सरकार बनाने को लेकर भाजपा की बैठक में फैसला नहीं, कांग्रेस ने राजस्थान भेजे विधायक
मुंबई,10 नवंबर (इ खबरटुडे)।।महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को पत्र भेजकर यह बताने के लिए कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में सरकार बनाने की इच्छुक है या नहीं। वहीं शिवसेना ने कहा है कि यदि कोई सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं है तो शिवसेना प्रदेश का जिम्मा संभाल सकती है। सरकार के मसले पर शाम को भाजपा की फिर बैठक होगी।
उधर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि यदि कोई सरकार बनाने को तैयार नहीं है तो हम यह जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। यही नहीं राउत ने सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस से भी नजदीकी के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश की दुश्मन नहीं है। सभी पार्टियों के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद होते रहते हैं। गौरतलब है कि राज्यपाल द्वारा भाजपा को सरकार बनाने का आमंत्रण देने के बाद से राज्य में सियासी सरगर्मी एकबार फिर तेज हो गई है। वहीं इस मामले में राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा है कि राज्यपाल का निर्णय देर से आया है।
राज्य में चल रही इसी सियासी सरगर्मी के बीच रविवार को मुंबई में ऐसे पोस्टर नजर आए जिनमें उद्धव को महाराष्ट्र का सीएम बनाने की मांग की गई है। दूसरी ओर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी पार्टी विधायकों की मंगलवार को बैठक बुलाई है। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि यदि भाजपा और शिवसेना सरकार बना लेते हैं तो हम विपक्ष में बैठेंगे। हम मंगलवार को अपने विधायकों के साथ राज्य के सियासी हालात पर चर्चा करेंगे।
इस बीच मिलिंद देवड़ा ने भी राज्यपाल से कांग्रेस-एनसीपी युति को सरकार बनाने का न्योता देने की अपील की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, भाजपा और शिवसेना ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया है, ऐसे में राज्यपाल को सूबे के दूसरे सबसे बड़े गठबंधन राकांपा और कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए। सत्ता को लेकर शिवसेना ने एनसीपी से नजदीकी बढ़ाने के संकेत दिए हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एनसीपी प्रमुख शरद पवार की जमकर तारीफ की है। सामना में कहा गया है कि राज्य में सरकार के गठन में दिग्गज नेता शरद पवार की भूमिका बेहद अहम हो सकती है।
इस बीच देवेंद्र फडणवीस के आवास पर भाजपा कोर कमेटी की बैठक हुई। बैठक के बाद भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि राज्यपाल ने भाजपा को इसलिए सरकार बनाने का न्यौता दिया है क्योंकि चुनाव में वह सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरकर आई है। सरकार बनाना है या नहीं इस बारे में फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है। हम शाम चार बजे दोबारा मिलेंगे और राज्यपाल के आमंत्रण पर फैसला लेंगे। गौरतलब है महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल नौ नवंबर को समाप्त हो गया है।
वहीं खरीद-फरोख्त की आशंका को देखते हुए कांग्रेस के अपने 34 विधायकों को राजस्थान भेज दिया है। पिछले दिनों कांग्रेस ने विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र में विधायकों को दलबदल के लिए 25 करोड़ से 50 करोड़ रुपए तक की पेशकश की जा रही है। दूसरी ओर शिवसेना भी अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर आशंकित है।