प्रदेश में गठित होगा जल निगम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में केबिनेट का फैसला
भोपाल,22 मई (इ खबर टुडे). मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज सम्पन्न राज्य मंत्रि-परिषद की बैठक में स्कूल और महाविद्यालयीन शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिये कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। सर्वशिक्षा अभियान की वर्ष 2012-13 की वार्षिक कार्य-योजना के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण मंजूरियाँ हासिल हुई हैं। सर्वशिक्षा अभियान एनपीईजीएल तथा कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय की वार्षिक कार्य-योजना की विभिन्न गतिविधियों के लिये 419687.8 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है।
वार्षिक कार्य-योजना के मुख्य प्रावधानों के तहत प्रदेश में 803 प्राथमिक शालाओं का माध्यमिक शाला में तथा 179 सेटेलाइट शालाओं का प्राथमिक शालाओं के रूप में उन्नयन किया जायेगा। इसके साथ ही माध्यमिक शालाओं के लिये 13 हजार 22 अंशकालिक अनुदेशक के पद सृजित करने का निर्णय भी लिया गया है। पलायन करने वाले परिवारों के 6,359 बच्चों के लिये मौसमी अस्थाई छात्रावास तथा शाला-त्यागी एवं शाला से बाहर 39 हजार 597 बच्चों के लिये आवासीय विशेष प्रशिक्षण केन्द्र और 54 हजार 140 बच्चों के लिये गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण केन्द्र की मंजूरी प्राप्त हुई है। प्रदेश के दुर्गम अँचलों, घने जंगलों, अभिभावक-संरक्षण विहीन शहरी क्षेत्रों तथा शालाविहीन बसाहटों के 4,140 बच्चों को आवागमन सुविधा की मंजूरी भी मिली है।
वार्षिक कार्य-योजना के अंतर्गत मिली स्वीकृतियों के अनुसार मध्यप्रदेश में 803 माध्यमिक शाला भवन, जीर्ण-शीर्ण 196 प्राथमिक शाला तथा 77 माध्यमिक शाला के भवनों का निर्माण भी करवाया जायेगा। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की शालाओं में 6,354 और शहरी क्षेत्र की शालाओं में 410 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण होगा। इसके अलावा 1247 शालाओं में बाउण्ड्री-वॉल, 472 शालाओं की मरम्मत, 17 हजार 397 शालाओं में बालिका शौचालय तथा 845 शहरी क्षेत्र की शालाओं में शौचालय निर्माण की मंजूरी भी हासिल हुई है। शालाओं में आवश्यक सामग्री भी उपलब्ध करवाई जायेगी। इसमें 1592 माध्यमिक शालाओं के लिये फर्नीचर की व्यवस्था और शहरी क्षेत्र की 851 शालाओं के लिये पेयजल व्यवस्था का काम किया जायेगा।
प्रदेश में 9 नये महाविद्यालय खुलेंगे
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में इंद्रगढ़, बकतरा, श्योपुर, जैतहरी, ईसागढ़, सीतामऊ, नटेरन, डोबी तथा टोंकखुर्द में 9 महाविद्यालय आरंभ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके साथ ही पूर्व से संचालित महाविद्यालयों खिलचीपुर, जावद, लखनादौन, शासकीय विधि महाविद्यालय इंदौर तथा जोबट में नये पदों के निर्माण की स्वीकृति भी दी। इसके साथ ही परसवाड़ा, कुरवाई, पलासिया, चंदेरी, पलेरा, जतारा, नीमच, पिपल्या मण्डी, सिरोंज, लखनादौन और नागौद में नवीन संकाय, नवीन विषय और स्नातक कक्षाएँ प्रारंभ करने का निर्णय भी लिया गया। इसके साथ ही उज्जैन और सागर में उच्च शिक्षा विभाग के 2 नवीन क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय शुरू करने की स्वीकृति भी दी गई। महाविद्यालय तथा इन क्षेत्रीय कार्यालय के लिये कुल 377 नये पद भी मंजूर किये गये हैं।
मध्यप्रदेश जल निगम
प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में संचालित समूह नल-जल योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये मध्यप्रदेश जल निगम ‘मध्यप्रदेश वॉटर कार्पोरेशन’ के गठन का महत्वपूर्ण निर्णय भी मंत्रि-परिषद ने लिया। यह कार्पोरेशन इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ऋण लेने तथा अन्य संसाधनों से वित्तीय प्रबंध कर सकेगा। कार्पोरेशन द्वारा जरूरत के अनुसार नगरीय क्षेत्रों में नल-जल एवं मल-जल निष्पादन योजनाएँ क्रियान्वित की जायेंगी और नल कनेक्शन के माध्यम से परिवारों को पेयजल की आपूर्ति की जायेगी। नल-जल योजनाओं के सुचारु संचालन और संधारण के उद्देश्य से ग्राम-स्तर पर समितियाँ गठित करने और समिति के सदस्यों की क्षमता वृद्धि का दायित्व भी कार्पोरेशन निभाएगा।
