तीन लोक के स्वामी की सवारी में शामिल हुये मुख्यमंत्री
भजन गाते एवं जयकारे लगाते हुये निकले
उज्जैन 19 अगस्त (ब्रजेश परमार) । सावन के आखरी सोमवार नगर के भ्रमण पर निकले तीन लोको के स्वामी बाबा महाकाल की पालकी को कंधा देने के लिये प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान जब सवारी में पहुचे। इधर इंद्र देव ने बारिश के फुहारो से पालकी का जोरदार स्वागत किया। श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली राजाधिराज महाकालेश्वर की श्रावण मास की आखरी सवारी सोमवार को लावलश्कर और गाजे-बाजे के साथ निकली। नगर के हाल-चाल जानने निकले बाबा महाकाल की सवारी में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सहपरिवार शामिल हुये। बाबा की पालकी को कंधा देने के साथ ही भोलेनाथ के जयकारे और भजन करते हुये भी शिव नजर आये। आस्था के बीच श्रध्दालुओं ने भी भगवान भोलेनाथ की पालकी के साथ ही मुख्यमंत्री का भी स्वागत किया।
इधर इंद्रदेव ने भी बाबा भोले का फुहारो से स्वागत किया। परंपरानुसार श्रावण के सभी और भादौ मास के दो सोमवार को राजाधिराज प्रजा का हाल जानने के लिए पालकी पर सवार होकर निकलते हैं। इस वर्ष श्रावण मास की चौथी और महीने की आखरी सवारी अपराह्न 4 बजे पूजा-पाठ के पश्चात श्री महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ हुई। विभिन्न मार्गों से होते हुए यह रामघाट पहुची। शिप्रा जलाभिषेक और पूजन के पश्चात फिर से सवारी आगे बढ़कर निर्धारित मार्गों से होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुची।
चार स्वरूपो में दिये दर्शन
राजाधिराज महाकालेश्वर की सवारी में बाबा चार स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिये। इसमें पालकी में मन-महेश, हाथी पर चन्द्रमौलेश्वर, शिव तांडाव गरूड़ पर और उमा-महेश स्वरूप नंदी पर सवार होंगे। भजन मंडलियों, ढोल-ढमाके, गाजेबाजे के साथ अन्य संगठन भी सवारी में शामिल रहेंगे।
हर वर्ष होते है सवारी में शामिल
मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराजसिंह चौहान सवारी में शामिल होने के लिए लगभग प्रतिवर्ष उजैन आ रहे हैं। व्यस्तताओं में से समय निकालकर भगवान की पूजा-अर्चना के पश्चात सवारी में शामिल होकर लौट जाते हैं। ऐसा भी हुआ है जब शिवराजसिंह चौहान पूरी सवारी में शामिल रहे। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री चौहान महाकाल मंदिर से ही सवारी के साथ पैदल शामिल रहे। उनके साथ पत्नी साधनासिंह और पुत्र कार्तिकेय भी थे।
सुबह से रहे अधिकारी तैनात
महाकाल की सवारी में शामिल होने के लिये आये मुख्यमंत्री की व्यवस्थाओं के लिये सुबह से प्रशासन जुटा हुआ था। वही सवारी व्यवस्थाओं के लिये भी अधिकारियों की डयूटी लगा दी गई थी। दोपहर सवा बजे उौन पहुचे मुख्यमंत्री परिवार सहित सर्किट हाऊस पर रूके। पार्टी के कुछ कार्यक्रमो में शामिल होने के बाद वे महाकाल पहुचे। पुजन अर्चन के बाद सवारी में शामिल हुये।