bhopal/ अपराधी आईपीएस इरशाद अली से पत्रकार की जान को खतरा, मानव अधिकार आयोग ने डीजीपी को दिए पत्रकार व उसके परिवार की सुरक्षा के सख्त निर्देश
स्वतंत्रता पर अतिक्रमण का झूठे मुकदमे बनाने वाले आरोपी आईपीएस इरशाद वाली की पुलिस सेवाएं रद्द करने की मांग
भोपाल,09 दिसंबर (इ खबर टुडे)। मध्यप्रदेश भोपाल डीआईजी इरशाद वली द्वारा संवैधानिक पद की शक्तियों का विधिविरुद्ध दुरुपयोग कर वरिष्ठ पत्रकार अनम इब्राहिम पर निष्पक्ष समाचारों के चलते विधि विरुद्ध झूठे मुकदमे पंजीबद्ध कर लिए गए थे। पीड़ित पत्रकार द्वारा जमात ए तबलीग के नाम पर भरने वाले अवैध मेले के विरुद्ध समाचार प्रकाशित किए गए जो मेला माफिया आरोपी आईपीएस इरशाद वर्ली के ससुराल पक्ष के करीबी थे।जिसके बाद पत्रकार पर कट्टरवादी विचारधारा रखने वाले डीआईजी इरशाद वाली ने पत्रकार को जमात ए तबलीग के अवैध मेला माफिया के खिलाफ समाचार नहीं चलाने को लेकर धमकाया ,जब पत्रकार ने आरोपी आईपीएस की नहीं मानी तो आरोपी इरशाद वाली द्वारा राज्य स्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार पर झूठे मुकदमे दर्ज कर लिए पीड़ित पत्रकार द्वारा आरोपी आईपीएस इरशाद वली के विरुद्ध भारतीय प्रेस परिषद में शिकायत दर्ज करवाई।
परिषद ने समस्त साक्षी सबूत गवा को देख मामले की गंभीरता देखते हुए आरोपी डीआईजी इरशाद वाली के विरुद्ध प्रकरण क्रमांक 140/B-2020 का मामला दर्ज कर दिया गया।साथ ही कार्रवाई हेतु मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव डीआईजी को नोटिस तामिल किया था तो वहीं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने आरोपी इरशाद वाली के विरुद्ध प्रकरण क्रमांक867/12/8/2020 दर्ज कर मध्य प्रदेश सरकार व डीजीपी व आरोपी आईपीएस इरशाद वली से जवाब तलब किया था।
परंतु आरोपी द्वारा आयोग की कार्रवाई को नजरअंदाज किया गया ,आयोग द्वारा आरोपी आईपीएस को कई बार नोटिस के माध्यम से दी जा चुकी थी परंतु हाल ही में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने नाराजगी जाहिर करते हुए आरोपी आईपीएस पर कार्रवाई प्रारंभ कर दी। वही मध्य प्रदेश के डीजीपी को पीड़ित पत्रकार अनम इब्राहिम व उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि आरोपी आईपीएस इरशाद वली के विरुद्ध मानव अधिकार आयोग में पूर्व से कई पीड़ितों द्वारा दर्जनों शिकायतें दर्ज करवाई जा चुकी है। संवैधानिक पद से प्राप्त शक्तियों का दुरुपयोग कर झूठे मुकदमे कायम करने की आधी आरोपी आईपीएस शिक्षा पर दर्जन भर से ज्यादा गंभीर आपराधिक मुकदमे न्यायालय में चल रहे हैं।
गौरतलब है कि आरोपी इरशाद वली वर्तमान में भी भोपाल के मैदानी डीआईजी है। हाल ही में उनकी शह पर हजारों असामाजिक तत्वों का सांप्रदायिक जमावड़ा जोड़कर शहर भर में सांप्रदायिकता के तनाव पैदा हो किये गए थे। बाद में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ,विधानसभा स्पीकर ने सोशल मीडिया पर इस घटना को राष्ट्रद्रोह करार दिया।
जिसके पास मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोपी इरशाद वली को फटकार लगाई और कई असामाजिक तत्वों पर सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न करने और दशहद फैलाने के मुकदमे दर्ज करने के आदेश दिए जिसमें आरोपी इरशाद वली के करीबी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर आरिफ मसूद ,वह आरोपी आईपीएस के कई करीबी कट्टर वादियों पर मुकदमे दर्ज हुए।
हालांकि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने पीड़ित पत्रकार व उसके परिवार को सुरक्षा देने के डीजीपी को निर्देश दिए हैं। लेकिन पीड़ित पत्रकार आरोपी आईपीएस की धमकी व डर के चलते वापस अपने घर भोपाल जाने से डर रहा है पीड़ित पत्रकार अनम इब्राहिम को संकाय के आरोपी आईपीएस इरशाद वली उसके ऊपर फिर से कोई झूठे मुकदमे बना सकता है या हत्या भी करवा सकता है, क्योंकि आरोपी आईपीएस कट्टरवादी सोच का गुंडा स्वभाव का अधिकारी है जिसके अतीत से ही अपराध जुड़े हुए हैं।
जानकारी के अनुसार 2004 में आईपीएस ट्रेनिंग के दौरान भी इरशाद वर्ली पर अपराधिक मुकदमा पंजीबद्ध है। आरोपी आईपीएस इरशाद वाली ने हैदराबाद आरामगढ़ के सपना बार में शराब के नशे में धुत होकर गरीब पान वाले वेंकटेश नामक व्यक्ति से मारपीट की थी। जिसके चलते आरोपी आईपीएस इरशाद अली का 3 वर्ष तक वेतनमान रोका गया था। पीड़ित पत्रकार आरोपी आईपीएस के अपराधिक आचरण से भयभीत है ,11 महीने से घर परिवार से दूर भटक रहा है।