जिला तथा जनपद पंचायतों के कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना
मंत्रि-परिषद ने जिला-पंचायत एवं जनपद-पंचायत के कर्मचारियों के लिये अंशदायी पेंशन योजना लागू करने का फैसला भी लिया। इस योजना में जिला एवं जनपद पंचायत कर्मियों को भी पेंशन की पात्रता होगी। इससे कुल 3,543 कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इनमें 50 जिला-पंचायतों के 413 और जनपद पंचायतों के 3,130 कर्मचारी शामिल होंगे। जिला एवं जनपद-पंचायत के ऐसे कर्मचारी जो इस योजना के प्रभावशील होने के बाद में नियुक्त हुए हैं, उनके लिये यह योजना अनिवार्य होगी। पूर्व से नियुक्त ऐसे कर्मचारी जिनकी अधिवार्षिकी आयु-सीमा अंशदायी पेंशन योजना लागू होने की तिथि से 10 वर्ष या उससे अधिक की शेष हो और जिन्होंने अंशदायी पेंशन योजना स्वीकार करने का विकल्प दिया हो, ऐसे कर्मचारियों को भी अंशदायी पेंशन योजना का लाभ हासिल हो सकेगा। इस पेंशन योजना में पात्र कर्मचारियों के वेतन से 10 प्रतिशत (मूल वेतन + महँगाई भत्ता) का कटौत्रा हर माह किया जायेगा और इसी के बराबर का अंशदान राज्य सरकार द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास के माध्यम से किया जायेगा। नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू होने पर प्रतिवर्ष कुल 256.85 लाख रुपये का अतिरिक्त व्यय-भार आयेगा।
उपार्जित गेहूँ के भण्डारण के लिये पक्के प्लेटफॉर्म निर्माण की व्यवस्था
मंत्रि-परिषद ने उपार्जित गेहूँ के भण्डारण में आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिये प्लेटफॉर्म निर्माण के कार्यों के लिये पंचायत एवं ग्रामीण विकास (ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, आर.आर.डी.ए. मध्यप्रदेश रोजगार गारंटी काउंसिल) और जल-संसाधन तथा लोक निर्माण विभागों को कार्य विभाग नियमावली एवं वित्तीय शक्ति पुस्तिका नियम के कुछ प्रावधानों से छूट देने का फैसला भी लिया। उपार्जित गेहूँ के भण्डारण के उद्देश्य से चिन्हित जिलों में लोक निर्माण, जल-संसाधन तथा ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कराये जाने वाले अतिरिक्त पक्के केप के प्लेटफॉर्म निर्माण की निविदा प्रक्रिया में विभिन्न निर्देशों को शिथिल करने का निर्णय लिया गया है। कार्य विभाग नियमावली के प्रावधानों के अनुसार ऐसे कार्य डी फॉर्म (पीस वर्क) कराये जाते हैं। ऐसे कार्यों के लिये प्रचलित नियमों, दिशा-निर्देशों को शिथिल करते हुए डी फॉर्म पर प्रतिशत आधार पर निविदा आमंत्रण के लिये निर्धारित 15 दिनों की समय-सीमा को शिथिल कर अब तीन दिवस कर दिया गया है। इसी तरह अल्प-समय में उपरोक्त निर्माण कार्यों को करने के लिये ई-टेण्डर की अनिवार्यता से छूट देने का निर्णय भी लिया गया है। उक्त निविदाएँ पारम्परिक प्रक्रिया से आमंत्रित/प्राप्त की जा सकेंगी। ऐसे कार्यों के लिये प्राप्त निविदाओं की मंजूरी के मौजूदा प्रावधानों को शिथिल कर संबंधित कार्य विभागों के मुख्य अभियंताओं को पूर्ण शक्तियाँ प्रदान की गई हैं। ऐसी आमंत्रित निविदाओं की मंजूरी प्रक्रिया पूरी होने तक तैयारी कार्य (प्रीपेरेटरी वर्क) विभागों द्वारा विभागीय तौर पर किये जा सकेंगे। इसके साथ ही स्थल की स्थिति को देखते हुए संबंधित निर्माण विभागों द्वारा दरों के उचित तथा युक्ति-युक्त होने के संबंध में प्रमाणीकरण किया जायेगा।
राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की पुनरीक्षित स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना में कटनी के लिये 48.42 करोड़, सीधी के लिये 87.87 करोड़, छतरपुर के लिये 28.61 करोड़, मण्डला के लिये 33.81 करोड़, शहडोल के लिये 46.56 करोड़, अनूपपुर के लिये 31.11 करोड़, सतना के लिये 44.93 करोड़ एवं झाबुआ जिले की परियोजना के लिये 91.39 करोड़ की पुनरीक्षित स्वीकृति प्रदान की है। उक्त 8 पुनरीक्षित परियोजनाओं के माध्यम से 136 अविद्युतीकृत ग्रामों का विद्युतीकरण किया जायेगा। इसके अलावा 7519 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 से अधिक आबादी वाले सभी मजरे-टोलों और बसाहटों का विद्युतीकरण किया जायेगा। इसके साथ ही गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले 3 लाख 96 हजार 774 हितग्राहियों को विद्युत कनेक्शन भी उपलब्ध करवाये जायेंगे।
