शाम पांच बजे तक पन्द्रह इंच बारिश,चार की मौत,हर ओर हाहाकार
कई बस्तियों को कराया खाली,नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पंहुचाया
रतलाम,25 जुलाई (इ खबरटुडे)। बीती रात शुरु हुई मूसलाधार बारिश पूरे दिन कभी धीमी और कभी तेज जारी रही। शाम पांच बजे तक पन्द्रह इंच रेकार्ड की जा चुकी थी। कम से कम चार लोगों के बारिश की वजह से मौत होने की खबर है। शहर की कई नीचली बस्तियों को प्रशासन ने खाली करवा लिया है। इन बस्तियों के रहवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पंहुचाया जा रहा है। तमाम नदी,नाले और तालाब उफन रहे हैं। अनेक स्थानों से दुर्घटनाओं की खबरें मिल रही है।
बीती रात शुरु हुई बारिश शनिवार पूरे दिन जारी रही। सुबह आठ बजे समाप्त हुए चौबीस घण्टों में कुल आठ इंच बारिश दर्ज की गई थी। वहीं सुबह आठ से शाम पांच बजे तक शहर में करीब सात इंच बारिश और दर्ज की गई। इस तरह कल से अब तक पन्द्रह इंच बारिश हो चुकी है।
शहर के तमाम निचले हिस्सों में बारिश का पानी घरों में घुस रहा है। न्यूरोड,शाीनगर,अजन्ता टाकीज आदि ईलाकों के अलावा अनेक ईलाकों में घरों में पानी घुस चुका है। नाले उफन रहे हैं। लक्कडपीठा क्षेत्र से बह रहे नाले में बहने से टीना पिता हीरालाल 14 नामक बालिका की मौत हो गई। ग्राम आलनिया में अज्जू पिता मुकेश वसुनिया 06 अपने बडे भाई रवि 08 के साथ छतरी लेकर शौच के लिए गया था। तेज हवा के कारण उसकी छतरी उड गई। छतरी को पकडने के चक्कर में अज्जू नाले में गिर गया। उसका शव गांव से तीन किमी दूर कुआझागर से बरामद हुआ। उधर सैलाना निवासी एहसान 38 अपने पिता ताज मोहम्मद 70 के साथ पिकअप वाहन लेकर बांसवाडा के लिए रवाना हुआ था। सुबह साढे चार बजे उनका वाहन सरवन से करीब छ: किमी पहले एक क्षतिग्रस्त पुलिस से गुजरते वक्त बह गया। जिसमें उन दोनो की मौत हो गई।
शहर की अनेक निचली बस्तियों को खाली करवाया जा रहा है। एसडीएम सुनील झा और निगमायुक्त सोमनाथ झारिया रात से शहर में निरन्तर भ्रमण कर रहे हैं। अमृत सागर तालाब के ओव्हरफ्लो होने के कारण
मोतीनगर के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पंहुचाने के बंदोबस्त किए जा रहे हैं। एडीएम कैलाश वानखेडे ने बताया कि शहर के सभी सरकारी स्कूल भवनों को राहत कार्यों के मद्देनजर खाली करवा लिया गया है। साथ ही तीन धर्मशालाओं में भी बाढ पीडीतों के लिए व्यवस्थाएं की गई है। शहर की तमाम निचली बस्तियों पर बसें व कार्यकर्ता तैनात कर दिए गए है,जो लोगों को सुरक्षित स्थानों तक ले जाने के लिए मौजूद है। एडीएम के मुताबिक राहत और बचाव कर्मियों के प्रयासों के बावजूद कई लोग अपने घरों को छोडने को तैयार नहीं है। हांलाकि प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है और स्थिति पर निरन्तर नजर रखे हुए है।