दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी पर सुनवाई : हाई कोर्ट ने केंद्र से कहा, तुरंत निकालें समाधान
नई दिल्ली,22 अप्रैल (इ खबरटुडे)। कोरोना की बढ़ती संख्या के बीच ऑक्सीजन की कमी की खबरें देश की राजधानी दिल्ली से भी खूब आ रही हैं। अब भी कुछ हॉस्पिटल की ओर से कहा जा रहा है कि उनके पास कुछ ही घंटे का ऑक्सीजन बचा है। ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कल केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट में याचिका पर आज भी सुनवाई चल रही है।
केंद्र के भरोसे के बाद भी दिल्ली को उसका ऑक्सीजन कोटा नहीं मिल रहा: हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट अब फैसले लिखवाना शुरू किया है। कोर्ट ने कहा कि जाहिर होता है कि केंद्र सरकार के भरोसे के बावजूद दिल्ली को ऑक्सीजन आवंटित कोटे के मुताबिक मिल नहीं पाई है। तमाम राज्यों में इसे रोका गया है जहां उसका उत्पादन होता है। हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की हालत यह है कि अस्पतालों में या तो ऑक्सीजन खत्म होने वाली है या कुछ ही घंटों की बची है। विकासपुरी का यूके हॉस्पिटल और द्वारका का एक अस्पताल इसी कगार पर है।
सॉलिसिटर जनरल चाहते हैं हाई कोर्ट अब सुनवाई बंद कर दे
तमाम अदालतें जिन्होंने मामले में सुनवाई शुरू की है। सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वत: संज्ञान लिया है। तीन बिंदुओं पर सुनवाई कर रहें-ऑक्सीजन, वैक्सीनेशन और लॉकडाउन। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बेहतर पोजिशन में है जो और राज्यों को भी निर्देश दे सकता है। हम ऐसा नहीं कर सकते हैं, वरना हम भी कुछ राज्यों को शामिल करते। एसजी कोशिश कर रहे हैं कि दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले में अब सुनवाई बंद कर दे क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मुद्दे पर सुनवाई शुरू कर दी है। राहुल मेहरा ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि आदेश पारित करने में एक मिनट की देरी अब जिंदगियों पर भारी पड़ने वाली है।
पानीपत बहुत दूर नहीं है- हाई कोर्ट
दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने हाई कोर्ट को बताया कि आज पानीपत से ऑक्सीजन ही नहीं आया। उन्होंने कहा कि पानीपत से दिल्ली के लिए ऑक्सीजन का आवंटन 140 मीट्रिक टन है। वहां से 280 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आ चुका है लेकिन आज एक भी टन नहीं आया। इस पर हाई कोर्ट ने केंद्र से कहा कि आपने आदेश जरूर पारित किए होंगे लेकिन उन्हें लागू नहीं करवा पा रहे हैं। अर्जेंसी को देखिए। पानीपत बहुत दूर नहीं है।