December 25, 2024

Missing Person : दो साल पहले अमृतसर से लापता हुआ भाई रतलाम में मिला,लेकिन मिलने से पहले ही हो गया गुम,फिर से तलाश में जुटे भाई (देखें विडीयो)

gurvindar

रतलाम,12 जून (इ खबरटुडे)। पिछले दो सालों से जिस भाई को तलाश में दर दर की ठोकरें खा रहे थे,वो पंजाब से सैकडों किमी दूर रतलाम में मिला,लेकिन जब तक उसके भाई रतलाम पंहुचते लापता भाई फिर से गुम हो गया। ये आश्चर्यजनक संयोग किसी फिल्मी कहानी के नहीं है बल्कि रतलाम में सामने आई कहानी के है।

पंजाब के अमृतसर के समीप बाबा बकाला तहसील के गांव जलाल उस्मान का रहने वाला पचास वर्षीय गुरविन्दर सिंह ट्रक चलाता था। करीब दो साल पहले वह ट्रक लेकर इ्न्दौर की तरफ आया था। फिर उसका कोई पता नहीं चला। उसके भाईयों रिश्तेदारों ने उसे ढूंढने की काफी कोशिश की,लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। उसके परिवार में उसकी पत्नी तथा तीन बच्चे भी हैैं। पत्नी और बच्चे भी उसकी तलाश में जुटे रहे,लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चला।

शहर के समीप ग्र्राम धामनोद में समाजसेवी डा.दिनेश राव ने विगत 8 जून को सुबह दयनीय अवस्था में घूम रहे एक व्यक्ति को देखा,जो बडी कठिनाई से चल पा रहा था। उसके कपडे पूरी तरह गन्दे हो चुके थे और उस व्यक्ति की हालत भी बेहद खराब हो रही थी। उसने डा.राव से कुछ पैसों की मांग की और कहा कि उसे गांव जाना है। डा. राव को लगा कि यह व्यक्ति किसी मुसीबत का मारा है। पहले तो डा.राव को लगा कि यह व्यक्ति कोई मनोरोगी है,लेकिन जब डा.राव ने उक्त व्यक्ति से बात की तो उसने अपना नाम गांव का नाम इत्यादि आसानी से बता दिया। उसने बताया कि उसका नाम गुरविन्दर सिंह है। डा.राव ने गुरविन्दर सिंह को स्नान करवा कर साफ कपडे उपलब्ध करवाए। भोजन भी करवाया। गुरविन्दर ंिसह लंगडाकर चल रहा था। उसने डा. राव को बताया कि उसका ट्रक से एक्सीडेन्ट हो गया था,जिससे उसके पैर में चोट आई है। इस पर डा.राव ने धामनोद के ही एक चिकित्सक से गुरविन्दर का प्राथमिक उपचार करवाया। स्थानीय चिकित्सक की सलाह पर डा.राव ने 108 पर फोन करके एम्बूलेंस बुलवाई और गुरविन्दर को गांव के ही दो युवकों महेश पोरवाल और महेश राव के साथ जिला चिकित्सालय भिजवाया। जिला चिकित्सालय में गुरविन्दर सिंह के साथ गए युवकों ने पर्ची बनवाकर उसे दिखाया। डाक्टर से एक्सरे कराने को कहा। दोनो युवक गुरविन्दर सिंह को एक्सरे रुम में छोड कर वहां से निकल गए।

इसी दौरान डा.दिनेश राव ने गूगल की मदद से अमृतसर जिले के जलाल उस्मान गांव की तलाश की और गूगल की मदद से गांव के पास के एक होटल रंधावा रेस्टोरेन्ट का फोन नम्बर तलाश किया। डा. राव ने रंधावा रेस्टोरेन्ट पर फोन लगाकर जलाल उस्मान गांव के गुरविन्दर नामक व्यक्ति के रतलाम में होने की बात बताई। रंधावा रेस्टोरेन्ट के संचालक ने डा. राव को कहा कि वे आसपास के इलाके में ऐसे गुमशुदा व्यक्ति की तलाश करवा रहे हैैं। करीब दो घण्टे बाद ही रंधावा रेस्टोरेन्ट से डा. राव के पास फोन आ गया कि गुरविन्दर नामक व्यक्ति पिछले दो साल से लापता है। कुछ ही देर बाद गुरविन्दर सिंह के परिवार के लोगों का फोन भी डा.राव के पास आ गया कि वे लोग गुरविन्दर को लेने के लिए गांव से निकल चुके है।

दो साल से लापता गुरविन्दर के छोटे भाई दयाल सिंह 40 अपने दो चचेरे भाईयों बलजीत सिंह और कुलवन्त सिंह के साथ अमृतसर से दिल्ली और दिल्ली से भोपाल होते हुए बीती रात को रतलाम पंहुचे। थका देने वाला लम्बा सफर पूरा कर रतलाम पंहुचे गुरविन्दर के तीनों भाई बडे उत्साहित थे कि दो साल से लापता भाई से उनकी मुलाकात होगी,लेकिन उनकी उम्मीदें धरी रह गई। रतलाम में रविवार सुबह यह पता चला कि गुरविन्दर सिंह जिला अस्पताल से गायब हो चुका है।

उसे जिला चिकित्सालय भिजवाने के बाद डा. राव को उम्मीद थी कि गुरविन्दर ंिसह जिला चिकित्सालय में ही होगा,लेकिन शनिवार को उन्हे पता लगा कि गुरविन्दर सिंह अस्पताल में भर्ती ही नहीं हुआ और अस्पताल से कहीं और चला गया।

गुरविन्दर सिंह को लेने आए उनके भाई दयाल सिंह ने बताया कि उनका परिवार पिछले दो साल से गुरविन्दर को खोज रहा है। गुरविन्दर से उनकी आखरी बात मार्च 2021 के शुरुआती दिनों में हुई थी और तब उसने कहा था कि वह जल्दी ही गांव लौट आएगा,लेकिन इसके बाद उसका मोबाइल भी बन्द हो गया था। तब से वे लगातार उसे खोज रहे थे। वे बडी उम्मीद में रतलाम पंहुचे थे,लेकिन रतलाम में गुरविन्दर से मुलाकात ना हो पाने से वे परेशान है।
गुरविन्दर के रतलाम में होने की बात स्थापित होने के बाद अब उन्हे पूरी उम्मीद है कि वह रतलाम में ही मौजूद है। वे उसकी तलाश में लगे है। उन्होने रतलाम के लोगों से भी अपील की है कि यदि किसी को गुरविन्दर सिंह कहीं नजर आ जाए,तो तुरंत इ खबरटुडे के मोबाइल न.9425103793 ,डा.दिनेश राव के मोवाइल 7000198737 या दयाल सिंह के मो.न.7347476634 पर इसकी सूचना दें,जिससे कि गुरविन्दर सिंह को उनके घर ले जाया जा सके।

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