November 14, 2024

महाकाल के गर्भगृह में 20 मिमी मोटा दुधिया मार्बल लगेगा,तीन दिन के लिए गर्भगृह में प्रवेश बंद

उज्जैन,30 मई (इ खबर टुडे ).भगवान् श्री महाकालेश्वर के गर्भगृह में 20 मिमी मोटा दुधिया मार्बल लगाने का काम सोमवार से शुरू हो गया है। गुप्तदान दाता ने करीब 250 वर्गफीट के गर्भगृह के लिए कीमती मार्बल दान दिया है। यहाँ तक की लगवने की मजदूरी भी दानदाता ही अदा करेगा।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में सिंहस्थ 2004 के बाद मार्बल लगाया गया था। यह मार्बल सफेद ही था, लेकिन समय के साथ इसमें टूट-फूट हुई। यहां तक कि धीरे-धीरे इस टूट फूट से श्रद्धालुओं के पैर आहत होने लगे थे। यह टूट फूट इस वजह से हुई थी कि गर्भगृह के अंदर रखी दानपेटियों और पानी के मटके सहित अन्य सामग्री रखने और घीसने के दौरान मार्बल क्षतिग्रस्त हुआ। समय के साथ यह टूट-फूट बढ़ती गई। हाल ही में इसे देखते हुए दानदाता की ओर से मंदिर समिति को प्रस्ताव दिया गया था। जिसे मंदिर समिति ने स्वीकार कर लिया। दानदाता की ओर से मार्बल करीब 1 माह पूर्व मंदिर पहुँचा दिया गया था। जिसकी कटाई का काम मंदिर की निर्माण समिति के सदस्य विकास प्राधिकरण उज्जैन व लोक निर्माण विभाग के यंत्रियों की देखरेख में किया गया है। मार्बल के लगाने का काम भी मंदिर समिति के इन्हीं यंत्रियों को देखरेख में किया जा रहा है। मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक अवधेश शर्मा के मुताबिक पण्डित आशीष पुजारी के यजमान गुप्तदानदाता की ओर से मार्बल उपलब्ध कराया गया है। 20 मिमी मोटाई का दुधिया रंग का मार्बल है। मकराना या वियतराम से भेजा गया है। दानदाता से मिले दान का एस्टीमेट नहीं बनाया जाता है। पूर्व का मार्बल क्षतिग्रस्त हो चुका था। पंडित आशीष पुजारी के मुताबिक दानदाता ने अपना नाम गुप्त रखा है। मंदिर समिति से जुड़े इंजीनियरों के मुताबिक करीब 11 सौ से 12 सौ रुपए वर्गफीट का यह मार्बल है। 10 वर्ष बाद गर्भगृह का मार्बल तब्दील किया जा रहा है। मार्बल की कटाई और लगाने का खर्च भी दानदाता पूरा उठाएगा। गर्भगृह का मार्बल क्षतिग्रस्त न हो इसके लिए दानपेटी में रबर लगाए जा सकते हैं। यही स्थिति पानी से भरे घड़े एवं अन्य सामग्री को लाने से पूर्व रबर के की चटाई लगाकर रखी जाए, जिससे कि मार्बल खराब न हो और दानदाता के दान का सदुपयोग हो।
 गर्भगृह में 3 दिन प्रवेष बंद

श्री महाकालेष्वर मंदिर के गर्भगृह में मार्बल बदलने का कार्य     30 अप्रैल से प्रारंभ किया गया है। गर्भगृह में लगने वाला मार्बल आषीष पुजारी की प्रेरणा से गुप्त दान में प्राप्त हुआ है। मार्बल बदलने में 3 दिवस लगेंगे इस दौरान गर्भगृह में प्रवेष बंद रहेगा। दर्षनार्थी नंदीहाॅल के पीछे लगे बैरीकेट्स से दर्षन करेंगे।

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