Hiren Murder Case : एन आई ए की चार्जशीट में हुआ खुलासा,एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को दिया गया था मनसुख हिरन को मारने का काम
मुंबई,08 सितम्बर (इ खबरटुडे)। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की तरफ से दायर चार्जशीट में बताया गया है कि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को मनसुख हिरन की हत्या का काम सौंपा गया था। इसके लिए निलंबित और मामले के मुख्य साजिशकर्ता कहे जा रहे सचिन वाजे की तरफ से शर्मा को ‘मोटी रकम’ भी दी गई थी। शर्मा ने संतोष शेलार के लिए जरिए इस वारदात को अंजाम दिया था।
एन आई ए की चार्जशीट में बताया गया है, ‘यह काम प्रदीप शर्मा (A-10) को सौंपा गया था.’ आगे कहा गया कि साजिश में आरोपी प्रदीप शर्मा ने आरोपी संतोश शेलार (A-6) से संपर्क किया था और पूछा था कि क्या वह पैसों के बदले हत्या कर सकता है। चार्जशीट के अनुसार, ‘आरोपी शेलार इसके लिए हामी भर दी थी। ’ हिरन की हत्या से पहले 2 मार्च को वाजे ने हिरन के साथ मीटिंग की थी। इस दौरान उसके साथ दो अन्य पुलिसकर्मी सुनील माने और प्रदीप शर्मा भी मौजूद थे। चार्जशीट के मुताबिक, वाजे इन दोनों को साथ इसलिए ले गया ताकि वे हिरन को पहचान लें।
दक्षिण मुंबई में विस्फोटकों से लदे वाहन (महिंद्रा स्कॉर्पियो) के मिलने के एक हफ्ते बाद यह बैठक हुई थी। गाड़ी में जिलेटिन की 20 छड़ियां और धमकी भरा नोट मौजूद था। एनआईए के जांचकर्ताओं का मानना है कि यह वाजे की तरफ से अपनी विश्वसनीयता को चमकाने का प्रयास (ऐसा मामला सुलझाकर, जो उसने खुद ही तैयार किया हो) हो सकता है। हालांकि, इसे लेकर अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं। इसके अलावा जबरन वसूली के एंगल को लेकर भी कोई सबूत नहीं हैं।
यह सामने आया है कि गाड़ी हिरन के पास थी और वाजे ने इसे उधार लिया था, लेकिन घटना के कुछ हफ्तों पहले ही लौटा दिया था। कुछ समय बाद ही मामले में वाजे के शामिल होने और विस्फोटक लगाने को लेकर सवाल उठने लगे थे। इसके बाद हिरन गुम हो गया और उसकी मौत हो गई।
चार्जशीट में कहा गया है कि रकम मिलने के बाद शर्मा ने शेलार को फोन किया और लाल टवेरा वाहन की जानकारी हासिल की। इसी वाहन का इस्तेमाल हिरन की हत्या और लाश को ठिकाने लगाने के लिए किया जाना था। आरोप पत्र में बताया गया कि जैसा वाजे और माने के बीच तय हुआ था, 4 मार्च को माने ने हिरन को क्रिकेट बुकी नरेश गोट से मिली फर्जी सिम के जरिए मलाड का पुलिसकर्मी बनकर कॉल किया था।
चार्जशीट के मुताबिक, वाजे ने पहले ही हिरन को गिरफ्तारी और खासतौर महाराष्ट्र एटीएस की पूछताछ से बचने के लिए ‘सुरक्षित ठिकाने’ पर जाने के लिए कह दिया था। इसपर हिरन तैयार हो गया और पुलिस अधिकारी से ठाणे के घोड़बंदर रोड पर सूरज वॉटर पार्क के पास मुलाकात की। माने ने हिरन को साथ लिया और उसे शेलार तक पहुंचा दिया। शेलार पहले ही टवेरा में मनीष सोनी, सतीश मोतुकारी और आनंद जाधव के साथ इंतजार कर रहा था।
इसके बाद चारों ने गाड़ी में हिरन को मारा और शव को नाले में फेंक दिया। NIA ने दोनों मामलों की जांच अपने हाथ में ली और खुलासा किया कि यह सब वाजे का काम है। वाजे ने यह सब ‘खोई प्रतिष्ठा दोबारा हासिल करने’ के लिए किया. NIA ने बाद में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट शर्मा और टवेरा में मौजूद चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया।