अधिवक्ता प्रशान्त ग्वालियरी की शिकायत को जनहित याचिका के रुप में दर्ज किया सुप्रीम कोर्ट ने,देशद्रोह के आरोपी उमर खालिद के खिलाफ होगी सुनवाई
रतलाम,29 अगस्त (इ खबरटुडे)। दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद के विरुध्द सुप्रीम कोर्ट को भेजे गए एक शिकायती पत्र को सुप्रीमकोर्ट ने जनहित याचिका के रुप में स्वीकार कर लिया है। यह शिकायत रतलाम के अधिवक्ता प्रशान्त ग्वालियरी ने उमर खालिद द्वारा की गई उन टिप्पणियों को लेकर की थी,जिसमें उमर खालिद ने न्यायालय की अवमानना के दोषी पाए गए प्रशान्त भूषण के समर्थन में की थी।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशान्त भूषण को उच्चतम न्यायालय की अवमानना का दोषी पाया था। प्रशान्त भूषण को दोषसिध्द करार दिए जाने के बाद दिल्ली दंगों के आरोपी और जमानत पर जेल से बाहर आए जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने ट्विटर पर प्रशान्त भूषण का समर्थन करते हुए उच्चतम न्यायालय के विरुध्द अभियान चलाया था। उमर खालिद ने प्रशान्त भूषण के समर्थन में स्टैण्ड विथ प्रशान्त भूषण हैशटैग के साथ ट्विट किया था और अन्य लोगों को भी इससे जुडने की अपील की थी।
अभिभाषक प्रशान्त ग्वालियरी ने बताया कि जब उन्होने ट्विटर पर उमर खालिद का यह हैश टैग देखा तो उन्होने इस बात की शिकायत दिल्ली पुलिस को ट्विट कर की थी। श्री ग्वालियरी के मुताबिक उमर खालिद पूर्व में जेएनयू में भारत तेरे टुकडे होंगे इंशा अल्लाह जैसे नारे लगाने का दोषी था,इसके बाद सीएए को लेकर दिल्ली में भडके दंगों में भी उसकी भूमिका पाई गई थी। दिल्ली दंगों को भडकाने के मामले में पुलिस ने उसे देशद्रोह जैसे गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया था। इस गंभीर प्रकरण में जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद पुन: उसके द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय के विरुध्द अभियान चलाया जाना गंभीर अपराध है।
श्री ग्वालियरी ने बताया कि उन्होने उमर खालिद और ट्विटर इण्डिया के विरुध्द आपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु दिल्ली पुलिस को आग्रह किया था,लेकिन जब दिल्ली पुलिस द्वारा इस सम्बन्ध में कोई कार्यवाही नहीं की गई तो उन्होने इस बात की शिकायत सीधे उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति महोदय को इ मेल के माध्यम से भेजी। अपनी शिकायत में उन्होने माननीय सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि उमर खालिद की समस्त जमानते निरस्त करते हुए उसके विरुध्द कठोर कार्यवाही की जाए साथ ही ट्विटर इण्डिया द्वारा इस प्रकार उच्चतम न्यायालय के विरुध्द की गई टिप्पणियों को अपने प्लेटफार्म से प्रसारित करवाने के मामले में ट्विटर इण्डिया को प्रतिबन्धित किया जाए।
श्री ग्वालियरी ने बताया कि इ मेल द्वारा भेजी गई शिकायत पर संज्ञान लेते हुए माननीय उच्चतम न्यायालय ने इस शिकायत को जनहित याचिका के रुप में दर्ज कर लिया है। इस बात की जानकारी उन्हे सुप्रीम कोर्ट द्वारा भेजे गए एसएमएस सन्देश से मिली है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा उक्त जनहित याचिका दर्ज किए जान के बाद अब पूरी उम्मीद है कि उमर खालिद जैसे देशद्रोही के विरुध्द कडी कार्यवाही हो सकेगी।