December 28, 2024

रेलवे लाइन के दोहरीकरण की समस्याओं को हल करने के लिए भारत गौरव के अनिल झालानी ने दिया उपयोगी सुझाव

anil jhalani

रतलाम, 10 फरवरी ( ई खबर टुडे)। “फंड की कमी से अटकी रेल लाईन के दोहरीकरण की योजना”, “विलम्ब के चलते डेढ गुनी हुई रेलवे दोहरीकरण योजना की लागत” इस तरह के शीर्षक अक्सर अखबारों की सुर्खियां बनते रहते हैैं। इन समस्याओं से बचा जा सकता है और बहुत कम लागत में रेलवे की न सिर्फ गति बढाई जा सकती है और माल लदान की क्षमता में भी जबर्दस्त इजाफा किया जा सकता है। रेलवे के विकास में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकने वाला यह सुझाव भारत गौरव अभियान के संयोजक अनिल झालानी ने सबसे पहले आज से करीब आठ वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु को दिया था।

देश में जहां कहीं सिंगल रेलवे लाइन है,वहां ट्रेनों की संख्या और माल लदान की क्षमता को बढाने में कई समस्याएं आती है। ऐसी स्थिति में रेलवे द्वारा सिंगल लाइन रेल खण्डों का दोहरीकरण करना अनिवार्यता है। प्राय: देखने में आता है कि इन मार्गों की योजना बनाते समय एक समानांतर अतिरिक्त सम्पूर्ण रेल लाइन बिछाने की योजना बनाई जाती है। भूमि अधिग्र्रहण की पेचिदगियों और प्रक्रियागत विलम्ब के चलते योजना के पूर्ण होने में जो समय लगता है,उसमें योजना की लागत सैकडों से हजारों करोड तक पंहुच जाती है। इसीलिए शासन के सामने भी फण्ड की कमी की दिक्कत के साथ ही योजना का लाभ भी योजना के पूरा हो जाने के बाद ही मिलता है।

भारत गौरव अभियान के संयोजक अनिल झालानी ने इन व्यावहारिक समस्याओं के निराकरण के लिए विगत 11 जुलाई 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र लिख कर यह सुझाव दिया था कि जिस रेल खण्ड में दोहरीकरण की आïवश्यकता हो, वहां पूरे रेल खण्ड का दोहरीकरण करने की बजाय रेल खण्ड के बीच के दोनो छोर के तरफ के दो बडे सेक्शन(अर्थात दो स्टेशनों) की दूरी के लम्बे वाले भाग का दोहरीकरण कर इसका तत्काल लाभ लिया जा सकता है।

ऐसा करने से जहां न केवल योजना की लागत बेहद कम हो जाएगी,वहीं आपरेशन और मेन्टनेन्स के रोज के खर्चे भी बचेंगे। काम भी जल्दी पूरा हो जाएगा। इसी प्रकार इसका लाभ भी पूरे ट्रैक के दोहरीकरण जैसा ही मिल सकेगा,क्योंकि दोनो ओर से ट्रेनों को बीच वाले सेक्शन पर विपरित दिशा में क्रासिंग करके चलाया जा सकेगा। श्री झालानी ने अपने पत्र के साथ इस योजना को समझाने के लिए एक रुट चार्ट भी बनाकर प्रेषित किया था।

श्री झालानी ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री से आग्रह किया था कि देश में जहां भी रेलवे के दोहरीकरण का कार्य चल रहा है,वहां उनके सुझाव पर अमल किया जाए,जिससे कि शीघ्र ही रेलवे के यातायात में वृद्धि का लाभ मिल सकेगा और भविष्य में भी इसी प्रकार का फार्मूला बनाकर दोहरीकरण के कार्य को चरणवार ढंग से आगे बढाया जाए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह बहुमूल्य सुझाव भेजने के करीब चार माह बाद श्री झालानी को जब यह समाचार प्राप्त हुआ कि आर्थिक मामलों की मंत्रीमण्डलीय समिति ने कोरापुट-सिंगापुर रेल सेक्शन के दोहरीकरण की योजना को 2361.74 करोड रुपए की स्वीकृती दी है,श्री झालानी ने तुरंत 21 नवंबर 2015 को पुन: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख कर इस योजना में दो हजार करोड रु. बचाने का सुझाव दिया था। श्री झालानी ने अपने पत्र में कहा कि यदि उनके सुझाव पर अमल किया जाता है,तो फिलहाल देश के दो हजार करोड रु. बच जाएंगे और योजना का 60-70 प्रतिशत लाभ भी जल्दी मिलने लगेगा। श्री झालानी ने इस पत्र की प्रतिलिपि तत्कालीन वित्त मंत्री स्व. अरुण जेटली और रेलवे बोर्ड के चैयरमेन को भी प्रेषित की थी। इसी प्रकार का स्मरण पत्र श्री झालानी ने फिर से 15 जून 2016 को भी प्रधानमंत्री और रेलमंत्री को प्रेषित किया था। 28 जून 2021 को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पूर्व में प्रेषित समस्त पत्रों की प्रतिलिपियां प्रेषित कर रेल लाइनों के दोहरीकरण के लिए आवश्यक धनराशि के प्रबन्ध में आने वाली समस्या के निराकरण के लिए उनके द्वारा भेजे गए सुझाव पर अमल करने का आग्र्रह किया था।

श्री झालानी को उम्मीद है कि भारत सरकार और रेल प्रशासन उनके इस उपयोगी सुझाव को अमल में लाकर ट्रेनों के परिचालन में आने वाली कठिनाईयों को दूर करेगा और कम लागत में अधिक से अधिक लाभ लेने वाले सुझावों को लागू किया जाएगा।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds