लडकों को जन्म देने में कतराएंगे लोग
युवक ने की खुदकुशी की कोशिश, सुसाईड नोट में झूठे प्रकरणों का हवाला
रतलाम,23 मार्च (इ खबरटुडे)। महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों का दुरुपयोग बढता ही जा रहा है। अब स्थिति यह है कि दहेज प्रताडना और घरेलू हिंसा जैसे कानूनों की मदद से झूठे फंसाए गए पुरुषों के सामने आत्महत्या जैसे कदम उठाने के अलावा कोई चारा नहीं बचता। रतलाम के एक युवक द्वारा किए गए आत्महत्या के प्रयास के बाद उसके सुसाईड नोट से इसी तरह की कहानी सामने आई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार दीनदयाल नगर निवासी विजय पिता शिवनारायण कुमावत 24 ने सोमवार को नींद की गोलियां खाकर जान देने का प्रयास किया। उसे गंभीर अवस्था में जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। पुलिस को उसके घर से बारह पन्नों का सुसाइड़ नोट मिला। इस सुसाईड नोट में विजय कुमावत ने अपने ससुराल वालों द्वारा झूठे प्रकरण लाद कर प्रताडित किए जाने का विस्तार से वर्णन किया है।
अपने सुसाईड नोट में विजय ने लिखा है कि उसकी पत्नी दो बच्चों को लेकर अपने मायके चली गई। तीसरे बच्चे को उसने मायके में ही जन्म दिया। उसकी पत्नी व ससुराल वाले उसे अपने बच्चों से मिलने नहीं देते। अपनी पत्नी को घर लाने के लिए विजय ने न्यायालय में वैवाहिक सम्बन्धों की पुनस्र्थापना का प्रकरण भी लगाया। लेकिन इसके बदले उसकी पत्नी व ससुराल वालों ने उसके खिलाफ दहेज प्रताडना की रिपोर्ट दर्ज करा दी,जिसकी वजह से उसे व उसकी मां को जेल में रहना पडा। जबकि शादी के समय सारा खर्चा विजय ने ही उठाया था। उसके ससुराल वालों ने विजय के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला भी दर्ज करा दिया। न्यायालयों के चक्कर लगा लगा कर विजय कंगाल हो गया और कर्ज में डूब गया। उसे अपने बच्चों से भी मिलने नहीं दिया जाता। एक बार वह अपने बच्चों से मिलने उनके स्कूल गया तो उसके ससुर व साले ने उसकी पिटाई की और उसे वहां से भगा दिया।
विजय ने अपने सुसाईड नोट में समाज और कानून से कहा है कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो लोग लडकों को जन्म देने में कतराने लगेंगे। उसने लिखा है कि महिला की झूठी रिपोर्ट पर मर्दो के साथ होने वाली ज्यादतियों से तंग आकर उसके जैसे लोग यही कदम उठाने को मजबूर होने लगेंगे। पुरुष होने की सजा उसके निर्दोष बच्चों और माता पिता को भी भुगतना पड रही है। उसने अपने पत्र में लिखा है कि उसके खिलाफ दहेज प्रताडना का मामला दर्ज होने पर कभी पुलिस या न्यायालय ने उसका पक्ष जानने की कोशिश नहीं की,क्योकि ऐसा कानून है कि रिपोर्ट कीजिए और किसी की भी जिन्दगी खराब कर दीजिए।
फिलहाल विजय कुमावत की स्थिति खतरे से बाहर बताई गई है। हांलाकि वह पूरी तरह होश में नहीं आया है,और उसके बयान नहीं लिए जा सके है। माणकचौक टीआई दिनेश वर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। युवक के होश में आने पर उसके मृत्युपूर्व कथन कराए जाएंगे।