भय्यू महाराज की अस्थियां नर्मदा में विसर्जित, बनेंगी दो समाधियां
इंदौर/खरगोन,14 जून(इ खबरटुडे)।आध्यात्मिक गुरू भय्यू महाराज की अस्थियों को महेश्वर स्थित नर्मदा नदी में विसर्जित किया गया। भय्यू महाराज की बेटी कुहू ने पूरे विधि-विधान के साथ अस्थि विसर्जन की प्रक्रिया निभाई। इस दौरान उनके साथ परिवार के अन्य लोग भी मौजूद थे। नम आंखों से सभी ने महाराज को श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा नर्मदा परिक्रमा कर रहे लोगों को भोजन भी कराया।
अस्थि विसर्जन की ये प्रक्रिया करीब एक घंटे चली। गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे अस्थियां लेकर परिजन, सूर्योदय आश्रम के अनुयायी, श्रद्धालु व परिजन नर्मदा के तट पहुंचे। मुख्य घाट के समीप अस्थि कलशों का पूजन किया गया। इसके बाद नौका के माध्यम से नर्मदा के मध्य अस्थियों का विसर्जन किया गया। जैसे ही अस्थि विसर्जन के लिए कलश भय्यू महाराज की बेटी कुहू के हाथों में दिया गया, वह बिलख पड़ी। परिजनों ने उसे सहारा दिया।
अस्थि विसर्जन के बाद अन्नदान कर सभी लोग इंदौर लौट गए। इस दौरान सेवादार विनायक दुधाले व शेखर, परिजनों में अनूप राजूरकर, प्रदीप देशमुख, अनिल पाटिल, मनोज देशमुख, साहिबराव शिंदे, आनंद शर्मा सहित सूर्योदय परिवार के अन्य सदस्य मौजूद थे।
इससे पहले गुरुवार सुबह भमोरी स्थित मुक्तिधाम पर बेटी कुहू और परिजनों ने भय्यू महाराज के अस्थियों का संचय किया। यहां मंत्रोचार के साथ पंडितों ने अस्थि संचय की रस्म पूरी कराई। जिस स्थान पर भय्यू महाराज पंचतत्व में विलीन हुए थे उस स्थान को चबूतरे को गोबर से लिपवाया गया। इसके बाद अस्थि लेकर परिजन पहले सूर्योदय आश्रम और फिर महेश्वर के लिए रवाना हुए।
परिजनों के मुताबिक भय्यू महाराज की अस्थियां नर्मदा नदी के अलावा देश की अन्य प्रमुख नदियों में भी प्रवाहित की जाएंगी और ये काम अगले 10 दिनों में किया जाएगा।
2 समाधियां बनेंगी
भय्यू महाराज के सेवादारों और आश्रम से जुड़े लोगों ने ये बताया कि भय्यू महाराज की दो समाधि बनाई जाएंगी। एक समाधि उनके पैतृक निवास शुजालपुर में, जबकि दूसरी इंदौर में बापट चौराहा स्थित सूर्योदय आश्रम में बनाई जाएगी। इसके अलावा अंतिम संस्कार के लिए बनाए गए अस्थाई चबूतरे की ईंटों को उनके सभी आश्रमों में याद स्वरूप लगाया जाएगा। गौरतलब है कि 12 जून को इंदौर में भय्यू महाराज ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी।