November 24, 2024

Rajasthan: दलित छात्र की मौत से जालोर में तनाव, पुलिस पर पथराव, लाठीचार्ज

जालोर,13अगस्त(इ खबर टुडे)। राजस्थान के जालोर जिले में दलित छात्र की मौत के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं। पुलिस की समझाइश के बाद भी परिजनों ने शव उठाने से मना कर दिया है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प के बाद पत्थरबाजी की गई है। साथ ही गाड़ियों में भी तोड़फोड़ का प्रयास किया गया है। मामला बढ़ता देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया, इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं।

बताया जा रहा है कि नाराज प्रदर्शनकारियों गांव के सभी रास्तों को गाड़ियां खड़ी कर बंद कर दिया है। पुलिस घायलों को अस्पताल भी नहीं भेज पा रही है। प्रशासन और परिजनों के बीच चल रही वार्ता फेल हो गई और परिजनों ने शव उठाने से मना कर दिया। जिसके बाद हालात पुलिस के काबू से बाहर हो गए। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प के बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई। पुलिस ने लोगों को खदेड़ने के लिए बल प्रयोग किया जिसमें कई लोगों को चोट आई है। घायलों में ज्यादातर लोग परिवार रिश्तेदार हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रविवार को छात्र इंद्र मेघवाल का शव उसके गांव पहुंचा था। बच्चे के अंतिम संस्कार को लेकर परिजनों और प्रशासन के अधिकारियों के बची वार्ता चल रही थी। परिजनों ने अधिकारियों से 50 लाख रुपये मुआवजा, एक सदस्य को सरकारी नौकरी और स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की। अधिकारियों ने उनकी मांगों को पूरा करने को लेकर आश्वासन दिया, लेकिन वहां मौजूद भीम आर्मी के लोगों ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसे लेकर ट्वीट करें, उसे देखने के बाद ही हम शव उठाएंगे।

अधिकारियों ने कहा कि यह एकदम से नहीं हो सकता, इसका एक तरीका होता है। इस बात पर तनाव का माहौल बन गया और गहमा-गहमी में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इसके बाद लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। पुलिस ने परिजनों को छोड़कर सभी रिश्तेदारों को घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद अधिकारियों और परिजनों के बीच मुआवजे पर सहमति बनी और देर शाम बच्चे का अंतिम संस्कार किया गया।

जानें क्या है मामला?
जिले के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव में रहने वाला 9 साल का इंद्र मेघवाल सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ता था। 20 जुलाई को बच्चे ने स्कूल में रखे एक मटके से पानी पी लिया था। इस बात पर शिक्षक छैल सिंह ने उसकी पिटाई कर दी। घर पहुंचने पर उसकी तबियत ज्यादा बिगड़ी तो पिता देवाराम ने उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन बच्चे की हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे उदयपुर रेफर दिया। जहां कई दिन चले इलाज के बाद उसकी तबियत में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद परिजन उसे अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में लेकर चल गए। जहां कई दिन चले इलाज के बाद बीते शनिवार को बच्चे की मौत हो गई थी। प्राथमिकी जांच में सामने आया है कि उसके पिटाई से उसके कान की नस फट गई थी। उसका एक हाथ और पैर भी ठीक से काम नहीं कर रहा था।

सिर्फ टीचर पीता था उस मटके से पानी
इंद्र के पिता देवाराम का आरोप है कि दलित होने के कारण उनके बच्चे से मारपीट की गई है। जिससे उसकी जान चली गई। उन्होंने कहा कि 20 जुलाई को बच्चा स्कूल गया था। प्यास लगने पर उसने स्कूल में रखी एक मटकी से पानी पी लिया, इसके बाद शिक्षक छैल सिंह ने उसकी पिटाई कर दी। उसे इतना पीटा कि उसके कान और आंख में अंदरूनी चोटें आईं थी। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे अस्पताल लेकर गए थे। देवाराम ने आरोप लगाया कि इंद्र ने जिस मटके से पानी पिया था उससे सिर्फ छैल सिंह ही पानी पीते हैं। एक दलित बच्चे ने उस मटके से पानी पी लिया तो उसे बुरी तरह पीटा गया और जातिसूचक शब्दों का भी प्रयोग किया गया।

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