November 24, 2024

Congress Politics : टिकट देने से पहले कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की चुनाव क्षेत्र में जन स्वीकार्यता की क्षमता तलाशे

भोपाल,11फरवरी (इ खबर टुडे / चंद्र मोहन भगत )। सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी होने के बाद भी कांग्रेसी जनतंत्र को पहचानने वाला कोई प्रजातांत्रिक पैमाना नहीं बना पाई है । आज भी कांग्रेस के अधिकांश नेताओं को पार्टी की रीति नीतियों से ज्यादा गांधी परिवार के क्रिया कलापों पर भरोसा है, प्रदेश और केंद्र में सरकार बनाने के लिए । ऐसे समय जब भाजपा की वर्तमान सरकार से जीतने के लिए पहले कांग्रेस को अपने प्रत्याशियों के लिए विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों के मतदाताओं के मन की कांग्रेस के प्रति स्वीकार्यता की क्षमता को भांपना पड़ेगा तभी वह भाजपा को टक्कर देने की स्थिति में आ पाएगी ।

अगर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा या भाजपा से नाराज जनमत के भरोसे कांग्रेस ने क्षेत्रीय प्रत्याशी चुने तो भावी नतीजे भी पूर्व के नतीजों का अनुसरण करेंगे । वर्तमान दौर में देश का मतदाता राजनीतिक दलों द्वारा बनाए गए सतही सार्वजनिक वातावरण से प्रभावित ना होकर अपने भविष्य के लिए स्वविवेक से निर्णय लेता है। अतः कांग्रेस संगठन ने अपने दल के विचार और चुनाव में उतारे प्रत्याशियों के प्रति जन स्वीकार्य क्षमता का आकलन किए बगैर प्रत्याशी बनाया तो भले ही प्रत्याशी पूरी योग्यता रखता हो शिक्षित हो पर आम मतदाता के मन में उस प्रत्याशी के प्रति स्वीकार्यता के भाव नहीं होंगे तो उसका जीतना असंभव ही रहेगा ।

वर्तमान दौर में देश का वातावरण और राजनीतिक दलों की कार्यप्रणाली विभिन्न माध्यमों के कारण प्रत्येक मतदाता देखने सुनने समझने लगा है । ऐसे में संभव है कि किसी राजनीतिक दल का सार्वजनिक सतह पर फैला हुआ प्रचार वातावरण उसे जीत के प्रति निश्चिंत करता रहे जबकि सार्वजनिक प्रचार वातावरण में कमतर नजर आने वाले प्रत्याशी के प्रति जनमानस में स्वीकार्य भाव अधिक है तो नतीजे में विजेता घोषित हो जाता है। ऐसे नतीजे ही साबित करते हैं कि मतदाता ने स्वविवेक से अपने मत का उपयोग किया है किसी के कम ज्यादा प्रचार या वादों से प्रभावित हुए बगैर । यही वातावरण राजनीतिक दलों के नेतृत्व को नतीजों के आने तक भृमित बनाए रखता है । ऐसी परिस्थिति सभी दलों के लिए समान रहती है।

ये अलग बात है कि वर्तमान में देश में भाजपा के प्रति जन स्वीकार्यता का ग्राफ ऊपर है पर लगातार घर सामग्रियों की कीमतों में वृद्धि सरकार के करीबी उद्योगपतियों के भ्रष्टाचार लोकसभा में विपक्ष के प्रश्नों के अस्पष्ट जवाब विपक्षियों पर सरकारी एजेंसियों की कार्यवाही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय मुद्रा का अवमूल्यन । साथ ही राज्य की अपनी समस्याएं जैसी समस्याओं ने भाजपा की सतही जनसाख को लगातार घटाया है । इसके उलट कांग्रेस संगठन के नेता राहुल गांधी की देश भर में भारत जोड़ो यात्रा से जनसाख का ग्राफ ऊपर बढ़ा है । साल के अंत में चार राज्यों के विधानसभा चुनाव होना है सभी राज्यों की अपनी जन समस्याएं रहती है जनमत की नाराजगी भी राज्य स्तर की होती है इन चुनावो पर असर डालेगी ।

कांग्रेस संगठन को अगर इन राज्यों में सरकार बनाना है तो ऐसे कार्यकर्ताओं को प्रत्याशी बनाना होगा जिसकी क्षेत्रीय जनमानस में स्वीकार्यता अन्य दलों के प्रत्याशियों से बेहतर हो । इन चुनाव होने वाले राज्यों में वही दल सरकार बना पाएगा जिसके संगठन में जनमानस में अपने प्रत्याशियों के प्रति स्वीकार्य क्षमता मापने का पैमाना होगा क्योंकि इस पैमाने में खरा उतरने वाला प्रत्याशी विजय पाने वाला संभावित प्रत्याशी कहलाएगा।

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