर रही रैली में अलवर के सांसद बालकनाथ समेत कई साधु-संन्यासी शामिल हुए। पुलिस ने “जय श्री राम” के नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए।
अलवर विध्वंस पर आमना-सामना
राजस्थान सरकार ने अलवर के राजगढ़ में 300 साल पुराने शिव मंदिर समेत घरों और तीन मंदिरों पर बुलडोजर चलाया। जबकि एक प्राचीन शिवलिंग को एक ड्रिल का उपयोग करके काटा गया, यहां तक कि लोगों ने प्रशासन से मंदिरों को नष्ट नहीं करने की गुहार लगाई थी। अभियान शनिवार को भी जारी रहा, इस बार एक गौशाला (गोशाला) के ऊपर बुलडोजर चला।
भाजपा राजस्थान अध्यक्ष सतीश पूनिया के नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को जमीनी हकीकत का पता लगाने के लिए घटनास्थल पर पहुंचा। इसने कांग्रेस पर नगर पालिका बोर्ड के 2016 के प्रस्ताव और योजना का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर, कैबिनेट मंत्री टीका राम जूली, जौहरी लाल मीणा और भंवर जितेंद्र सिंह के साथ कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजगढ़ का दौरा किया और भाजपा पर ‘शांति के माहौल को नष्ट करने’ का आरोप लगाया।