पांचवे सोमवार पर श्री होल्कर स्वरुप में श्रद्धालुओं को दर्शन दिए श्री महाकालेश्वर भगवान ने
उज्जैन ।,07 अगस्त(इ खबर टुडे/ ब्रजेश परमार )। श्रावण के पंचम सोमवार पर भगवान श्री महाकालेश्वर ने श्रद्धालुओं को पांच स्वरूपों में दर्शन नगर भ्रमण के दौरान दिए। भगवान पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव , नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद के स्वरूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने निकलें। सवारी के निकलने के पूर्व सभामंडप में सर्व प्रथम भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। इसके पश्चात भगवान की आरती की गई।
सवारी निकलने के पूर्व मंदिर परिसर के सभामंडप में कलेक्टर एवं अध्यक्ष मंदिर प्रबंध समिति कुमार पुरुषोत्तम, श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी महाराज, के साथ जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक पुलिस अधिकारियों ने भगवान के चंद्रमौलेश्वर स्वूरूप का पूजन -अर्चन किया और आरती में सम्मिलित हुए। मंदिर के सभा मंडप में पूजन-अर्चन मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने संपन्न् कराया । भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर रजत पालकी में सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने और भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य् द्वार पर पहुंची सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में सवार श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई। सवारी मार्ग में स्थान-स्थान पर खडे श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ उज्जैन नगरी के राजा भगवान श्री महाकालेश्वर पर पुष्पवर्षा की।रामघाट पर सवारी के पहुंचने पर भगवान का शिप्रा जल से अभिषेक किया गया। सामने के दत्त अखाडा घाट से शैव संप्रदाय के प्राचीनतम श्री पंच दसनाम जूना अखाड़ा की ओर से आरती की गई।यहां से सवारी श्री सिंधिया देव स्थान ट्रस्ट के श्री गौपाल मंदिर पहुंचने पर स्टेट की और से मंदिर के पुजारियों ने भगवान की आरती एवं पूजन किया । इसके बाद सवारी अपने परंपरागत मार्ग से होती हुई देर शाम मंदिर पहुंची।
चलित भस्मार्ती में 63 हज़ार 3 सौ 71 श्रद्धालुओं ने किये दर्शन
श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण माह के पांचवे सोमवार को श्री महाकालेश्वर भगवान के पट प्रातः 02:30 बजे खुले। पट खुलने के पश्चात प्रातः 03 से प्रातः 06 बजे तक लगभग 63 हजार 3 सौ 71 श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किये। सोमवार को कार्तिकेय मण्डप को पूर्ण रूप से चलित भस्मार्ती में आने वाले भक्तों हेतु खाली रखा गया था, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग भस्मार्ती के दर्शन कर सके।मंदिर प्रबन्ध समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि, श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभी द्वार से श्रद्धालुओं, कावड़ यात्रियों, वृद्धजनों, दिव्यांगों आदि के सुलभ दर्शन की व्यवस्था की गई है। श्रावण माह में भगवान महाकालेश्वर की भस्मारती हेतु मंदिर के पट 04 जुलाई से 11 सितम्बर 2023 तक प्रत्येक सोमवार प्रात: 2.30 बजे और अन्य दिवस प्रात: 3 बजे खुलेंगे ।