वीआईपी को महाकाल के दर्शन दो भाग में मात्र दो घंटे होंगे
उज्जैन,23 अगस्त(इ खबरटुडे/ब्रजेश परमार)। श्री महाकालेश्वर मंदिर में वीआईपी से सामान्य श्रद्धालु प्रभावित होते हैं इसके चलते सामान्य दिनों में अब वीआईपी के लिए सुबह और अपरांन्ह के समय एक –एक घंटा दर्शन की व्यवस्था पर श्री महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र के विकास से संबंधित बैठक में सहमति से बनी है। यह जानकारी प्रदेश के मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने पत्रकारों को दी उनके अनुसार यह व्यवस्था भी सामान्य दिनों में रहेगी विशेष दिनों में वीआईपी व्यवस्था प्रतिबंधित रहेगी।
श्री महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र के विकास से संबंधित बैठक शुक्रवार को बृहस्पति भवन में दोपहर 12:00 बजे से आयोजित की गई । इसमें प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा , जनसम्पर्क मंत्री पी.सी शर्मा ,नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह सम्मिलित हुए। बैठक के उपरांत पत्रकारों से चर्चा में प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने कहा है कि उज्जैन के महाकालेश्वर मन्दिर क्षेत्र का विकास बनारस के काशी विश्वनाथ मन्दिर के विकास की तर्ज पर किया जाएगा एवं इसके लिये जिस तरह से वहां कार्य हुए हैं, जमीन अधिग्रहित की गई है, वही मॉडल यहां अपनाया जाएगा।
एक सवाल के जवाब में नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्द्धनसिंह ने कहा कि आगामी अप्रैल माह तक शिप्रा एवं रूद्र सागर में मिलने वाले गन्दे नालों को रोक दिया जाएगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति में नियम विरूद्ध नियुक्ति एवं अधिनियम के साथ ही अन्य मामलों को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्य सचिव ने कहा कि आगामी समय में मंदिर एक्ट में संशोधन हो रहा है। नए एक्ट में कई प्रावधान हैं उनमें नए रूल बनाने का प्रावधान समिति के सुझाव पर राज्य शासन को रहेगा। मुख्य सचिव ने कहा कि बैठक में महत्वपूर्ण सुझाव आए हैं।एक सवाल के जवाब में उनका कहना था कि इस कार्य की शुरूआत की गई है इसमें 100 करोड लगे या पांच सौ करोड कार्य को पूर्ण किया जाएगा।एक अन्य सवाल का जवाब जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने देते हुए कहा कि नए एक्ट एवं विकास कार्य से श्रद्धालुओं की सुविधाएं बढे़गी।
मुख्यमंत्री का महतीय कार्य-
मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर प्रदेश के तीन कैबिनेट मंत्री जिनमें लोक निर्माण एवं प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, जनसम्पर्क एवं विधि विधायी मंत्री पीसी शर्मा एवं नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धनसिंह शामिल थे, ने श्री महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र में मंदिर के अंदर एवं बाहर किए जाने वाले कार्यों को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा की। बैठक में लगभग 300 करोड़ के कार्यों को लेकर प्रारम्भिक सहमति व्यक्त की गई। अन्तिम रूप से प्रोजेक्ट स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर स्वीकृत किया जाएगा।
विधायक मुरली मोरवाल ने कहा कि महाकालेश्वर मन्दिर में स्थायी प्रशासक की नियुक्ति की जाये, जो कि क्षेत्र का सिटी मजिस्ट्रेट भी हो। उन्होंने भारत माता मन्दिर की ओर 30 फीट चौड़ाई का रोड निकालने व अतिक्रमण हटाने की बात रखी। विधायक श्री मोरवाल ने मन्दिर समिति में नियुक्त किये गये अनावश्यक कर्मचारियों को हटाने की मांग की। साथ ही उन्होंने महाकालेश्वर मन्दिर के मुख्य द्वार का निर्माण पौराणिक आधार पर करने को कहा है।
जिला पंचायत अध्यक्ष करण कुमारिया ने कहा कि भगवान महाकालेश्वर की भस्म आरती के प्रवेश के लिए जारी किए जाने वाले पास में बायोमैट्रिक का उपयोग करते हुए उन्हीं व्यक्तियों को प्रवेश दिया जाना चाहिए जिनके लिए पास बनाए गए हैं। श्री कुमारिया ने उज्जैन के चारों ओर से सड़क पर महाकाल द्वार बनाने की मांग की।
पुजारी आशीष शर्मा ने कहा कि सप्तपुरी, सप्त सागर का महत्व बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को ज्ञात हो, इसका प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। उन्होंने उज्जैन शहर में योग साधना केन्द्र की स्थापना करने की मांग की। महन्त रामेश्वरदास ने कहा कि चौरासी महादेव में से क्रमांक-81, 82, 83, 84 चार द्वारपाल हैं, जो चारों दिशा में विराजित हैं, वहां पर उज्जैन नगर में आने वाले मार्गों पर चार द्वार बनाए जाएं। साथ ही उन्होंने नीलगंगा तालाब का भी विकास करने की मांग रखी।