New life/प्यार का तोहफा: रतलाम की चंद्रकला ने अपनी जान पर खेलकर पति को दी नई जिंदगी
रतलाम,22 सितम्बर (इ खबरटुडे)। करवाचौथ पर व्रत रखकर पत्नी अपनी पति की लंबी आयु की कामना करती है। यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। मगर लाइलाज बीमारियों के उपचार की नई-नई तकनीकों की वजह से अब महिलाएं अपने पति का जीवन बचाने में भी अहम भूमिका निभा रही हैं। पत्नियों को यूं ही अर्द्धांगिनी नहीं कहा जाता। अगर बात पति की जिंदगी पर आ जाए तो पत्नी कुछ भी कर गुजरने से पीछे नहीं हटती। रतलाम जिले की एक महिला ने अपनी जान पर खेलकर पति को जीवनदान दिया है। महिला ने जरूरत पर पति को अपनी किडनी दान कर दी।
जानकारी के अनुसार ग्राम सिमलावदा की रहने वाली 35 वर्षीय चंद्रकला पाटीदार ने अपने पति की सलामती के लिए अपनी एक किडनी उन्हें देकर न केवल साहसिक कदम उठाया, बल्कि समाज में एक मिसाल भी कायम की है। किसान 38 वर्षीय लक्ष्मण पाटीदार पिछले करीब आठ माह से बीमार चल रह थे, उनकी दोनों किडनी खराब हो गई थी।
डाक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट का अंतिम विकल्प बताया। यह सुनकर परिवार सकते में आ गया, लेकिन उनकी पत्नी चंद्रकला नहीं घबराई । उन्होंने पति की जान बचाने के लिए अपनी एक किडनी देने का निर्णय लिया। बुधवार को गुजरात के नडियाड स्थित एक अस्पताल में करीब चार घंटे चले आपरेशन के दौरान किडनी ट्रांसप्लांट की गई।
जानकारी के अनुसार जनवरी 2021 में लक्ष्मण पाटीदार एक दिन खेत से घर लौटे तो उनकी अचानक तबीयत खराब हो गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। परीक्षण के दौरान उनकी किडनी में समस्या होने की बात कहकर इंदौर ले जाने के लिए कहा गया।
इंदौर में कई प्रकार की जांच करने के बाद पता चला कि उनकी दोनों किडनी खराब हो गई है। इसके बाद उनका डायलिसिस किया जाता रहा। अनेक अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद उन्हें डाक्टरों ने बताया कि लक्ष्मण की जान केवल किडनी ट्रांसप्लांट करके ही बचाई जा सकती है।
पत्नी चंद्रकला को जब यह पता चला तो उन्होंने बगैर देर किए अपनी एक किडनी देने का निर्णय लिया। इसके बाद स्वजन व पत्नी लक्ष्मण को लेकर नडियाड पहुंचे। जांच में दोनों की किडनी मैच हो गई। दो माह से दोनों को वहां भर्ती कर सर्जरी की तैयारी शुरू की गई व बुधवार को सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक आपरेशन कर किडनी ट्रांसप्लांट की गई।
अब तक 22 लाख रुपये हुए खर्च
लक्ष्मण के एक रिश्तेदार ने बताया कि अब तक लक्ष्मण के इलाज में करीब 22 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। ग्रामीणों ने शासन से लक्ष्मण को आर्थिक मदद देने की मांग की है। उधर. आपरेशन शुरू होने के पहले ग्रामीणों व स्वजन ग्राम सिमलावदा स्थित अम्बेमाता मंदिर, शिवमंदिर व हनुमान मंदिर में एकत्र होकर दोनों के स्वस्थ्य घर लौटने के लिए प्रार्थनाएं करते रहे। शिव मंदिर में अभिषेक व अम्बेमाता मंदिर में हवन व हनुमान मंदिर में सुंदरकांड भी किया गया।