Ratlam medical collage : किडनी प्रत्यारोपण के दो और प्रकरण किए स्वीकृत, दूर दराज तक लोगों को अब नहीं पड़ेगा भटकना
रतलाम,14मई(इ खबर टुडे)। अंगदान संभागीय प्राधिकार समिति द्वारा शुक्रवार को आयोजित बैठक में आज चार प्रकरण रखे गए थे। दो प्रकरण को समिति की अध्यक्षता कर रहे रतलाम मेडिकल कॉलेज डीन डॉ जितेंद्र गुप्ता, समिति सदस्य मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर प्रभाकर नानावरे ,मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर नीलम चार्ल्स, डॉ महेंद्र चौहान,डॉ राकेश सिसोदिया, स्वयंसेवी संस्था के समाजसेवी गोविंद काकानी, श्रीमती मनीषा ठक्कर द्वारा प्रत्येक मरीज एवं मरीज के परिजनों से प्रथम डॉक्टरों द्वारा पूर्व चिकित्सक जानकारी ली गई। समिति सदस्यों ने स्वैच्छिक किडनी दान के बारे में परिवार जनों से उनके रिश्तो की संबंधों की जानकारी ली। परिवार सदस्यों से पुराने फोटो, आपसी संबंधों के बारे में पूछताछ करने के पश्चात दो प्रकरणों को स्वीकृति प्रदान की।
संभागीय प्राधिकार अंगदान समिति अध्यक्ष डीन डॉ जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि आज कुल 4 प्रकरणों में से 2 प्रकरणों जावरा व आगर के मरीज के किडनी प्रत्यारोपण प्रकरण की स्वीकृति प्रदान की गई है। डॉ जितेंद्र गुप्ता ने कहा की समिति के सदस्यों एवं डॉक्टरों के सराहनीय सहयोग से यह कार्य लगातार चल रहा है। किडनी एवं लीवर प्रत्यारोपण पूर्ण रूप से स्वैच्छिक एवं सुरक्षित होना चाहिए। इसके लिए हम हमेशा पूर्ण जानकारी एकत्रित करने के पश्चात स्वीकृति प्रदान करते हैं। आज दो प्रकरण में आवश्यक दस्तावेज पूरे नहीं होने से उन्हें स्वीकृति नहीं प्रदान की है।
समाजसेवी गोविंद काकानी सदस्य संभागीय प्राधिकार अंगदान समिति रतलाम मेडिकल कॉलेज के द्वारा बताया कि आज स्वीकृत 2 प्रकरणों में एक मै माता ने वह दूसरे में पिता ने अपने पुत्र को किडनी देने का आवेदन दिया था। जिसे पूर्ण जानकारी एकत्रित कर संतुष्ट होने पर स्वीकृत किया गया। शेष 2 प्रकरणों में आवश्यक दस्तावेज की कमी होने से उन्हें अगली बार बैठक में पूर्ण दस्तावेज के साथ उपस्थित होने के लिए कहा गया।
रतलाम मेडिकल कॉलेज अंगदान समिति के माध्यम से किए जा रहे इस पुनीत कार्य से दूर दूर तक के लोगों को अब इधर-उधर नहीं भटकना पड़ता है और त्वरित किडनी प्रत्यारोपण होता है। रतलाम मेडिकल कॉलेज समिति के नोडल अधिकारी डॉक्टर अतुल कुमार ने किडनी देने वाले दोनों प्रकरण के माता एवं पिता को किडनी प्रत्यारोपण के बाद मरीज के साथ-साथ स्वयं के ध्यान रखने का भी आवश्यक जानकारी से अवगत कर निर्देश दिया।
बैठक के अंत में समिति सदस्यों ने दोनों परिवारों से ऑपरेशन के बाद होने वाले खर्च, मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी एवं व्यवस्थाओं के बारे में अवगत कराने के लिए कहां जिससे अन्य मरीजों के परिजन दी लाभ उठा सकें।