भारत को कूटनीतिक बढ़त: यूरोपीय संसद में अब मार्च में होगी CAA विरोधी प्रस्ताव पर वोटिंग
लंदन/नई दिल्ली 30 जनवरी ई(खबर टुडे ) यूरोपीय संसद ने भारत के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पेश एक प्रस्ताव पर गुरुवार को वोटिंग नहीं कराने का फैसला किया है। यूरोपीय संसद ने बुधवार को फैसला किया कि सीएए पर वोटिंग 2 मार्च से शुरू हो रहे उसके नए सत्र में कराई जाएगी। माना जा रहा है कि यूरोपीय संसद ने यह कदम इसलिए उठाया ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मार्च में ब्रसेल्स में होने वाले द्विपक्षीय सम्मेलन में शिरकत करने की योजना में किसी तरह की रुकावट खड़ी नहीं हो।
सरकारी सूत्र वोटिंग टालने को कूटनीतिक सफलता बता रहे हैं। उनका कहना है कि बुधवार को ‘फ्रेंड्स ऑफ पाकिस्तान’ पर ‘फ्रेंड्स ऑफ इंडिया’ हावी रहे। सूत्रों ने बताया कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मार्च में पीएम मोदी की ब्रसेल्स की यात्रा का आधार तैयार करने के लिए ब्रसेल्स जाने वाले हैं। यूरोपीय सांसद सीएए पर उनसे देश का नजरिया जानने तक मतदान टालने के लिए राजी हो गए हैं।
CAA पर भेदभाव का आरोप
कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि प्रस्ताव पर चर्चा तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगी लेकिन इस पर वोटिंग 30 और 31 मार्च को हो सकती है। इससे पहले यूरोपीय संसद के छह राजनीतिक दलों के सदस्यों ने भारत के सीएए के खिलाफ एक संयुक्त प्रस्ताव पेश किया और इसे भेदभाव करने वाला करार दिया। सूत्रों ने कहा, ‘ब्रेग्जिट से ठीक पहले भारत के खिलाफ यूरोपीय संसद में प्रस्ताव पारित कराने के निवर्तमान ब्रिटिश MEP शफ्फाक मोहम्मद की कोशिश असफल हो गई।
‘भारत का आंतरिक मामला‘
बता दें कि सरकार कहती आ रही है कि सीएए भारत का आंतरिक मामला है और इसे समुचित प्रक्रिया का पालन कर अपनाया गया है। सूत्रों ने उम्मीद जताई कि सीएए पर हमारे नजरिये को यूरोपीय संघ के सांसदों द्वारा निष्पक्ष और खुले मन से समझा जाएगा। उधर, यूरोपीय संघ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह प्रस्ताव भारत के प्रति उसका रुख जाहिर नहीं करता। ईयू के अधिकारियों ने कहा कि यह कुछ सांसदों की राय है और इसका ईयू के रुख से कोई लेना देना नहीं है।