November 21, 2024

Raag Ratlami Airport – शहर की उम्मीदों पर पानी फेरने के जमीनखोर के मंसूबे ध्वस्त, शहर को हवाई सेवा मिलने की उम्मीदें बढी

-तुषार कोठारी

रतलाम। शहर की किस्मत अच्छी है कि हवाई अड्डे की उम्मीदें खत्म होने से बच गई। वरना खुद को राजाओं का इन्द्र समझने वाले चर्चित जमीनखोर ने हवाई पïट्टी से लगी अपनी जमीन पर कालोनी बनाने की पूरी तैयारी कर ली थी। अगर ऐसा हो जाता,तो भविष्य में कभी भी शहर में हवाई अड्डा बन नहीं पाता। जिला इंतजामिया को भी जैसे ही मामले की सच्चाई का पता लगा,इंतजामिया ने फौरन जमीनखोर के इस प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी।

बरसों पहले जब शहर में हवाई पïट्टी बनी थी,तो शहर के बाशिन्दों को एक उम्मीद बन्धी थी कि कभी ना कभी उनके शहर से भी हवाई जहाज उडा करेंंगे। फिर बाद के दिनों में रतलाम के लोगों ने इस हवाई पïट्टी पर उतरते और यहां से उडते हुए हवाई जहाज भी देखे। हांलाकि यहां आए तमाम हवाई जहाज या तो नेता लेकर आए थे,या फ्लाइंग क्लब वाले,लेकिन फिर भी इनके आने से ये उम्मीद तो बनी ही थी कि कभी ना कभी शहर को हवाई सेवा की सुविधा मिल सकती है। फिर जब शहर को मिनी स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किया गया,तो हवाई सेवा मिलने की उम्मीद में और इजाफा हुआ।

लेकिन कुख्यात जमीनखोर से यह सब देखा नहीं जा रहा था। हवाई पïट्टी के नजदीक की जमीनों पर निर्माण की इजाजत नहीं दी जाती। जमीनखोर की जमीन इसी चक्कर में बरसों से खाली पडी थी। जमीनखोर को यही दुख था कि उसकी जमीन कौडियों के दाम की हो रही थी। जमीनखोर इसी जोड तोड में था कि कैसे अपनी जमीन की कीमत बढवाए। दुनिया जहान की जालसाजी और धोखाधडी करने में महारत हासिल कर चुके जमीनखोर ने एक रास्ता ढूंध ही निकाला और हवाई अड्डों की अथारिटी से हासिल एक चिट्ठी के दम पर कालोनी की फाइल आगे बढा दी। ये तो शहर की किस्मत अच्छी थी कि जिला इंतजामिया के बडे साहब ने इस पर रोक लगा दी। उन्हे बताया गया था कि इजाजत देने से हवाई अड्डा बनने की सारी उम्मीदों पर पानी फिर जाएगा।

उधर सूबे की सरकार ने भी साफ कर दिया है कि रतलाम की हवाई पïट्टी केन्द्र सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम में शामिल है और अगर कोई कंपनी यहां से हवाई सेवा शुरु करना चाहेगी तो उसे इजाजत दे दी जाएगी। ये सवाल जावरा के एमएलए साहब ने सरकार से पूछा था। जावरा एमएलए साहब को मिले जवाब से भी ये तय हो गया कि रतलाम की हवाई पïट्टी भविष्य में कभी भी हवाई अड्डे की शक्ल अख्तियार कर सकती है। इसे किसी जमीनखोर की लालच की भेंट नहीं चढाया जा सकता।

कुल मिलाकर शहर की किस्मत अच्छी रही कि शहर की उम्मीदों पर पानी फेरने के जमीनखोर के मंसूबे ध्वस्त हो गए और अब शहर के बाशिन्दों को हवाई सेवा का फायदा मिलने की उम्मीदे भी बढ गई है।

रतलामवासी या स्वर्गवासी…….

चौंकिए मत। रतलाम में रहने वाले रतलामवासी ही है,लेकिन नगर निगम वालों के दावे अगर सच साबित हो गए तो रतलाम स्वर्ग सा सुन्दर हो जाएगा। स्वर्ग में रहने वाले स्वर्गवासी कहलाते है इसलिए रतलामवासी स्वर्गवासी कहलाने लग जाएंगे। निगम वालों का कहना है कि चार महीनों के बाद शहर की बदबूदार नालियां सूख जाएंगी। बार बार जाम होने वाले नाले भी सूख जाएंगे और इनमें सिर्फ बरसात का साफ पानी बहा करेगा। ये सारा चमत्कार सीवरेज प्रोजेक्ट की वजह से होने वाला है। घरों से निकलने वाली सारी गन्दगी पाइप लाइन के जरिये ट्र्ीटमेन्ट प्लान्ट में पंहुचेगी और वहां ट्रीटमेन्ट के बाद पानी फिर से साफ हो कर उपयोगी हो जाएगा,जबकि बायोवेस्ट से खाद भी बनेगी,जिससे निगम की कमाई भी होगी। लेकिन शहर के बाशिन्दों को इन दावों पर भरोसा नहींहो रहा है। सीवरेज प्रोजेक्ट के कारण शहर के बाशिन्दे लम्बे समय से तकलीफें झेल रहे है। सडक़ों की खुदाई,गड्ढे,धूल,दुर्घटनाएं। सीवरेज प्रोजेक्ट के कारण ये सारी मुसीबतें शहर के लोग झेलते रहे हैैं और अब तक झेल रहे हैैं। इससे पहले तक निगम के दावों में दम भी नहीं हुआ करता था। यही वजह है कि लोगों को इस बार भी दावों पर भरोसा नहीं हो रहा है। दावे सच साबित होंगे या नहीं इसका पता तो तभी चलेगा जब चार महीने गुजर जाएंगे। तब तक इंतजार कीजिए।

आठ मिनट के लिए 1 घण्टे का इंतजार……

सिनेमा हाल से निकला हर आदमी वाह वाह कर रहा था। मौका था जिला इंतजामिया द्वारा नशामुक्ति के लिए बनवाई गई शार्ट फिल्म बेखबर के प्रीमीयर का। फिल्म के डायरेक्टर और टीम ने महज साढे आठ मिनट में कमाल कर दिखाया। डायरेक्टर का कमाल ये था कि शार्ट फिल्म के लिए इंतजामिया के बडे साहब से लगाकर मोदी जी तक से एक्टिंग करवा ली और नशामुक्ति का संदेश जोर शोर से फैला दिया। लेकिन वाह वाह करते लोग ये भी सोच रहे थे कि साढे आठ मिनट की फिल्म के लिए एक घण्टे से ज्यादा का इंतजार करना पडा। लेकिन जनता और अफसर करे भी तो क्या…? नेता जी अगर इंतजार ना करवाए तो उनकी सुपीरिटी कैसे दिखेगी? एमएलए साहबान तो फिर भी पहले आ गए,लेकिन सांसद जी समय पर कैसे आते? अगर समय पर आ जाते तो उनकी वैल्यू कैसे नजर आती? हाल में मौजूद तमाम लोगों को इंतजार कराने के बाद ही उन्हे आना था,ताकि हर आदमी को पता चलता कि इंतजार सांसद जी का किया जा रहा है। बस यही हुआ। लम्बा इंतजार कराने के बाद वो आए और तब जाकर दर्शकों को वाह वाह करने का मौका मिला।

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