November 22, 2024

31 दिसम्बर की स्थिति में लाभ नहीं मिलने पर लगेगी पेनल्टी, भरना होगा जुर्माना

लाभ नहीं मिला तो चुनौती दो, लाभ भी लो और पाॅच सौ रूपये भी

रतलाम 18 जनवरी(इ खबरटुडे)। कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने 31 दिसम्बर 2016 की स्थिति में पात्रता प्राप्त समस्त योजनाओं के समस्त हितग्राहियों को 31 जनवरी 2017 तक हर हाल में लाभान्वित करने के निर्देष सभी संबंधित जिम्मेदारी अधिकारियों को दिये है। उन्होने कहा हैं कि निर्धारित तारीख तक यदि पात्रता के बावजुद हितग्राहियों तक लाभ नहीं पहुॅचता हैं और एक फरवरी से कभी भी कोई भी व्यक्ति आकर बताता हैं कि उसे लाभ नहीं मिला तो संबंधित जिम्मेदारी अधिकारी को पाॅच सौ रूपये का जुर्माना भरना होगा।

साधिकार शतप्रतिशत चुनौती अभियान प्रारम्भ
31 दिसम्बर 2016 की स्थिति में पात्रता के बाद भी लाभ नहीं मिलने संबंधी कोई व्यक्ति अथवा हितग्राही सूचना, जानकारी अथवा शतप्रतिशत लोगों को लाभान्वित किये जाने संबंधी दावे को चुनौती देता हैं तो दस्तावेजों के परीक्षण के उपरांत संबंधित हितग्राही को न तो सिर्फ लाभ दिलाया जाना सुनिष्चित किया जायेगा अपितु लाभ नहीं मिलने के लिये जिम्मेदार व्यक्ति से पाॅच-पाॅच सौ रूपये की राशि भी सुचना दाता और हितग्राही को दिलवायी जायेगी। राशि क्लेम किये जाने हेतु कलेक्टोरेट कार्यालय एवं सभी एसडीएम के कार्यालयों में ‘‘साधिकार शतप्रतिशत कक्ष’’ स्थापित किया जायेगा। कलेक्टर ने कहा हैं कि साधिकार शतप्रतिशत चुनौती अभियान, प्रशासन के लिये चुनौती हैं वही हितग्राहियों को भी चुनौती देने का अवसर प्रदान करता हैं। कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने बताया कि शतप्रतिशत साधिकार चुनौती अभियान निरंतर जारी रहेगा।

रतलाम जिला प्रशासन द्वारा कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर के नेतृत्व व मार्गदर्षन में पात्रता प्राप्त प्रत्येक हितग्राही को योजनाओं से लाभान्वित किये जाने के लिये क्रियान्वित किये गये अनुठे साधिकार अभियान अंतर्गत एक लाख 75 हजार पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया था। कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने अभियान के अगले चरण के रूप में जिले में प्रत्येक व्यक्ति को लाभान्वित किये जाने की चुनौती के मद्देनजर शतप्रतिषत साधिकार चुनौती अभियान का आरम्भ कर दिया है। उन्होने बताया कि 31 दिसम्बर 2016 की स्थिति में शासन की किसी भी योजना में पात्रता रखने वाले प्रत्येक हितग्राही को हर हाल में 31 जनवरी 2017 तक लाभान्वित कर देने वाला जिला रतलाम होगा। निर्धारित अवधि एवं समयसीमा के बाद भी यदि कोई व्यक्ति आवष्यक दस्तावेज प्रस्तुत कर इस बात की चुनौती देता हैं कि उसे पात्रता के बाद भी लाभ नहीं मिला तो संबंधित जिम्मेदारी अधिकारी, कर्मचारी से पाॅच सौ रूपये की राषि वसुल की जाकर हितग्राही को और चुनौती देने वाले को दी जायेगी। पात्रताधारी व्यक्ति को लाभान्वित भी किया जायेगा। साधिकार शतप्रतिषत चुनौती अभियान में 10 विभाग की 21 योजनाओं को सम्मिलित किया गया है। ग्रामीण विकास अंतर्गत राष्ट्रीय वृद्धावस्था पंेषन, राष्ट्रीय विधवा पंेषन, विकलांग पेंषन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, राष्ट्रीय परिवार सहायता, राजस्व विभाग अंतर्गत ऋण पुस्तिका का वितरण, भू-अधिकार पत्र जारी करना, फौती/अविवादित नामांतरण एवं बंटवारा, प्राकृतिक आपदा (आर.बी.सी.6(4) मामले, कृषक कल्याण योजना के अंतर्गत लाभ, श्रम विभाग अंतर्गत भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल, खाद्य विभाग अंतर्गत उज्जवला योजना, चिकित्सा विभाग अंतर्गत जननी सुरक्षा योजना, राज्य बीमारी सहायता, मुख्यमंत्री बाल हद्य योजना, महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत लाड़ली लक्ष्मी योजना, बच्चों का टीकाकरण, सामाजिक न्याय विभाग अंतर्गत विकलांग प्रमाण पत्र पात्रतानुसार दिया जाना, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग अंतर्गत छात्र गृह योजना अंतर्गत लाभ दिया जाना, सोलेषियम एक्ट के अंतर्गत लाभ, सड़क दुर्घटना योजना के अंतर्गत लाभ पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किये जाने के निर्देष दिये है।

साधिकार शतप्रतिषत कक्ष राषि क्लेम की जा सकेगी
कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने बताया हैं कि कलेक्टोरेट कार्यालय एवं जावरा, आलोट, रतलाम ग्रामीण, रतलाम शहर और सैलाना एसडीएम कार्यालय में साधिकार शतप्रतिशत कक्ष बनाया जायेगा। इस कक्ष में जो भी व्यक्ति पात्रता के बावजुद लाभ नहीं दिये जाने की चुनौती देता हैं वह आवष्यक दस्तावेज प्रस्तुत कर जुर्माना राषि का क्लेम कर सकता है। साधिकार शतप्रतिशत कक्ष में मौजूद अमले के द्वारा उसके दावे का परीक्षण किया जायेगा और परीक्षण उपरांत संबंधित अधिकारियों को वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देषानुसार जुर्माना भरने के लिये कार्यवाही की जायेगी। यदि संबंधित अधिकारी जुर्माना राशि नहीं भरते हैं तो अगले माह के वेतन से राशि का कटोत्रा किया जायेगा।
टीकाकरण नहीं होना बताना भी पर्याप्त होगा
कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने बताया कि बच्चों को लगने वाले टीके के संबंध में यदि उन्हें समय पर टीके नहीं लगते हैं तो किसी प्रकार का आवेदन या दस्तावेज प्रस्तुत करना जरूरी नहीं होगा। उन्हें सिर्फ टीकाकरण नहीं होने संबंधी जानकारी देना होगी। षिषुओं को टीका लगा या नहीं लगा यह बताना और सिद्ध करना संबंधित एएनएम और आषा कार्यकर्ता या अन्य जिम्मेदार कर्मचारी की जिम्मेदारी रहेगी। नहीं लगा तो उपयुक्त कारण बताना होगा। उपयुक्त कारण के अभाव में संबंधित जिम्मेदार को जुर्माना राषि भरनी होगी।

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