December 27, 2024

पांच साल में आठ लाख करोड का निवेश होगा रेलवे में

स्वर्णजयन्ती समारोह में रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा

रतलाम,23 अगस्त(इ खबरटुडे)। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने आज यहां कहा कि आजादी के बाद से अब तक रेलवे को राजनीतिक लक्ष्यों की पूर्ति का साधन माना जाता रहा है। रेलवे में निवेश पर ध्यान ही नहीं दिया गया। लेकिन मोदी सरकार ने तय किया है कि रेलवे को सुधारेंगे। पांच वर्षों में रेलवे में आठ लाख करोड का निवेश किया जाएगा। इस वित्त वर्ष में ही रेलवे में एक लाख दस हजार  करोड का निवेश किया जा रहा है।
रेल राज्य मंत्री श्री सिन्हा पश्चिम रेलवे कर्मचारी परिषद के स्वर्णजयन्ती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचन्द गोहलोत,मन्दसौर सांसद सुधीर गुप्ता,उज्जैन सांसद डॉ.चिन्तामणि मालवीय,देवास सांसद मनोहर उंटवाल और म.प्र.वित्त आयोद अध्यक्ष हिम्मत कोठारी समेत जिले के समस्त विधायक भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए रेल राज्य मंत्री श्री सिन्हा ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक रेलवे की यात्री संख्या में सत्रह गुना वृध्दि हुई है,जबकि मालभाडा आठ गुना बढा है,परन्तु रेलवे की आधरभूत सुविधाओं में मात्र ढाई प्रतिशत की वृध्दि हुई है। रेलवे को राजनीतिक लक्ष्यों की पूर्ति का साधन माना जाता रहा है। इसलिए हर बजट में नई रेल और ठहराव को ही प्रमुखता दी जाती थी। लेकिन नरेन्द्र मोदी की सरकार ने तय किया है कि इस परपंरा को बदला जाएगा।
उन्होने कहा कि रेलवे की हालत भाषणों से नहीं सुधरेगी। रेलवे की समस्याओं की जड निवेश का अभाव है। इस सरकार ने तय किया है कि नई ट्रेन और ठहराव की मांगों को छोडते हुए रेलवे में निवेश को बढाया जाए। आगामी पांच वर्षों में रेलवे में आठ लाख करोड का निवेश किया जाएगा। इसी वर्ष रेलवे में एक लाख दस हजार  करोड का निवेश किया जा रहा है। यह भी निर्णय लिया गया है कि देशहित में पहले पुरानी अधूरी पडी परियोजनाओं को पूरा किया जाए।
श्री सिन्हा ने कहा कि रेलवे के 792 रेल खण्ड क्षमता से सौ प्रतिशत से अधिक उपयोग में लाए जा रहे है। इसी तरह 269 रेलखण्डों में क्षमता का अस्सी से सौ प्रतिशत का उपयोग किया जा रहा है। रेलवे के बजट में ऐसे रेल खण्डों में दोहरी और तिहरी रेल लाइन डालने के निर्णय लिए गए है। मध्यप्रदेश को रेलवे द्वारा दी जा रही सुविधाओं की चर्चा करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि पिछले वर्ष तक मध्यप्रदेश में रेलवे ने करीब सवा सात सौ करोड रु. की योजनाएं दी थी,लेकिन इस सरकार ने पहले ही बजट में मध्यप्रदेश को तीन हजार करोड रुपए की योजनाएं दी है। प्रदेश में 35-36 ब्रिजेस बनाने की स्वीकृति दी गई है।
पश्चिम रेलवे कर्मचारी परिषद को मान्यता देने की मांग पर श्री सिन्हा ने कहा कि परेकप को तीसरे नम्बर का नहीं पहले नम्बर का संगठन बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होने कहा परेकप के पदाधिकारी सदस्यों को अब उत्पीडन जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पडेगा। उन्होने कहा कि रेलवे एक असैनिक सैनिक संगठन है,जिसके तेरह लाख कर्मचारी प्रत्येक त्यौहार पर चौबीसों घण्टों गाडी चलाने का काम करते है। रेलवे की प्रसिध्दि अधिकारियों या मंत्रियों की वजह से नहीं है,बल्कि रेलवे के तेरह लाख कर्मचारियों की वजह से है। उन्होने कहा कि सरकार रेलकर्मियों की प्रत्येक समस्या को दूर करने के लिए कटिबध्द है। रेलवे की हालत तभी सुधरेगी,जब रेलकर्मियों की स्थिति मजबूत होगी।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचन्द गेहलोत ने कहा कि अपने सम्बोधन स्वयं को भारतीय मजदूर संघ की देन बताते हुए कहा कि आज वे जो कुछ भी है,भारतीय मजदूर संघ की बदौलत ही है। उन्होने रेल राज्य मंत्री से उज्जैन-आगर रेल लाइन का सर्वे कराकर पुन:प्रारंभ करने की मांग की।
भारतीय रेलवे मजदूर संघ के अध्यक्ष मंगेश देशपाण्डे ने कहा कि वर्ष 1965 में अजमेर में पश्चिम रेलवे कर्मचारी परिषद का गठन हुआ था। तब से लेकर आज तक परेकप के सदस्य राष्ट्रहित में कार्यरत है। परेकप की स्थापना सुविधाएं प्राप्त करने के लिए नहीं,बल्कि रेलवे को विकसित करने के लिए की गई है। उन्होने कहा कि परेकप को सुविधाएं नहीं चाहिए,लेकिन जो इसका हक है,वह हक मिलना चाहिए।  जब रेलवे के कर्मचारियों का विकास होगा,तभी रेलवे का भी विकास होगा। समारोह को मन्दसौर सांसद सुधीर गुप्ता,उज्जैन सांसद चिन्तामणि मालवीय व देवास सांसद मनोहर उंटवाल ने भी सम्बोधित किया। प्रारंभ में स्वागत भाषण शहर विधायक चैतन्य काश्यप ने दिया। समारोह में बडी संख्या में रेलवे अधिकारी,श्रमिक व कर्मचारियों समेत पश्चिम रेलवे कर्मचारी परिषद के पदाधिकारी मौजूद थे।

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