चुनाव के बाद अब कांग्रेस में भीतराघातियों पर घमासान
जो जीत गये वे चुप, हारे तो फोड़ रहे साथियों पर ठीकरा
उज्जैन 18 अगस्त(इ खबरटुडे)। कांग्रेस में नगर निगम चुनाव में मिली हार के बाद अब हारे प्रत्याशी अपनी पराजय का ठीकरा वार्ड पदाधिकारियों पर फोड़ रहे हैं। टिकट के घमासान के बाद फैले असंतोष को थामने में नाकामयाब रही कांग्रेस का चुनावी अभियान शुरु से ही अत्यंत लचर और भाजपा के आगे नतमस्तक सा दिखाई दिया था।
अब कांग्रेस ने खुलकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है। चुनाव काफी खर्चीला हो गया है तथा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने जिस तरह से भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में वार्डवार जाकर रोड शो किया, उससे कांग्रेस की हालत और यादा दयनीत हो गई। चुनाव आचार संहिता के पूर्व एकजुट दिख रही कांग्रेस टिकट वितरण के बाद पूरी तरह बिखरी-बिखरी नजर आई। जिस तरह से टिकट वितरण में शहर के वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज किया गया और एक गुट विशेष के माध्यम से ही टिकट फायनल किये गये। जीतने योग्य दावेदारों की बजाय कई वार्डों में बाहरी प्रत्याशी लगाये गये। यह भी कांग्रेस को मिली बुरी पराजय का एक प्रमुख कारण रहा है। लगातार नगर निगम में दूसरा चुनाव हारी कांग्रेस के बड़े नेताओं ने तो अपनों को टिकट दिलवाकर अपने-अपने वार्डों से अपने रिश्तेदार जीतवा लिये लेकिन 54 वार्डों में कांग्रेस सिर्फ 14 पर आ सिमटी। शहर कांग्रेस अध्यक्ष अनंतनारायण मीणा ने कहा कि जो भी शिकवे-शिकायतें हमें मिल रहे हैं उस पर मंथन करेंगे तथा इसकी रिपोर्ट यहां नियुक्त किये गये पार्टी पर्यवेक्षकों द्वारा भी प्रदेशाध्यक्ष को भेजी गई है। साथ ही हम भी अपने स्तर पर तैयार की गई रिपोर्ट शीघ्र भेजेंगे।
आज कल में कांग्रेस पार्षदों की बैठक
कांग्रेस से जीते पार्षदों की आज-कल में बैठक बुलाई जायेगी। नेता प्रतिपक्ष के लिए पांचवीं बार जीते आजाद यादव, राजेन्द्र वशिष्ठ जैसे अनुभवी पार्षदों के नाम पर मंथन किया जा सकता है। हालांकि इस पर भी पार्टी के पदाधिकारियों का कहना है कि यह सब कुछ तय करने के लिये पार्टी की बैठक होगी और इसमें तमाम वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।