मध्यप्रदेश (इनवेस्टमेंट इन पॉवर जनरेशन प्रोजेक्ट) पॉलिसी 2012 का अनुमोदन
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में निजी क्षेत्र द्वारा ताप विद्युत परियोजनाओं की स्थापना को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से अब संशोधित नीति मध्यप्रदेश इनवेस्टमेंट इन पॉवर जनरेशन प्रोजेक्ट पॉलिसी 2012 का अनुमोदन भी किया। यह नीति भविष्य में निजी क्षेत्र द्वारा राज्य में स्थापित की जाने वाली ताप विद्युत परियोजनाओं पर लागू होगी। इस नीति के तहत डेव्हलपर द्वारा परियोजना से उत्पादित विद्युत का 10 प्रतिशत अंश परिवर्तनीय दरों पर राज्य को प्रदाय करना होगा और राज्य के बाहर विक्रय की जाने वाली बिजली के लिये 6 पैसे प्रति इकाई का अंशदान राज्य सरकार को देना होगा। इससे पहले विगत 6 सितम्बर, 2010 को यह नीति जारी की गई थी। विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी टैरिफ पॉलिसी के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए मंत्रि-परिषद ने उपरोक्त नीति को संशोधित करने का निर्णय लिया है।
एन.टी.पी.सी. को पॉवर प्लांट की स्थापना के लिये खरगोन जिले में भू-आवंटन
मंत्रि-परिषद ने एनटीपीसी लिमिटेड को खरगोन जिले में पॉवर प्लांट की स्थापना के लिये भूमि आवंटन के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी। इस उद्देश्य से खरगोन जिले के ग्राम सेलदा और ग्राम डालची (तहसील बड़वाह) दोनों ग्रामों की कुल 111.709 हेक्टेयर शासकीय भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया। यह भूमि 5 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर या वर्ष 2012-13 की गाइड-लाइन के अनुसार पूर्ण बाजार मूल्य एवं औद्योगिक वार्षिक भू-भाटक जो भी अधिक हो, लेकर आवंटित करने का निर्णय लिया गया।
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों की होल्डिंग कम्पनी एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड के लिये कार्य-निर्धारण के प्रस्ताव का अनुमोदन भी मंत्रि-परिषद द्वारा किया गया। इस संबंध में एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी तथा तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों के मध्य मैनेजमेंट एवं कार्पोरेट कार्य अनुबंध हस्ताक्षरित करने की मंजूरी भी दी गई।
मंत्रि-परिषद ने एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी को बैंक से साख सुविधा (Fund Based and Non Fund Based Credit Limit) लेने के लिये 500 करोड़ रुपये की शासकीय प्रत्याभूति प्रदान करने का फैसला भी लिया। यह शासकीय प्रत्याभूति प्रथमत: एक वर्ष के लिये होगी, जो जरूरत के अनुसार वित्त विभाग द्वारा बढ़ाई जा सकेगी।
मंत्रि-परिषद ने अपने विगत 10 जनवरी, 2012 के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 27 नवीन औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिये 6 वर्ष में चरणबद्ध प्रस्ताव को कार्यान्वित करने का सैद्धांतिक अनुमोदन किया। प्रथम चरण में 9 नवीन औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिये औद्योगिक केन्द्र विकास निगमों को हुडको/वित्तीय संस्थानों से 128 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त करने की मंजूरी दी गई है। आवश्यकता अनुसार उपरोक्त ऋण की गारंटी राज्य शासन द्वारा दिये जाने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया।
मंत्रि-परिषद ने बाँस कटाई के काम से मिलने वाले शुद्ध लाभ का शत-प्रतिशत वितरण बाँस कटाई का कार्य करने वाले मजदूरों को करने का निर्णय भी लिया। वर्ष 2011-12 में अर्जित शुद्ध लाभ के वितरण की व्यवस्था इस वित्तीय वर्ष से लागू की जायेगी। इस पर प्रतिवर्ष औसतन 6 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आयेगा।
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की स्थापना पर अस्थाई रूप से सृजित प्रथम श्रेणी के 11 तथा द्वितीय श्रेणी के 17 पदों को आगामी 5 वर्ष की अवधि के लिये परिवर्तित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।