प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि निकलवाने के लिए रिश्वत लेने वाले आरोपी सचिव ग्राम पंचायत को चार वर्ष सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड की सजा
उज्जैन 30 जुलाई (इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार)।विशेष न्यायाधीश(भ्र.नि.अधि.) उज्जैन द्वारा विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन ने आज शनिवार को आरोपी राजेंद्र जोशी तत्कालीन सचिव ग्राम पंचायत भीमाखेड़ा तहसील महिदपुर जिला उज्जैन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 13(2) में क्रमशः तीन वर्ष एवम चार वर्ष सश्रम कारावास एवं दोनों धाराओं में कुल दस हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
जानकारी के अनुसार फरियादी मिश्री लाल माली निवासी ग्राम भीमाखेड़ा जिला उज्जैन ने 08.मार्च.2017 को पुलिस अधीक्षक विपुस्था लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन के समक्ष उपस्थित होकर इस आशय की शिकायत की गई थी कि प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि निकलवाने के लिए राजेंद्र जोशी सचिव ग्राम पंचायत भीमाखेड़ा तहसील महिदपुर जिला उज्जैन ने उससे 10000 रूपए की रिश्वत की मांग की है। वह रिश्वत नहीं देना चाहता बल्कि उसे रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़वाना चाहता है।
शिकायत की तस्दीक वॉइस रिकॉर्डर के माध्यम से कराए जाने पर आरोपी राजेंद्र जोशी पंचायत सचिव द्वारा 10,000 रुपए रिश्वत की स्पष्ट मांग की जाना पाया गया। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त के निर्देशन में तत्कालीन निरीक्षक दिनेश रावत द्वारा ट्रैप कार्यवाही आयोजित कर, आरोपी राजेंद्र जोशी को दिनांक 10.03.2017 को कस्बा महिदपुर में सरपंच के निजी कार्यालय में, फरियादी मिश्रीलाल माली से रिश्वत के 5,000 रुपए लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
ट्रैप के समय रिश्वती नोट आरोपी राजेंद्र जोशी की पेंट की दाहिनी जेब से जप्त हुई थी। मौके पर आरोपी का हाथ एवं पेंट की दाहिनी जेब को घोल में धुलाये जाने पर घोल का रंग गुलाबी हो गया था। एफएसएल द्वारा अपने रासायनिक परीक्षण में आरोपी के हाथ व पेंट की जेब धुलाने के घोल में फिनाफ्थलीन रसायन धनात्मक पाया गया था।
इस विशेष प्रकरण क्रमांक 06/2018 में विवेचना के दौरान अपराध प्रमाणित पाए जाने पर लोकायुक्त संगठन द्वारा आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र विशेष न्यायालय उज्जैन में प्रस्तुत किया गया था।
जिसमें विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम उज्जैन द्वारा आरोपी को दोषसिद्ध कर भैरूगढ़ जेल भेज दिया गया। लोकायुक्त संगठन की ओर से विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पाठक डी.पी.ओ. तथा मुकेश कुन्हारे एडीपीओ द्वारा प्रकरण में अभियोजन का संचालन किया गया। ASI जागन सिंह द्वारा अच्छा सहयोग किया गया।