December 24, 2024

Civic Center Scam : कुख्यात भूमाफिया राजेन्द्र पितलिया का नया कारनामा, सिविक सेन्टर की लीज वाली अहस्तांतरणीय जमीन की कराई रजिस्ट्री

civic center

रतलाम,05 मार्च (इ खबरटुडे) । नगर निगम द्वारा आनन फानन में राजीव गांधी सिविक सेन्टर के भूखण्डों की लीज कराए जाने का मामला चर्चाओं में आने के बाद अब इससे शहर के कुख्यात भूमाफिया राजेन्द्र पितलिया के तार जुडते दिखाई दे रहे है। नगर निगम द्वारा कराई गई लीज डीड के फौरन बाद अहस्तांतरणीय भूखण्ड को राजेन्द्र पितलिया के पुत्र विवेक पितलिया के नाम से खरीद लिया गया। इस पूरे काण्ड में रतलाम के उपपंजीयक की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है।

उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी सिविक सेन्टर में खाली पडे कई भूखण्डों को नगर निगम द्वारा पिछली 15 दिसम्बर को आनन फानन में लीज डीड सम्पन्न करवा कर लीजगृहिताओं को दे दिया गया था। जबकि राजीव गांधी सिविक सेन्टर का मामला बरसों से उलझा पडा है और इन भूखण्डों की लीज डीड कराने से पहले ना तो एमआईसी में इस विषय को रखा गया और ना ही निगम परिषद को विश्वास में लिया गया। राजीव गांधी सिविक सेन्टर के भूखण्डों को गलत तरीके से लीज पर दिए जाने का घोटाला मीडीया के जरिये और कुछ शिकायतों के माध्यम से जब सामने आया,तो कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार द्वारा पूरे मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए गए।

इस मामले की जांच फिलहाल जारी है। लेकिन इस दौरान इ खबरटुडे को इस पूरे घोटाले में शहर के कुख्यात भूमाफिया राजेन्द्र पितलिया के तार जुडे होने के साक्ष्य मिले है। राजीव गांधी सिविक सेन्टर के जो भूखण्ड लीज पर लीज गृहिताओं को दिए गए उन्ही में से एक अहस्तांतरणीय भूखण्ड को उसी दिन राजेन्द्र पितलिया के पुत्र विवेक पितलिया के नाम से खरीद लिया गया। इतना ही नहीं इसकी उसी दिन रजिस्ट्री भी हो गई।

इ खबरटुडे को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक राजीव गांधी सिविक सेन्टर में स्थित ग्यारह लाख ग्यारह हजार रु. से अधिक कीमत के एक भूखण्ड की लीज डीड नगर निगम की विकास शाखा द्वारा बसन्त शर्मा के नाम पर करवाई गई। इसके लिए नगर निगम ने बसन्त शर्मा से प्रतिफल राशि एक लाख ग्यारह हजार आठ सौ नौ र.(111809 रु.) प्राप्त किए।

नगर निगम द्वारा कराई गई इस लीज डीड के पैरा क्र. 6 में नगर निगम की ओर से साफ शर्त लगाई गई है कि लीज गृहिता लीज पट्टा संपादित होने के बाद लीज गृहिता तीस माह के भीतर भूखण्ड पर व्यावसायिक निर्माण करेगा। और इससे पहले पट्टेदार को पट्टे के हस्तांतरण का स्वत्व नहीं होगा। यदि ऐसा किया गया अंतरण अवैध माना जाएगा। ऐसी स्थिति में नगर निगम भूखण्ड का अधिपत्य पुन: प्राप्त कर सकेगा। यह लीज डीड रजिस्टर्ड होने के कुछ ही क्षणों के बाद इस भूखण्ड का विक्रय कुख्यात भू माफिया राजेन्द्र पितलिया के पुत्र विवेक पितलिया को ग्यारह लाख बीस हज़ार रु में कर दिया गया।

उप पंजीयक की भूमिका देखिए कि नगर निगम से बसन्त शर्मा के पक्ष में की गई लीज डीड भी उप पंजीयक प्रसन्न गुप्ता द्वारा रजिस्टर्ड की गई और इसी के कुछ क्षणों बाद बसन्त शर्मा द्वारा विवेक पितलिया को इसी भूखण्ड का विक्रय पत्र भी उपपंजीयक प्रसन्न गुप्ता द्वारा रजिस्टर्ड किया गया। उप पंजीयक प्रसन्न गुप्ता ने चूंकि नगर निगम की लीज डीड स्वयं ही रजिस्टर्ड की थी,इसलिए उन्हे यह अच्छे से पता था कि लीज गृहिता बसन्त शर्मा को उक्त भूखण्ड के विक्रय का अधिकार नहीं है। इस तथ्य को जानते हुए भी उप पंजीयक प्रसन्न गुप्ता ने कुछ ही क्षणों के बाद बसन्त शर्मा द्वारा लीज पर लिए गए भूखण्ड के विक्रय पत्र को रजिस्टर्ड कर दिया।

राजीव गांधी सिविक सेन्टर के भूखण्डों को नगर निगम द्वारा आनन फानन में लीज कराए गए भूखण्डो की जांच में इस नए तथ्य का जोडा जाना भी जरुरी है कि उप पंजीयक ने भूमाफिया राजेन्द्र पितलिया के प्रभाव में आकर अहस्तांतरणीय भूखण्डो के विक्रय पत्र को रजिस्टर्ड कैसे कर दिया? यह भी जरुरी है कि अवैध रुप से कराई गई रजिस्ट्री को शून्य करने की कार्यवाही की जाए।

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