हर स्कूल में गुणवत्ता सुधार का कार्यक्रम बनायें
शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिये राज्य स्तरीय समिति बनेगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा
भोपाल 8 मई(इ खबरटुडे)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के हर स्कूल में गुणवत्ता सुधार का कार्यक्रम बनायें। शिक्षा में गुणवत्ता में सुधार के लिये शिक्षाविदों की राज्य स्तरीय समिति बनाई जायेगी। शासकीय स्कूलों में वर्चुअल क्लासेज का व्यापक उपयोग करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री पारस जैन, राज्य मंत्री दीपक जोशी और मुख्य सचिव अंटोनी डिसा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करें कि प्रदेश का हर बच्चा कम से कम 12वीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त करे। इसके लिये सतत मॉनीटरिंग की व्यवस्था करें। इसमें पालक-शिक्षक संघ की मदद ली जाये। अतिशेष शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पारदर्शी और ऑनलाइन हो। प्रदेश में क्षेत्रवार आवश्यक हायर सेकेण्डरी और हाई स्कूल की चरणबद्ध योजना बनायें।
प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लेपटॉप
मुख्यमंत्री ने कहा कि कक्षा 12वीं की परीक्षा में 85 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम आने के एक माह के भीतर लेपटॉप प्रदाय किये जाये। शासकीय स्कूल के प्रतिभाशाली बच्चों के लिये आईआईटी और ऑल इंडिया पीएमटी के लिये कोचिंग की योजना बनायें। प्रत्येक शासकीय स्कूल को मॉडल बनाये। शिक्षकों को उनके प्रदर्शन के आधार पर पुरस्कृत करें। विकासखंड स्तर पर अच्छे शिक्षकों का सम्मान किया जाये। शिक्षकों के मूल्यांकन की सुदृढ़ व्यवस्था की जाये। ऐसे स्कूलों को भी सम्मानित किया जाये जो सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं। छात्रवृत्ति वितरण समय पर हो यह सुनिश्चित हो। इसी तरह विद्यार्थियों को साइकिल और यूनिफार्म उपलब्ध करवाने के लिये स्कूलों के समीप मेले लगाये जायें।
ई-अटेंडेस पूरे प्रदेश में लागू होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर संभाग में लागू की गई ई-अटेंडेस एप्लीकेशन पूरे प्रदेश में लागू की जाये। आगामी जून माह के अंत तक सभी स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था की जाये। विश्व योग दिवस पर आगामी 21 जून को सभी जिलों में कार्यक्रम किये जायें।
एक लाख 21 हजार शालाओं की जीआईएस मेपिंग
बैठक में बताया गया कि बीते वर्ष प्रदेश में 10 हजार 500 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लेपटॉप दिये गये। इस वर्ष पाँचवीं और आठवीं की परीक्षा के प्रश्न पत्र राज्य स्तर पर तैयार किये गये। विद्यार्थियों की कॉपी ठीक से नहीं जाँचने वाले करीब 1000 शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के साथ मिलकर पाठ्य-पुस्तकों की री-डिजाइनिंग की गई है। एक परिसर में स्थित सभी विद्यालयों का एक ही विद्यालय में एकीकरण किया जायेगा। शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिये बालाघाट, छिंदवाड़ा और झाबुआ जिले में बेहतर प्रयोग किये गये हैं। पदोन्नति और स्कूलों को मान्यता देने की प्रक्रिया ऑनलाइन की गई है। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा बोर्ड परीक्षाओं में इस बार पर्यवेक्षक और केन्द्राध्यक्षों का चयन साफ्टवेयर द्वारा किया गया है। संशोधन प्रकरणों के निराकरण के लिये ऑनलाइन व्यवस्था की गई है। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा छात्रों और अभिभावकों की सुविधा के लिये मोबाइल एप प्रारंभ किया गया है। प्रदेश के सभी 51 जिले में एक लाख 21 हजार शाला की जीआईएस मेपिंग का कार्य पूरा हो गया है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा एस.आर. मोहंती, माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष श्रीमती सुरंजना रे, राज्य शिक्षा केन्द्र की आयुक्त श्रीमती रश्मि अरूण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण डी.डी. अग्रवाल, प्रमुख सचिव वित्त आशीष उपाध्याय सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।